अजमेर. वैश्विक कोरोना महामारी के चलते केंद्र और राज्य सरकार ने लॉकडाउन 5.0 में आमजन के लिए कई राहत के दरवाजे खोले हैं. लेकिन अजमेर जिला मुख्यालय का मुख्य द्वार 70 दिनों बाद भी नहीं खुल सका है.
लंबे लॉकडाउन के बाद जिला मुख्यालय परिसर में मौजूद विभिन्न विभागों में आवश्यक कार्य से आने वाले लोग बंद दरवाजे को देख लौट जाते हैं. जबकि परिसर में जाने के लिए एक और दरवाजा है. जहां से वाहनों के आवागमन की वजह से हमेशा जाम की स्थित रहती है.
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अजमेर जिला मुख्यालय में जिला कलक्टर, एडीएम सिटी एडीएम प्रशासन, पुलिस अधीक्षक, रसद विभाग, निर्वाचन विभाग, ट्रेजरी, समाज कल्याण विभाग सहित कई विभागों के दफ्तर हैं. राज्य सरकार ने सभी सरकारी दफ्तर खोलने के साथ अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरी क्षमता के साथ जनता के कार्य करने के निर्देश दिए हैं.
लॉकडाउन 5.0 में मिली छूट के बाद लोग आवश्यक कार्यों और समस्याओं के लिए जिला मुख्यालय आ रहे हैं. इनमें अधिकांश लोग जिला मुख्यालय का मुख्य द्वार देखकर ही वापस लौट जाते हैं. लॉकडाउन के पहले दिन से बंद जिला मुख्यालय का मुख्य द्वार शुक्रवार को 70वें दिन भी बंद है.
बंद दरवाजे को देख लौटने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जिले में दूरदराज से लोग जिला मुख्यालय राहत पाने के लिए आते हैं, लेकिन लॉकडाउन 5.0 में मिली छूट में जिला मुख्यालय का दरवाजा बंद देखकर निराश लौट जाते हैं.
स्थानीय निवासी विक्रम सिंह बताते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार ने कई तरह की छूट देकर आमजन को राहत दी है, लेकिन आमजन के लिए बंद जिला मुख्यालय का मुख्य द्वार लोगों को आहत कर रहा है.
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उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय परिसर में जाने के लिए दूसरे दरवाजे से व्यवस्था की गई है. जहां पर पुलिस की तैनाती है. जहां कई लोग डर से भीतर नहीं जा पाते हैं. वहीं, जो लोग जागरूक हैं. ऐसे लोग वाहन लेकर प्रवेश करते हैं. जिससे कई बार आवागमन अवरुद्ध हो जाता है. परिसर के भीतर पार्किंग की समस्या रहती है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं हो पाती है.
विक्रम सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन को आमजन को राहत पहुंचाने के लिए जिला मुख्यालय का मुख्य द्वार अब खोल देना चाहिए. एक अन्य स्थानीय सुरेश ने बताया कि वह अपनी समस्या के लिए पुलिस अधीक्षक के पास आए हैं, लेकिन जिला मुख्यालय का मुख्य द्वार बंद है. पूछने पर उन्होंने बताया कि भीतर जाने के लिए वह अनुमति मांगेंगे.
यानी सुरेश को भी नहीं मालूम कि जिला मुख्यालय परिसर में एक और दरवाजा है. खास बात यह है कि जिला मुख्यालय का दरवाजा बंद रहने पर भी यहां कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है. जिससे कि आमजन को पता चल सके कि जिला मुख्यालय परिसर में जाने के लिए दूसरा द्वार किस ओर है.
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जिला मुख्यालय के 70 दिन से बंद द्वार खोलने के मामले में अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. दूसरी ओर जिला मुख्यालय के दूसरे द्वार से अनभिज्ञ लोग यही मान रहे हैं कि कोरोना की वजह से उनके लिए जिला मुख्यालय के दरवाजे राहत देने के लिए बंद हैं.