ETV Bharat / city

Special : कभी था आकर्षण का केंद्र...आज बदहाली पर आंसू बहा रहा लव-कुश गार्डन

अजमेर का लव-कुश गार्डन पिछले 1 साल से बदहाली के आंसू रो रहा है. करोड़ों की लागत से 1994 में निर्मित यह गार्डन अब नशेड़ियों का अड्डा बन गया है. नगर निगम और जिला प्रशासन ने इस ओर कोई सुध नहीं ली. किसी वक्त में यह जगह अजमेर में घूमने आए पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र रहता था, लेकिन आज पर्यटक भी इस गार्डन में आने से कतराते हैं. देखिये ये रिपोर्ट...

अजमेर का लवकुश गार्डन, Lovekush Garden of Ajmer
नशेड़ियों का अड्डा बन गया है लवकुश गार्डन
author img

By

Published : Sep 6, 2020, 2:08 PM IST

अजमेर. शहर के बीच आनासागर झील से सटा लव-कुश गार्डन कभी अपनी सुंदरता से पर्यटकों का मन मोह लेता था. भगवान श्रीराम के दो पुत्र लव और कुश के नाम से बनाए गए गार्डन में सौंदर्यता के साथ धर्म में रुचि रखने वाले लोगों को संतों और महापुरुषों की तस्वीर के साथ उनके बारे में जानकारी भी मिलती थी. वहीं, एक दशक पहले से गार्डन की ऐसी बदहाली शुरू हुई कि वह आज तक जारी है. वर्तमान हालात यह है कि लव-कुश गार्डन नशाखोरों और खानाबदोश लोगों का अड्डा बन गया है.

लव-कुश गार्डन की बदहाल तस्वीर...

इस गार्डन में महापुरुषों के चित्रों के साथ उनके विचारों को स्लोगन के रूप में प्रदर्शित किया गया है, लेकिन आज इस गार्डन में तस्वीरें ढूंढने पर भी नहीं मिलेंगी. सब गायब हो चुकी है. गार्डन में रोशनी के लिए सोलर लाइट लगाई गई थी. जिसके पोल धराशाई हो चुके हैं और लाइटें गार्डन में बने फव्वारों के पुल में पड़ी खराब हो चुकी हैं. गार्डन के बीचोबीच भारत माता की चित्र बनी है, जिसका रंग फीका पड़ गया है. ठीक उसके दूसरी ओर अश्वमेघ का घोड़ा पकड़े लव और कुश की मूर्ति है.

पढ़ेंः Special: साइकिल चलाना स्वास्थ्य के लिए कैसे है फायदेमंद?

रखरखाव के अभाव में वह भी बदरंग हो चुकी है. फवारों के पूल में पौधे उग आए हैं. हर तरफ गंदगी का आलम है. सुंदर गार्डन जंगल के रूप में बदल चुका है. गार्डन की सुध लेने वाला कोई नहीं है, इसलिए खानाबदोश और नशाखोरों के लिए लव-कुश गार्डन पसंदीदा जगह बन गई है. यह गार्डन उत्तर विधानसभा क्षेत्र में आता है और यहां के विधायक वासुदेव देवनानी हैं.

अजमेर का लवकुश गार्डन, Lovekush Garden of Ajmer
लोगों के बैठने की जगह भी ध्वस्त हो गई...

लव-कुश गार्डन की बदहाली से देवनानी भी अनजान नहीं है, लेकिन इस गार्डन का निर्माण नगर सुधार न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष रहे ओंकार सिंह लखावत ने करवाया था. लिहाजा देवनानी की निगाहें गार्डन की ओर 15 सालों में कभी नहीं गई. ओंकार सिंह लखावत और वासुदेव देवनानी के बीच के रिश्ते किसी से छुपे हुए नहीं हैं. शहर के लोग चाहते हैं कि स्मार्ट सिटी योजना में लव-कुश गार्डन की बदहाली दूर हो.

