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अजमेर में अभिभावकों ने निजी स्कूल की फीस माफी को लेकर किया प्रदर्शन - निजी स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन

अजमेर में निजी स्कूलों के खिलाफ अजयमेरु अभिभावक संघ लंबे वक्त से फीस माफी की मांग कर रहा है. इस बीच अभिभावकों ने कलक्ट्रेट पर लामबंद होकर प्रदर्शन किया है. निजी स्कूल फीस के लिए दबाव बना रहे हैं. वहीं, अभिभावक बिना पढ़ाई के फीस नहीं देने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं.

Ajmer news, Parents protest, private school
अजमेर में अभिभावकों ने निजी स्कूल की फीस माफी को लेकर किया प्रदर्शन
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Published : Aug 31, 2020, 3:16 PM IST

अजमेर. जिले में निजी स्कूलों के खिलाफ अजयमेरु अभिभावक संघ का फीस माफी को लेकर आंदोलन जारी है. निजी स्कूल फीस के लिए दबाव बना रहे हैं. वहीं अभिभावक बिना पढ़ाई के फीस नहीं देने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. फीस माफी को लेकर 31 अगस्त को अभिभावकों ने बंद का आह्वान किया था. कुछ अभिभावकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं, लेकिन ज्यादातर प्रतिष्ठान और दुकानें खुली हुई है.

अजमेर में अभिभावकों ने निजी स्कूल की फीस माफी को लेकर किया प्रदर्शन

निजी स्कूलों के खिलाफ अजयमेरु अभिभावक संघ लंबे वक्त से फीस माफी की मांग कर रहा है. कई स्कूलों के बाहर अभिभावकों ने प्रदर्शन किए. जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री और शिक्षा राज्य मंत्री को कई बार ज्ञापन भी दिए हैं. सोमवार को अभिभावकों ने जिला मुख्यालय पर लामबंद होकर जिला कलेक्टर को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है. अभिभावकों का कहना है कि 24 मार्च 2020 से पूरे भारत में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन जैसा प्रभावी कदम उठाया गया था. लॉकडाउन के चलते देश का प्रत्येक नागरिक प्रभावित हुआ और उसका व्यापार रोजगार नहीं रहा.

अभिभावकों ने बताया कि 80 प्रतिशत अभिभावक मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं. अपने बच्चों के प्राइवेट स्कूल की फीस भरने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी तक स्कूल बंद है. बावजूद इसके अभिभावकों से फीस का दबाव निजी स्कूल बना रहे हैं. सरकार ने फीस स्थगित की है, लेकिन अभिभावकों को अभी तक कोई छुट नहीं दी गई है. अभिभावक चाहते हैं कि जब स्कूल बंद है और पढ़ाई नहीं हुई है तो फिर फीस अभिभावक क्यों दें.

यह भी पढ़ें- हम भाजपा के सच्चे सिपाही, किसी के बहकावे में आने वाले नहीं : गोपीचंद मीणा

अभिभावक लविशा बताती हैं कि प्रदेश में साढ़े 6 लाख से अधिक अभिभावक लंबे समय से फीस माफी की मांग उठा रहे हैं, लेकिन सरकार इसको गंभीर मुद्दा नहीं मानकर अभिभावकों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. अभिभावक कुशाल अग्रवाल ने बताया कि वह स्वयं एक कोचिंग सेंटर के संचालक हैं. पिछले 6 महीने से उन्होंने एक भी रुपया नहीं कमाया है, जब वह स्वयं कोचिंग पर आने वाले विद्यार्थियों से पैसा नहीं ले रहे हैं. ऐसे में वह अपने बच्चे की फीस क्यों दें, जबकि स्कूल बंद है.

अजमेर. जिले में निजी स्कूलों के खिलाफ अजयमेरु अभिभावक संघ का फीस माफी को लेकर आंदोलन जारी है. निजी स्कूल फीस के लिए दबाव बना रहे हैं. वहीं अभिभावक बिना पढ़ाई के फीस नहीं देने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. फीस माफी को लेकर 31 अगस्त को अभिभावकों ने बंद का आह्वान किया था. कुछ अभिभावकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं, लेकिन ज्यादातर प्रतिष्ठान और दुकानें खुली हुई है.

अजमेर में अभिभावकों ने निजी स्कूल की फीस माफी को लेकर किया प्रदर्शन

निजी स्कूलों के खिलाफ अजयमेरु अभिभावक संघ लंबे वक्त से फीस माफी की मांग कर रहा है. कई स्कूलों के बाहर अभिभावकों ने प्रदर्शन किए. जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री और शिक्षा राज्य मंत्री को कई बार ज्ञापन भी दिए हैं. सोमवार को अभिभावकों ने जिला मुख्यालय पर लामबंद होकर जिला कलेक्टर को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है. अभिभावकों का कहना है कि 24 मार्च 2020 से पूरे भारत में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन जैसा प्रभावी कदम उठाया गया था. लॉकडाउन के चलते देश का प्रत्येक नागरिक प्रभावित हुआ और उसका व्यापार रोजगार नहीं रहा.

अभिभावकों ने बताया कि 80 प्रतिशत अभिभावक मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं. अपने बच्चों के प्राइवेट स्कूल की फीस भरने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी तक स्कूल बंद है. बावजूद इसके अभिभावकों से फीस का दबाव निजी स्कूल बना रहे हैं. सरकार ने फीस स्थगित की है, लेकिन अभिभावकों को अभी तक कोई छुट नहीं दी गई है. अभिभावक चाहते हैं कि जब स्कूल बंद है और पढ़ाई नहीं हुई है तो फिर फीस अभिभावक क्यों दें.

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अभिभावक लविशा बताती हैं कि प्रदेश में साढ़े 6 लाख से अधिक अभिभावक लंबे समय से फीस माफी की मांग उठा रहे हैं, लेकिन सरकार इसको गंभीर मुद्दा नहीं मानकर अभिभावकों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. अभिभावक कुशाल अग्रवाल ने बताया कि वह स्वयं एक कोचिंग सेंटर के संचालक हैं. पिछले 6 महीने से उन्होंने एक भी रुपया नहीं कमाया है, जब वह स्वयं कोचिंग पर आने वाले विद्यार्थियों से पैसा नहीं ले रहे हैं. ऐसे में वह अपने बच्चे की फीस क्यों दें, जबकि स्कूल बंद है.

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