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अजमेर: अब JLN अस्पताल में भी प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज - dr gaurav co-incharge

अजमेर संभाग के सबसे बड़े JLN Hospital में प्लाज्मा थेरेपी सेंटर की गुरुवार से शुरुआत हो चुकी है. अब अस्पताल में गंभीर कोविड- 19 के मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी की सहायता से इलाज किया जाएगा.

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JLN Hospital में खुला प्लाज्मा थेरेपी सेंटर
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Published : Sep 3, 2020, 8:14 PM IST

अजमेर. कोरोना पॉजिटिव मरीज के लिए प्लाज्मा थेरेपी कुछ हद तक कारगर साबित हो रही है. प्रदेश में जयपुर, कोटा और जोधपुर के बाद अब अजमेर में भी प्लाज्मा सेंटर खुल चुका है. जेएलएन अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा सेंटर बनाया गया है.

JLN Hospital में खुला प्लाज्मा थेरेपी सेंटर

जानकारी के मुताबिक कोविड- 19 पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होने के बाद Plasma Center पर प्लाज्मा दान कर सकते हैं. इस प्लाज्मा का उपयोग कोविड- 19 पॉजिटिव मरीज पर किया जाता है. प्लाज्मा सेंटर के सह प्रभारी डॉ. गौरव ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी जटिल बिल्कुल भी नहीं है, जिस प्रकार रक्तदान किया जाता है. वैसे ही दानदाता के रक्त से प्लाज्मा को वैज्ञानिक पद्धति से अलग किया जाता है. यह 20 मिनट का प्रोसेज है.

यह भी पढ़ेंः कोटा: कोरोना मरीजों के लिए जीवनदान बनीं प्लाज्मा थेरेपी, कई मरीजों की रिपोर्ट आई निगेटिव

जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी सेंटर खुलने से कोविड- 19 के मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देकर उनकी जान बचाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि कोविड- 19 पॉजिटिव मरीज जो ठीक हो चुके हैं. उन्हें प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. प्लाज्मा सेंटर शुरू होने के पहले दिन दो लोगों ने प्लाज्मा दान किया है.

अजमेर. कोरोना पॉजिटिव मरीज के लिए प्लाज्मा थेरेपी कुछ हद तक कारगर साबित हो रही है. प्रदेश में जयपुर, कोटा और जोधपुर के बाद अब अजमेर में भी प्लाज्मा सेंटर खुल चुका है. जेएलएन अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा सेंटर बनाया गया है.

JLN Hospital में खुला प्लाज्मा थेरेपी सेंटर

जानकारी के मुताबिक कोविड- 19 पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होने के बाद Plasma Center पर प्लाज्मा दान कर सकते हैं. इस प्लाज्मा का उपयोग कोविड- 19 पॉजिटिव मरीज पर किया जाता है. प्लाज्मा सेंटर के सह प्रभारी डॉ. गौरव ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी जटिल बिल्कुल भी नहीं है, जिस प्रकार रक्तदान किया जाता है. वैसे ही दानदाता के रक्त से प्लाज्मा को वैज्ञानिक पद्धति से अलग किया जाता है. यह 20 मिनट का प्रोसेज है.

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जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी सेंटर खुलने से कोविड- 19 के मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देकर उनकी जान बचाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि कोविड- 19 पॉजिटिव मरीज जो ठीक हो चुके हैं. उन्हें प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. प्लाज्मा सेंटर शुरू होने के पहले दिन दो लोगों ने प्लाज्मा दान किया है.

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