पढ़ेंः SPECIAL : तमिलनाडु की तर्ज पर राजस्थान में तैयार हुआ सड़क सुरक्षा रोड मैप, हादसों में आएगी कमी

गार्डन की बदहाली लोगों के मन को ठेस पहुंचा रही है. गार्डन की बदहाली ऐसी है कि महापुरुषों से जुड़ी प्रदर्शनियों तक नहीं बच पाई है. सन 1994 में करोड़ों रुपए खर्च करके गार्डन को खूबसूरत रूप दिया गया था. लोगों के ज्ञान वर्धन के लिए महापुरुषों की प्रदर्शनी लगाई गई थी, लेकिन सालों से गार्डन की अनदेखी की वजह से सब कुछ तबाह हो गया है.

अजमेर का लवकुश गार्डन, Lovekush Garden of Ajmer
उग चुकी है घास और जंगली पौधे...

आनासागर के चारों और बने पाथवे पर चहलकदमी करते हुए जब पर्यटक लव कुश गार्डन पहुंचते हैं तो गार्डन की दुर्दशा को देखकर शहर की बदरंग छवि मन में लिए लौट जाते हैं. एक पर्यटक नीरज मेघवंशी बताते हैं कि अजमेर स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है, ऐसे में गार्डन की दुर्दशा भी सुधरनी चाहिए. लव-कुश गार्डन को बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वसुंधरा सरकार में राज्य धरोहर प्रंनोती संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत की रही है. लखावत तत्कालीन अजमेर सुधार न्यास के अध्यक्ष थे. तब गार्डन अपनी खूबसूरती के लिए पहचाना जाता था. मगर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी की वजह से धीरे-धीरे बदहाली का शिकार होता चला गया.

अजमेर का लवकुश गार्डन, Lovekush Garden of Ajmer
गार्डन का टूटा हुआ फव्वारा

पढ़ेंः SPECIAL: कैंसर पीड़ित रोहित को मिली सरकार से मदद, जयपुर के एसएमएस अस्पताल में शुरू हुआ इलाज

लगातार 4 बार विधायक रहे वासुदेव देवनानी ने भी कभी लव-कुश गार्डन की सुध नहीं ली. अब जब स्मार्ट सिटी को लेकर शहर में विकास के दावे किए जा रहे हैं तो इन दावों की पोल लव-कुश गार्डन खोल रहा है. स्मार्ट सिटी के तहत गार्डन में आनासागर से सटाकर फूड कोर्ट और कैफेटेरिया खोला गया है. दिया तले अंधेरा प्रशासन को भी दिखाई नहीं दे रहा है. तबाह हो रहा लव-कुश गार्डन स्मार्ट सिटी होने जा रहे अजमेर का बदरंग चेहरा बन चुका है.

अजमेर. शहर के बीच आनासागर झील से सटा लव-कुश गार्डन कभी अपनी सुंदरता से पर्यटकों का मन मोह लेता था. भगवान श्रीराम के दो पुत्र लव और कुश के नाम से बनाए गए गार्डन में सौंदर्यता के साथ धर्म में रुचि रखने वाले लोगों को संतों और महापुरुषों की तस्वीर के साथ उनके बारे में जानकारी भी मिलती थी. वहीं, एक दशक पहले से गार्डन की ऐसी बदहाली शुरू हुई कि वह आज तक जारी है. वर्तमान हालात यह है कि लव-कुश गार्डन नशाखोरों और खानाबदोश लोगों का अड्डा बन गया है.

लव-कुश गार्डन की बदहाल तस्वीर...

इस गार्डन में महापुरुषों के चित्रों के साथ उनके विचारों को स्लोगन के रूप में प्रदर्शित किया गया है, लेकिन आज इस गार्डन में तस्वीरें ढूंढने पर भी नहीं मिलेंगी. सब गायब हो चुकी है. गार्डन में रोशनी के लिए सोलर लाइट लगाई गई थी. जिसके पोल धराशाई हो चुके हैं और लाइटें गार्डन में बने फव्वारों के पुल में पड़ी खराब हो चुकी हैं. गार्डन के बीचोबीच भारत माता की चित्र बनी है, जिसका रंग फीका पड़ गया है. ठीक उसके दूसरी ओर अश्वमेघ का घोड़ा पकड़े लव और कुश की मूर्ति है.

