अजमेर. सांसद भागीरथ चौधरी (MP Bhagirath Chowdhury) ने मार्बल एवं हाईवे नगरी को सिरेमिक हब (ceramic hub) के रूप में विकसित करने की सरकार से आवश्यक मदद मांगी है. इस संबंध में सांसद भागीरथ चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) एवं केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister of Commerce and Industry piyush goyal) और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ (Union Minister Mahendra Nath) को पत्र लिखा है.
सांसद भागीरथ चौधरी ने बताया कि अजमेर संसदीय क्षेत्र में किशनगढ़ एक औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) है. मार्बल मंडी (marble market) से किशनगढ़ विश्व विख्यात है और अब ग्रेनाइट हब के रूप में भी किशनगढ़ विकसित हो रहा है. किशनगढ़ व्यापारिक एवं औद्योगिक मानचित्र पर अंकित हो गया है. यहां के उद्यमियों एवं व्यापारियों की लगन और परिश्रम के चलते किशनगढ़ को मार्बल एवं ग्रेनाइट क्षेत्र में ऊंचाई प्राप्त हो रही है.
चौधरी ने कहा कि इस उद्यमशीलता के चलते अब किशनगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में निवेशक सिरेमिक उद्योग में भी इतनी ही लगन से भारी निवेश करने को लालायित हैं. सिरेमिक टाइल्स एवं अन्य वस्तुओं के निर्माण में उपयोग लाने वाला कच्चा माल फेल्सपार और क्वार्ट्स (feldspar and quarts) का गुजरात राज्य की सिरेमिक इंडस्ट्रीज को भारी मात्रा में भेजा जा रहा है. यदि किशनगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में सिरेमिक की नवीन इकाइयां अर्थात फैक्ट्रियां स्थापित की जाती है तो गुजरात सहित अन्य राज्यों को जाने वाला फेल्सपार और क्वार्ट्स का उपयोग स्थानीय स्तर पर ही होगा.
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जिससे यहां पर रोजगार के नवीन अवसर का सर्जन होगा साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार के लिए राजस्व का एक नया स्त्रोत भी चालू हो जाएगा. सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि सिरेमिक उद्योग के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक एवं आवश्यकता प्राकृतिक गैस होती है. वर्तमान में मेहसाणा से बठिंडा तक जाने वाली नवीन गैस पाइपलाइन राजस्थान प्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजर रही है. इस वर्ष के अंत तक संपूर्ण पाइप लाइन बिछ जाएगी. यह पाइप लाइन अजमेर जिले में किशनगढ़ के पास से भी होकर गुजर रही है.
इस प्रकार सिरेमिक उद्योग के लिए महत्वपूर्ण आवश्यक दोनों घटक अर्थात कच्चा माल और प्राकृतिक गैस की पर्याप्त उपलब्धता किशनगढ़ अजमेर परिक्षेत्र में ही रहेगी. चौधरी ने मांग की है कि किशनगढ़ को सिरेमिक हब घोषित करा कर विकसित करने के लिए आगामी बजट घोषणा 2022-23 की विभागीय योजना अंतर्गत प्रथम स्वीकृति जारी कराने की मांग पत्र के माध्यम से की गई है.