अजमेर. राज्यसभा में पारित तीन तलाक के बिल को लेकर अजमेर में मुस्लिम समाज की प्रतिक्रिया से एक बात तो स्पष्ट है कि इस बिल को लेकर लोग खुलकर कुछ नहीं बोलना चाहते. वहीं जो लोग इस बिल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वह बिल से खुश नहीं है.
लोगों का कहना है कि इस बिल के जरिए मोदी सरकार ने मुसलमानों के साथ खिलवाड़ किया है. उनका तर्क है कि कुरान में जो कुछ लिख दिया गया है उसे बदलना मुमकिन नहीं है. लेकिन हिंदूवादी विचारधारा को कायम रखते हुए मोदी सरकार ने तीन तलाक का बिल पारित बहुमत से तो करवा लिया है लेकिन मुसलमान इस बिल को नहीं मानेंगे. बिल को लेकर महिलाओं का कहना है कि बिल में काफी खामियां है, जिसको लेकर महिलाओं की परेशानियां कम होने की बजाय और ज्यादा बढ़ेगी.
दरगाह में खादिम नफीस मियां चिश्ती का कहना है कि कुरान के जानकार लोगों से सही मशवरा करके ही तीन तलाक के मुद्दे को हल किया जाना चाहिए था. वहीं समाजसेवी संस्था से जुड़े सदर जुल्फिकार चिश्ती का कहना है कि कुरान में तीन तलाक को लेकर महिलाओं के हक और सुरक्षा को लेकर सारे प्रावधान हैं. इसके बाद भी तीन तलाक का बिल लाया गया है यह सिर्फ अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए मोदी सरकार ने ऐसा किया है.
स्थानीय नासिर चिश्ती का कहना है कि तीन तलाक बिल मुसलमानों के साथ खिलवाड़ है .बिल को मोदी सरकार ने बहुमत के चलते पारित तो करवा लिया है लेकिन मुसलमान कभी भी इस बिल को नहीं मानेंगे. स्थानीय सबा खान ने कहा कि बिल को लेकर काफी खामियां हैं. इसमें 3 साल की सजा का प्रावधान शोहर के लिए किया गया है लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उस वक्त महिला की क्या स्थिति होगी. शोहर को सजा होने के बाद उसके बच्चों का क्या होगा.
आपको बता दें कि तीन तलाक को लेकर ज्यादातर लोग अपनी प्रतिक्रिया देने से कतराते रहे, लेकिन जिन लोगों ने तीन तलाक का बिल राज्यसभा में पास होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी वह इस बिल से खुश नजर नहीं आए.