अजमेर. पुष्कर में अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में विदेशी पर्यटकों की आवक में काफी कमी आई है. 4 नवम्बर से पुष्कर मेले का आगाज हुआ है और 11 नवम्बर तक मेला जारी रहेगा. मेले की शुरुआत में विदेशी पर्यटकों की आवक में काफी कमी देखी जा रही है.
बता दें कि पुष्कर एवं आसपास क्षेत्रों में सैकड़ों होटल हैं, लेकिन पर्यटकों की कम संख्या से होटल व्यवसायों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं. होटल व्यवसायी राजेन्द्र माहवार ने बताया कि 2 साल पहले तक मेले के दौरान सभी होटलों में कमरे पर्यटकों से आबाद रहते थे. हालात यह होते थे कि पुष्कर और आसपास के होटलों में कमरे नहीं मिलने पर 20 फीसदी पर्यटकों को अजमेर या जयपुर में होटलों में ठहरना पड़ता था.
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग ने कई पारंपरिक खेलों और इवेंट्स का आयोजन किया है. पर्यटन विभाग के उप निदेशक अजय शर्मा ने बताया कि होटलों और गेस्ट हाउस में पर्यटकों के ठहराव की पड़ताल से लग रहा है कि 70 फीसदी आवक पर्यटकों की इस बार मेले में हुई है.
पर्यटकों को लुभा रही सतरंगी लोक संस्कृति
पुष्कर मेले में पर्यटकों के मनोरंजन एवं आकर्षण के लिए तमाम व्यवस्थाएं हैं. मेले में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक इनका आनंद भी ले रहे हैं. वहीं पर्यटकों को पशु मेले में सतरंगी लोक संस्कृति भी लुभा रही है. पुष्कर मेले की शुरुआत में विदेशी पावणों की कमी होटल व्यवसायियों को खल रही है. फिलहाल पर्यटकों का पुष्कर में आना जारी है. मेला 11 नवम्बर तक जारी रहेगा. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पुष्कर मेले के मध्य तक विदेशी पावणों की आवक संतोष जनक होगी.
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पुष्कर में पर्यटकों पर निर्भर है उद्योग
पुष्कर में ज्यादातर उद्योग पर्यटन से जुड़े हुए हैं. जाहिर है कि देशी-विदेशी पर्यटकों की अच्छी आवक पर्यटन उद्योग को ना केवल बढ़ावा देगी, बल्कि इनसे जुड़े व्यवसायियों को भी आर्थिक संबल मिलेगा. मेले की शुरुआत में देशी-विदेशी पर्यटकों की कमी बेशक पर्यटन उद्योग के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता, लेकिन माना जा रहा है कि मेले के मध्य तक देशी- विदेशी पर्यटकों की संतोषजनक आवक से नुकसान में जा रहे पर्यटन उद्योगों को फायदा होगा.
पिछले एक दशक में आने वाले पर्यटकों के आंकड़े एक नजर
साल पर्यटक ( देशी ) पर्यटक ( विदेशी)
2008 3 लाख 75 हजार ( देशी ) 6 हजार 450 ( विदेशी)
2009 3 लाख 80 हजार ( देशी ) 4 हजार 697 ( विदेशी )
2010 3 लाख 50 हजार ( देशी ) 5 हजार 879 ( विदेशी )
2011 3 लाख 65 हजार ( देशी ) 6 हजार 300 ( विदेशी)
2012 3 लाख 25 हजार ( देशी) 7 हजार 500 ( विदेशी )
2013 4 लाख 50 हजार ( देशी) 9 हजार 100 ( विदेशी )
2014 4 लाख 50 हजार ( देशी ) 10 हजार ( विदेशी)
2015 5 लाख ( देशी ) 11 हजार ( विदेशी )
2016 4 लाख 50 हजार ( देशी ) 11 हजार 750( विदेशी )
2017 4 लाख ( देशी ) 9 हजार ( विदेशी)
2018 4 लाख 15 हजार ( देशी ) 12 हजार 800 ( विदेशी )