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अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला संपन्न: करीब पौने 5 करोड़ के पशुओं की हुई खरीद-फरोख्त - nternational animal fair in Pushkar

अजमेर के पुष्कर में अंतराष्ट्रीय पशु मेले का समापन हो गया है. इस बार भी मेले में पशुओं की जमकर खरीद फरोख्त हुई है. जिसमें अश्व वंश के मुकाबले ऊंट ज्यादा बिके है. वहीं पशु पालकों को ऊंटों के दाम काफी कम मिले है.

पुष्कर पशु मेला सम्पन्न,Pushkar cattle fair concluded
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Published : Nov 13, 2019, 2:09 AM IST

अजमेर. अतंराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला हमेशा से देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. इस बार भी मेले का मुख्य आकर्षण रेगिस्तान का जहाज ऊंट रहा. लेकिन इस बार ऊंट पालकों को मेले में काफी नुकसान हुआ है. जिसका मुख्य कारण धीरे-धीरे ऊंट की उपयोगिता का कम होना और उन्हें राज्य के बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगना है. वहीं पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार मेले में इस बार ऊंटों से ज्यादा अश्व वंश की संख्या ज्यादा थी, यानी पुष्कर पशु मेला धीरे -धीरे अश्व वंश की मंडी बनता जा रहा है.

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले का हुआ संपन्न

ऊंट पालक हुए निराश
ऊंट पालकों के लिए इस बार मेला अच्छा नही गया है, हालांकि मेले में सबसे ज्यादा ऊंट ही बिके है. मगर पशुपालकों को ऊंटो के दाम बहुत ही कम मिले. जिससे निराश ऊंट पालक मेला सम्पन्न के दो दिन पहले ही चले गए. ऊंट पालकों का कहना है कि 70 हजार , 50 हजार का ऊंट उन्हें 5 हजार सात हजार में बेचना पड़ रहा है. वहीं कई ऊंट पालक तो अपने ऊंट मेले में ही छोड़ गए. जिन्हें पशुपालन विभाग ने अन्य ऊंट पालकों को सौप दिया. मेले में गिरती ऊंटों की संख्या और उनकी बेकद्री से ऊंट पालक निराश हो गए है.

पढ़ें : बाड़मेर : ट्रक और कार में जबरदस्त भिड़ंत, 3 की मौत

मेले आए पशुओं के आंकड़े

पशु मेले में ऐसा रहा व्यापार
अश्व - 3734 अश्व - 775
ऊंट - 3298 ऊंट - 1072
गौ वंश- 80 भैस- 01
भैस वंश- 64 कुल - 4 करोड़ 81 लाख 380 रुपए
कुल पशु - 7174 इन पशुओं की हुई खरीद फरोख्त

मेले के दौरान आन्दोलन
ऊंट पालकों ने अपनी परेशानी को लेकर मेले के दौरान आन्दोलन भी किया. उनकी समस्या सरकार के कानों तक भी पहुचीं. सरकार ने ऊंट पालकों की समस्या के निदान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी भी बना दी. अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार ऊंट पालकों की समस्या का निदान कर डूबते रेगिस्तान के जहाज को सहारा दे पाती है या अंतराष्ट्रीय पशु मेले से आने वाले कुछ सालों में मुख्य आकर्षण ऊंट गायब हो जाएगा.

अजमेर. अतंराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला हमेशा से देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. इस बार भी मेले का मुख्य आकर्षण रेगिस्तान का जहाज ऊंट रहा. लेकिन इस बार ऊंट पालकों को मेले में काफी नुकसान हुआ है. जिसका मुख्य कारण धीरे-धीरे ऊंट की उपयोगिता का कम होना और उन्हें राज्य के बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगना है. वहीं पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार मेले में इस बार ऊंटों से ज्यादा अश्व वंश की संख्या ज्यादा थी, यानी पुष्कर पशु मेला धीरे -धीरे अश्व वंश की मंडी बनता जा रहा है.

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले का हुआ संपन्न

ऊंट पालक हुए निराश
ऊंट पालकों के लिए इस बार मेला अच्छा नही गया है, हालांकि मेले में सबसे ज्यादा ऊंट ही बिके है. मगर पशुपालकों को ऊंटो के दाम बहुत ही कम मिले. जिससे निराश ऊंट पालक मेला सम्पन्न के दो दिन पहले ही चले गए. ऊंट पालकों का कहना है कि 70 हजार , 50 हजार का ऊंट उन्हें 5 हजार सात हजार में बेचना पड़ रहा है. वहीं कई ऊंट पालक तो अपने ऊंट मेले में ही छोड़ गए. जिन्हें पशुपालन विभाग ने अन्य ऊंट पालकों को सौप दिया. मेले में गिरती ऊंटों की संख्या और उनकी बेकद्री से ऊंट पालक निराश हो गए है.