पढ़ेंः Special: साइकिल चलाना स्वास्थ्य के लिए कैसे है फायदेमंद?

रखरखाव के अभाव में वह भी बदरंग हो चुकी है. फवारों के पूल में पौधे उग आए हैं. हर तरफ गंदगी का आलम है. सुंदर गार्डन जंगल के रूप में बदल चुका है. गार्डन की सुध लेने वाला कोई नहीं है, इसलिए खानाबदोश और नशाखोरों के लिए लव-कुश गार्डन पसंदीदा जगह बन गई है. यह गार्डन उत्तर विधानसभा क्षेत्र में आता है और यहां के विधायक वासुदेव देवनानी हैं.

अजमेर का लवकुश गार्डन, Lovekush Garden of Ajmer
लोगों के बैठने की जगह भी ध्वस्त हो गई...

लव-कुश गार्डन की बदहाली से देवनानी भी अनजान नहीं है, लेकिन इस गार्डन का निर्माण नगर सुधार न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष रहे ओंकार सिंह लखावत ने करवाया था. लिहाजा देवनानी की निगाहें गार्डन की ओर 15 सालों में कभी नहीं गई. ओंकार सिंह लखावत और वासुदेव देवनानी के बीच के रिश्ते किसी से छुपे हुए नहीं हैं. शहर के लोग चाहते हैं कि स्मार्ट सिटी योजना में लव-कुश गार्डन की बदहाली दूर हो.

पढ़ेंः SPECIAL : तमिलनाडु की तर्ज पर राजस्थान में तैयार हुआ सड़क सुरक्षा रोड मैप, हादसों में आएगी कमी

गार्डन की बदहाली लोगों के मन को ठेस पहुंचा रही है. गार्डन की बदहाली ऐसी है कि महापुरुषों से जुड़ी प्रदर्शनियों तक नहीं बच पाई है. सन 1994 में करोड़ों रुपए खर्च करके गार्डन को खूबसूरत रूप दिया गया था. लोगों के ज्ञान वर्धन के लिए महापुरुषों की प्रदर्शनी लगाई गई थी, लेकिन सालों से गार्डन की अनदेखी की वजह से सब कुछ तबाह हो गया है.

अजमेर का लवकुश गार्डन, Lovekush Garden of Ajmer
उग चुकी है घास और जंगली पौधे...

आनासागर के चारों और बने पाथवे पर चहलकदमी करते हुए जब पर्यटक लव कुश गार्डन पहुंचते हैं तो गार्डन की दुर्दशा को देखकर शहर की बदरंग छवि मन में लिए लौट जाते हैं. एक पर्यटक नीरज मेघवंशी बताते हैं कि अजमेर स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है, ऐसे में गार्डन की दुर्दशा भी सुधरनी चाहिए. लव-कुश गार्डन को बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वसुंधरा सरकार में राज्य धरोहर प्रंनोती संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत की रही है. लखावत तत्कालीन अजमेर सुधार न्यास के अध्यक्ष थे. तब गार्डन अपनी खूबसूरती के लिए पहचाना जाता था. मगर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी की वजह से धीरे-धीरे बदहाली का शिकार होता चला गया.

अजमेर का लवकुश गार्डन, Lovekush Garden of Ajmer
गार्डन का टूटा हुआ फव्वारा

पढ़ेंः SPECIAL: कैंसर पीड़ित रोहित को मिली सरकार से मदद, जयपुर के एसएमएस अस्पताल में शुरू हुआ इलाज

लगातार 4 बार विधायक रहे वासुदेव देवनानी ने भी कभी लव-कुश गार्डन की सुध नहीं ली. अब जब स्मार्ट सिटी को लेकर शहर में विकास के दावे किए जा रहे हैं तो इन दावों की पोल लव-कुश गार्डन खोल रहा है. स्मार्ट सिटी के तहत गार्डन में आनासागर से सटाकर फूड कोर्ट और कैफेटेरिया खोला गया है. दिया तले अंधेरा प्रशासन को भी दिखाई नहीं दे रहा है. तबाह हो रहा लव-कुश गार्डन स्मार्ट सिटी होने जा रहे अजमेर का बदरंग चेहरा बन चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.