अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 810वें उर्स (Khwaja Moinuddin Chisti Dargah Urs in Ajmer) के आगाज से पूर्व मंगलवार रात को दरगाह में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से संदल (चंदन) उतारा गया. खिदमत के बाद दरगाह के खादिमों ने संदल उतारा. दरगाह में मौजूद जायरीन को संदल तकसीम (बांटा) किया गया. संदल लेने के लिए जायरीनों में होड़ सी मची रही.
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का आगाज चांद दिखने के साथ होगा. जानकारी के मुताबिक वर्ष में एक बार उर्स से पहले ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से संदल उतारा जाता है. इस संदल को दरगाह के खादिम अपने पास रखते हैं. अकीदतमंदों का विश्वास है कि मजार से उतारे गए संदल में चमत्कारी गुण है. इसे पानी में मिलाकर पीने से शरीर में व्याप्त बीमारियों से छुटकारा मिलने की मान्यता है.
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अजमेर दरगाह आने वाले जायरीन को खादिम यह संदल देते हैं. बीमार व्यक्ति की बेहतर सेहत के लिए दूर दराज से लोग संदल मंगवाते है. दरगाह के खादिम कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज को खुशबू पसंद थी. इसलिए उनकी मजार पर संदल, गुलाबजल और केवड़ा का मिश्रण लगाया जाता है. वर्ष में एक बार मजार से संदल उतारा जाता है.