पढ़ें : बाड़मेर : ट्रक और कार में जबरदस्त भिड़ंत, 3 की मौत

मेले आए पशुओं के आंकड़े

पशु मेले में ऐसा रहा व्यापार
अश्व - 3734 अश्व - 775
ऊंट - 3298 ऊंट - 1072
गौ वंश- 80 भैस- 01
भैस वंश- 64 कुल - 4 करोड़ 81 लाख 380 रुपए
कुल पशु - 7174 इन पशुओं की हुई खरीद फरोख्त

मेले के दौरान आन्दोलन
ऊंट पालकों ने अपनी परेशानी को लेकर मेले के दौरान आन्दोलन भी किया. उनकी समस्या सरकार के कानों तक भी पहुचीं. सरकार ने ऊंट पालकों की समस्या के निदान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी भी बना दी. अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार ऊंट पालकों की समस्या का निदान कर डूबते रेगिस्तान के जहाज को सहारा दे पाती है या अंतराष्ट्रीय पशु मेले से आने वाले कुछ सालों में मुख्य आकर्षण ऊंट गायब हो जाएगा.

Intro:अजमेर। पुष्कर में अंतराष्ट्रीय पशु मेला संपन्न हो गया है। इस बार मेले में पशुओं की जमकर खरीद फरोख्त हुई है। खास बात यह है कि अश्व वंश के मुकाबले ऊँट ज्यादा बिके है। लेकिन पशु पालकों को ऊँटो के दाम काफी कम मिले है। जबकि मेले अश्व वंश की खरीद और बेचान गत वर्ष मुकाबले बराबर सा रहा है। पुष्कर से पशु पालक मेले से वापस अपने घर लौटने लगे है।

अतंराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला हमेशा से देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है। खुले आसमान के नीचे मिट्टी के धोरों में सतरंगी संस्कृति की झलक पाने इस बार मेले में बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक आए। पशु मेले का मुख्य आकर्षण इस बार भी रेगिस्तान का जहाज ऊँट रहा। समय के साथ ऊँट की उपयोगिता कम होने और राज्य के बाहर उन्हें ले जाने पर प्रतिबंध होने के कारण ऊँट पालकों को मेले में काफी नुकसान हुआ है। पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार मेले में इस बार ऊँटो से ज्यादा अश्व वंश की संख्या ज्यादा थी। यानी पुष्कर पशु मेला धीरे धीरे अश्व वंश की मंडी बनता जा रहा है ....
बाइट- डॉ अजय अरोड़ा- उपनिदेशक - पशुपालन विभाग

ऊँट पालकों के लिए इस बार मेला अच्छा नही गया है। हालांकि मेले में सबसे ज्यादा ऊँट ही बिके है। मगर पशुपालकों को ऊँटो के दाम बहुत ही कम मिले। जिससे निराश ऊँट पालक मेला सम्पन्न के दो दिन पहले ही चले गए। ऊँट पालकों का कहना है कि 70 हजार , 50 हजार का ऊँट उन्हें 5 हजार सात हजार में बेचना पड रहा है। जिससे उनका गुजारा कैसे होगा। कई ऊँट पालक तो अपने ऊट मेले में ही छोड़ गए। जिन्हें पशुपालन विभाग ने अन्य ऊँट पालको को सौप दिया। मेले में गिरती ऊँटो की संख्या और ऊँटो की हो रही बेकद्री से ऊंट पालक निराश हो गए है ...
बाइट- हनुमान- पशु पालक- सोजत

ऊँट पालकों ने अपनी परेशानी को लेकर मेले के दौरान आन्दोलन भी किया। उनकी समस्या सरकार के कानों तक भी पहुची। सरकार ने ऊँट पालकों की समस्या के निदान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी भी बना दी। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार ऊँट पालको की समस्या का निदान कर डूबते रेगिस्तान के जहाज को सहारा दे पाती है या अंतराष्ट्रीय पशु मेले से आने वाले कुछ सालों में मुख्य आकर्षण ऊँट गायब हो जाएगा।

मेले आए पशुओं के आंकड़े

अश्व - 3734
ऊँट - 3298
गौ वंश- 80
भैस वंश- 64
कुल पशु - 7174

पशु मेले में यह हुआ व्यापार

अश्व - 775
ऊँट- 1072
भैस- 01

कुल - 4 करोड़ 81 लाख 380 रुपए के पशुओं की खरीद फरोख्त हुई ।




Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


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