अजमेर. कोरोना वायरस को लेकर हुई मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह को आम जायरीन के लिए 31 मार्च तक बंद किया जा रहा है. बता दें कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर हर रोज हजारों जायरीन आते हैं. कोरोना वायरस नहीं फैले इसके लिए प्रशासन ने आम जायरीन के लिए दरगाह में प्रवेश को लेकर पाबंदी लगा दी है.
विश्व पटल पर अजमेर का पहचान धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में है. अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है. वहीं पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा का इकलौता मंदिर है. दोनों धर्मों के बड़े धार्मिक स्थल होने की वजह से प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में लोग आते हैं.
कोरोना वायरस को लेकर पड़ोसी जिले भीलवाड़ा में जिस तरह के हालात बने हैं, उससे अजमेर का जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है. कोरोना वायरस के बचाव के लिए जगतपिता ब्रह्मा मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद करने की पहल पहले ही हो चुकी है, जबकि दरगाह आम जायरीन के लिए अब तक खुली हुई थी.
ईटीवी भारत ने कोरोना वायरस के खतरे से अपनी खबर के माध्यम से आगाह किया था. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया. कोरोना वायरस को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने खादिमों की दोनों अंजुमन संस्थाओं, दरगाह कमेटी के पदाधिकारी और दरगाह दीवान के प्रतिनिधि के साथ बैठक ली.
बैठक में लिया गया निर्णय
बैठक में निर्णय लिया गया है कि दरगाह को 31 मार्च तक आम जायरीन के लिए बंद रखा जाए. जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया, कि जायरीन 31 मार्च तक दरगाह नहीं आए. उन्होंने बताया कि इस दौरान दरगाह में जरूरी रस्में होती रहेंगी. इसके लिए दरगाह से जुड़े हुई खादिमों की संस्था प्रत्येक दिन 20 लोगों की लिस्ट प्रशासन को सौंपेगी. वहीं 20 लोग ही दरगाह के भीतर जा सकेंगे.
अपील की दिखने लगी है असर
उधर, कोरोना वायरस के बचाव के लिए की जा रही अपील की अब असर दिखने लगी है. अंजुमन कमेटी के सदर सैयद मोइन फकर चिश्ती, दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद और दरगाह दीवान के साहबजादे ने भी आम जायरीन से 31 मार्च तक दरगाह नहीं आने की अपील की है. वहीं, कोरोना वायरस के बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों में सहयोग करने की अपील की है.
पुष्कर सरोवर में भी पूजा अर्चना पर रोक
इसी तरह पुष्कर में भी पवित्र सरोवर पर श्रद्धालुओं के पूजा अर्चना को लेकर भी पाबंदी लगाई गई है. पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ने अपना कार्यालय बंद कर दिया है. तीर्थ पुरोहित संघ के प्रवक्ता गोविंद पराशर ने श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों से अपील की है कि मंदिरों में होने वाली आरतियों में ना जाए. पाराशर ने बताया, कि सावित्री माता मंदिर में भी श्रद्धालुओं का जाना निषेध किया गया है.
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बता दें कि बड़े दोनों तीर्थ स्थानों के अलावा उन सभी जगहों को भी बंद किया गया है, जहां पर लोगों की आवाजाही रहती है. इसके अलावा रेस्टोरेंट और होटलों को भी बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. इस बंद का मकसद सिर्फ एक ही है करोना वायरस से बचाव.