अजमेर. शहर में सेवा भावना रखने वाले लोगों के लिए इंदिरा रसोई मददगार साबित हो रही है. जिसमें कई संस्थाएं इंदिरा रसोई के माध्यम से गरीब बेसहारा लोगों का पेट भर रही है. वहीं कोरोना काल में गरीब कामगार और देहात क्षेत्रों से अस्पताल आने वाले मरीज और उनके परिजनों के लिए भी पेट भरने का सस्ता और सुलभ माध्यम बन चुकी है. साथ ही कई लोग इंदिरा रसोई के माध्यम से परोपकार कर पुण्य कमा रहे हैं.
बता दें कि संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में बनी इंदिरा रसोई 8 रुपए में लोगों को भोजन उपलब्ध करवा रही है. इस रसोई में आए दिन कई संस्थाएं परोपकार की भावना से गरीब तबके के लोगों को निःशुल्क भोजन करवा रहे हैं. साथ ही इंदिरा रसोई की खास बात यह है कि इसमें कोई भी दानदाता लोगों को भोजन करवाने के लिए सहयोग दे सकता है.
यही वजह है कि लोग खास मौकों पर लोगों को भोजन करवाने का पुनीत काम कर रहे हैं. सोमवार को अजमेर में दी स्मार्ट अजमेरियन संस्था की ओर से करीब साढ़े छह सौ लोगों को इंदिरा रसोई के माध्यम से निःशुल्क भोजन करवाया गया. नियमानुसार संस्था ने भोजन के लिए भुगतान इंदिरा रसोई को कर दिया है. साथ ही जन सेवा में काम करने वाली संस्थाओं के लिए इंदिरा रसोई मददगार साबित हो रही है.
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दी स्मार्ट अजमेरियन संस्था के पदाधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया कि संस्था के माध्यम से दोपहर और रात्रि का भोजन लोगों को करवाया जा रहा है. संस्था के अध्यक्ष सोना धनवानी ने बताया कि कोरोना काल में कई गरीब तबके के लोगों के पास रोजगार नहीं है. साथ ही अस्पताल में गांव ढाणी से इलाज के लिए आने वाले गरीब किसानों को इंदिरा रसोई के माध्यम से भोजन करवाया जा रहा है.
धनवानी ने कहा कि गरीबों के लिए ही नहीं बल्कि जनसेवा की भावना से काम करने वाली संस्थाओं के लिए भी इंदिरा रसोई मददगार है. साथ ही इंदिरा रसोई में खाने की गुणवत्ता अच्छी है. संस्था के लोगों ने पहले खुद भोजन किया फिर उसके बाद लोगों को भोजन करवाया. इसके बाद संस्था ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी धन्यवाद ज्ञापित किया है.