अजमेर. प्याज आम आदमी से लेकर खास आदमी के कीचन में आपको मिल जाएगी, लेकिन फिलहाल प्याज खरीदना आम लोगों के लिए पनीर खरीदने की तरह होता जा रहा है. वजह है प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी. नवरात्र चल रहे हैं, जिसके चलते प्याज की खपत कम हो रही, लेकिन दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. दक्षिण पश्चिम के राज्यों में बारिश की वजह से प्याज के उत्पादन और आपूर्ति दोनों प्रभावित हुए हैं. जिसके जो प्याज पहले 40 से 50 रुपए प्रति किलो में बिक रही थी अब 70 से 80 रुपए किलो हो गई है.
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लोगों का कहना है कि किसानों से जमाखोर प्याज सस्ते दामों में खरीद रहे हैं और इसकी जमाखोरी कर मार्केट में प्याज की कमी ला रहे हैं. जिसके बाद मनचाहे दामों में प्याज बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं. प्याज के बढ़ते दामों के चलते कई निम्न मध्यम वर्ग के लोगों ने प्याज खरीदना ही बंद कर दिया है. वहीं, जो लोग खरीद रहे हैं वो भी जरूरत के हिसाब से काफी कम प्याज खरीद रहे हैं.
होलसेलर विक्रेताओं ने बताया कि भारत में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन नासिक में होता है. वहां बारिश के वजह से प्याज की काफी मात्रा में फसल खराब हो गई. जिसके चलते मार्केट में प्याज की कीमतें बढ़ गई. अभी जो प्याज मार्केट में आ रही है वो मध्य प्रदेश और नागौर के थांवला सहित आसपास के क्षेत्रों से आ रही है, लेकिन मंडियों में फिर भी प्याज की जितनी डिमांड है उतनी पूर्ति नहीं होने के चलते इसके दाम बढ़ते जा रहे हैं. लोग भी अब पहले की तुलना में कम प्याज खरीद रहे हैं. एक तो कोरोना के कारण मध्यम वर्ग की आर्थिक कमर पहले से ही टूटी हुई है. इसके साथ ही बढ़ते प्याज के दामों ने लोगों के कीचन का जायका बिगाड़ दिया है.