अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर बड़ी तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में फिलहाल 310 मरीज भर्ती हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन भी चिंतित है. जिसके चलते जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने जेएलएन अस्पताल का दौरा कर अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाने के निर्देश दिए हैं. इस नई व्यवस्था से अन्य विभागों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है.
जेएलएन अस्पताल में भर्ती सभी मरीज ऑक्सीजन पर हैं. यही वजह है कि अस्पताल में पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था को लेकर प्रशासन भी गंभीर नजर आ रहा है. जिला कलेक्टर ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जेएलएन अस्पताल का निरीक्षण किया. कोविड वार्डों के अलावा अस्पताल में नए बने ऑक्सीजन प्लांट का भी निरीक्षण किया. जेएलएन अस्पताल में प्रतिदिन 100 ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था है. इतनी ही व्यवस्था जनाना अस्पताल में भी की गई है.
बेडों की संख्या बढ़ाई
कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि कोरोना संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. जिससे जेएलएन अस्पताल पर भी मरीजों का दबाव बढ़ रहा है. पुरोहित ने बताया कि अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाकर 650 की गई है. इन सभी बेड को सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन यूनिट से जोड़ा गया है. इसके अलावा ऑक्सीजन सप्लाई की निगरानी के लिए अतिरिक्त से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. जो केवल अस्पताल में ऑक्सीजन व्यवस्था पर निगरानी रखेगा.
इसके अलावा मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत आ रही हो तो उसके निदान के लिए नोडल अधिकारी अस्पताल में लगाए गए हैं. कलेक्टर ने बताया कि अस्पताल में वार्ड बॉय और ट्रॉली बॉय की कमी है. इस कमी को पूरा करने के लिए अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं. साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ट्रॉली के साथ भी एक ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद रहे. ताकि अस्पताल में आने वाले मरीज को तुरंत ऑक्सीजन दी जा सके.
कलेक्टर ने बताया कि दो निजी कंपनियां अस्पताल को 2000 सिलेंडर प्रतिदिन सप्लाई कर रही हैं. ऑक्सीजन प्लांट से सेंट्रलाइज यूनिट को सप्लाई दी जाती है और फिर प्रत्येक बेड तक ऑक्सीजन पाइपों के माध्यम से पहुंच रही है. जिससे ऑक्सीजन की खपत भी कम हुई है. बता दें कि राजस्थान सरकार ने 3 मई तक जन अनुशासन पखवाड़ा लगाने की घोषणा की है. देर रात आए आदेश की वजह से सुबह तक गफलत का माहौल रहा. लोग घरों से बाहर निकले. लेकिन चौराहों और प्रमुख मार्गों पर खड़ी पुलिस ने उपयुक्त कारण बताने वालों को छोड़कर शेष लोगों को समझाइश कर घर भेज दिया.
ग्रामीण क्षेत्रो में बढ़ रहे कोरोना के मामले
पिछली बार कोरोना की पहली लहर ग्रामीण क्षेत्रों को उतना प्रभावित नहीं कर पाई थी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर का कहर ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है. इस बार कुल पॉजिटिव मरीजों में 30 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से हैं. अजमेर में लगभग 350 केस रोजाना सामने आ रहे हैं. प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों की समझाइश की जा रही है और उन्हें आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलने के लिए कहा जा रहा है.