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स्पेशल: ना पानी, ना मिट्टी....फिर भी उग रहीं सब्जियां, जानिए आखिर कैसे - israeli hydroponic system

अजमेर में इजराइली हाइड्रोपोनिक पद्धति से कम पानी और बिना मिट्टी के मकान की छत पर सब्जियों को उगाने में सफल रहे अरुण अरोड़ा अब लोगों को भी हाइड्रोपोनिक पद्धति से सब्जियां उगाने में मदद करेंगे. अरुणा अरोड़ा का मानना है कि बाजार में घातक रसायनों से तैयार सब्जियां लोगों की सेहत बिगाड़ रही हैं. ऐसे में लोग घर पर ही इस नई पद्धति को अपनाकर ऑर्गेनिक सब्जियों से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

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छत पर हाइड्रोपोनिक पद्धति से सब्जियां उगाने में सफल रहे अरुण अरोड़ा
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Published : Feb 14, 2020, 9:20 PM IST

अजमेर. जिले के टॉप बड़ा निवासी अरुण अरोड़ा प्रदेश में पहले शख्स हैं, जिन्होंने अपनी मकान की छत पर हाइड्रोपोनिक पद्धति इजाद कर ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने में सफलता पाई है. 2 साल की उनकी मेहनत रंग ला रही है कि आज वह तकरीबन सभी सब्जियां मकान की छत या ड्राइंग रूम में उगा रहे हैं.

छत पर हाइड्रोपोनिक पद्धति से सब्जियां उगाने में सफल रहे अरुण अरोड़ा

ईटीवी भारत ने सबसे पहले अरुण अरोड़ा के इनोवेशन को दिखाया था. इसके बाद कई लोगों ने और उनसे उनकी हाइड्रोपोनिक पद्धति जाने के लिए संपर्क किया. अरुण चाहते हैं कि कम जमीन पानी और बिना मिट्टी से उगाई गई सब्जियों का लाभ सबको मिले. ताकि घातक रसायनों के छिड़काव से उगाई गई सब्जियां से लोग घातक बीमारियों की चपेट पर ना आए. ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हुए अरुण ने बताया कि प्योर लीव्स के नाम से उन्होंने संस्था बनाई है, जो लोगों को हाइड्रोपोनिक पद्धति से सब्जियां उगाने में न केवल मदद करेगी. बल्कि उन्हें प्रशिक्षण भी देगी.

यह भी पढ़ेंः जयपुर: SMS अस्पताल की कामयाबी, 1 महीने में कैडेवर ट्रांसप्लांट की लगाई हैट्रिक

ऐसा कहा जाता है कि काम को लेकर प्रति दिन एक नियति हो तो लोग भी जुड़ जाते हैं. अरुण की संस्था के साथ चिकित्सक भी जुड़े हैं. संस्था के निदेशक डॉक्टर आरके मेहता ने बताया कि बाजार में मिलने वाली अधिकांश सब्जियों पर घातक दवाओं का उपयोग किया जाता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां लोगों को हो रही है.

उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक सब्जियां कोई रईसी दिखाने के लिए नहीं हैं. बल्कि वास्तव में ऑर्गेनिक सब्जियां सेहत को लाभ पहुंचाती हैं. उन्होंने बताया कि हाइड्रोपोनिक पद्धति से छोटी सी जगह पर भी अच्छी मात्रा में सब्जियां उगाई जा सकती है.

यह भी पढ़ेंः राज्य पुस्तक मंडल में टेंडर के मामले पर राठौड़ ने कहा- भ्रष्टाचार की गंगोत्री में पारदर्शिता के गोते मत लगाओ

बता दें कि अरुण का इनोवेशन को जिला परिषद सीईओ गजेंद्र सिंह ने महिला समूह आजीविका मिशन के लिए मॉडल बनाने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था. फिलहाल सरकार की ओर से अभी कोई जवाब नहीं आने पर अरुण ने खुद ही अपना इनोवेशन लोगों तक पहुंचाने की कवायद शुरू की है.

अजमेर. जिले के टॉप बड़ा निवासी अरुण अरोड़ा प्रदेश में पहले शख्स हैं, जिन्होंने अपनी मकान की छत पर हाइड्रोपोनिक पद्धति इजाद कर ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने में सफलता पाई है. 2 साल की उनकी मेहनत रंग ला रही है कि आज वह तकरीबन सभी सब्जियां मकान की छत या ड्राइंग रूम में उगा रहे हैं.

छत पर हाइड्रोपोनिक पद्धति से सब्जियां उगाने में सफल रहे अरुण अरोड़ा

ईटीवी भारत ने सबसे पहले अरुण अरोड़ा के इनोवेशन को दिखाया था. इसके बाद कई लोगों ने और उनसे उनकी हाइड्रोपोनिक पद्धति जाने के लिए संपर्क किया. अरुण चाहते हैं कि कम जमीन पानी और बिना मिट्टी से उगाई गई सब्जियों का लाभ सबको मिले. ताकि घातक रसायनों के छिड़काव से उगाई गई सब्जियां से लोग घातक बीमारियों की चपेट पर ना आए. ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हुए अरुण ने बताया कि प्योर लीव्स के नाम से उन्होंने संस्था बनाई है, जो लोगों को हाइड्रोपोनिक पद्धति से सब्जियां उगाने में न केवल मदद करेगी. बल्कि उन्हें प्रशिक्षण भी देगी.

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ऐसा कहा जाता है कि काम को लेकर प्रति दिन एक नियति हो तो लोग भी जुड़ जाते हैं. अरुण की संस्था के साथ चिकित्सक भी जुड़े हैं. संस्था के निदेशक डॉक्टर आरके मेहता ने बताया कि बाजार में मिलने वाली अधिकांश सब्जियों पर घातक दवाओं का उपयोग किया जाता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां लोगों को हो रही है.

उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक सब्जियां कोई रईसी दिखाने के लिए नहीं हैं. बल्कि वास्तव में ऑर्गेनिक सब्जियां सेहत को लाभ पहुंचाती हैं. उन्होंने बताया कि हाइड्रोपोनिक पद्धति से छोटी सी जगह पर भी अच्छी मात्रा में सब्जियां उगाई जा सकती है.

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बता दें कि अरुण का इनोवेशन को जिला परिषद सीईओ गजेंद्र सिंह ने महिला समूह आजीविका मिशन के लिए मॉडल बनाने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था. फिलहाल सरकार की ओर से अभी कोई जवाब नहीं आने पर अरुण ने खुद ही अपना इनोवेशन लोगों तक पहुंचाने की कवायद शुरू की है.

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