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Ramadan 2022: गरीब नवाज की दरगाह में हर मजहब के लोग इफ्तारी में कर रहे शिरकत, साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए मांगी दुआ - Iftar management in Garib Nawaz dargah in Ajmer

अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में स्थित मस्जिद में रमजान के मौके पर इफ्तारी के लिए कई धर्मों के लोग रोजेदारों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं. साथ में इफ्तारी भी करते (Several religion people participate in Iftar at Garib Nawaz) हैं. सभी लोग मिलकर मुल्क में अमनचैन, खुशहाली और भाईचारे की दुआ मांगते हैं. यह सिलसिला पहले रोजे से आखरी रोजे तक रहता है.

Iftar management in Garib Nawaz dargah in Ajmer
गरीब नवाज की दरगाह में हर मजहब के लोग इफ्तारी में कर रहे शिरकत
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Published : Apr 5, 2022, 8:00 PM IST

Updated : Apr 5, 2022, 11:48 PM IST

अजमेर. दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का पाक महीना विशेष महत्व रखता है. विश्व में साम्प्रदायिक सदभाव की मिसाल सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में स्थित मस्जिद में रमजान के मौके पर इबादत का दौर जारी है. विशेष बात यह है कि यहां इफ्तारी के वक्त हर धर्म के लोग शामिल रहते हैं. कई धर्मों के लोग इफ्तारी का प्रबंध भी करते (Iftar in Ajmer Garib Nawaz masjid by people related to different religion) हैं.

यूं तो दरगाह में हर धर्म-मजहब के लोग आते हैं, लेकिन रमजान माह में यहां हर धर्म और जाति के लोगों के बीच मोहब्बत और भाईचारा देखते ही बनता है. रमजान मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए विशेष है. इस पाक महीने में लोग रोजे रख कर इबादत में अपना ज्यादा समय बिताते हैं. अजमेर दरगाह में आने वाले अकीदतमंद भी रमजान में यहां इबादत करना अपनी खुशकिस्मती समझते हैं. अल सुबह सहरी से पहले बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दागकर रोजेदारों को सहरी के लिए आगाह किया जाता है.

पढ़ें: मुस्लिम कारीगर रमजान में बना रहे रामनवमी के लिए झंडे, दे रहे आपसी भाईचारे का संदेश

सहरी के बाद दिन भर लोग अपना ज्यादा वक्त इबादत में गुजार रहे हैं. यही वजह है कि दिन के समय दरगाह में जायरीन की संख्या कम नजर आती है. लेकिन शाम को इफ्तारी से पहले दरगाह परिसर में हजारों लोग एकत्रित होते हैं. रोशनी के वक्त दरगाह में विशेष दुआ होती है. ख्वाजा गरीब नवाज के हर चाहने वालों की सलामती, सेहत और खुशहाली के लिए दुआ मांगी जाती है. सभी लोग मिलकर मुल्क में अमनचैन, खुशहाली और भाईचारे की दुआ मांगते हैं. यह सिलसिला पहले रोजे से आखरी रोजे तक रहता है.

गरीब नवाज की दरगाह में हर मजहब के लोग इफ्तारी में कर रहे शिरकत

पढ़ें: अजमेर: नन्हें बच्चों ने रोजा रहकर कोरोना से छुटकारा की मांगी दुआ

इफ्तारी में शामिल होते हैं हर मजहब के लोग: दरगाह में रमजान के पाक माह में सभी धर्म के लोगों के बीच मोहब्बत और सौहार्द भी देखने को मिलता है. यहां इफ्तारी के लिए कई धर्मों के लोग रोजेदारों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं. साथ में इफ्तारी भी करते हैं. पंजाब से आए एक अकीदतमंद राज विक्रांत सिंह संधू बताते है कि कई वर्षों से हर साल दरगाह में रमजान पर वह आ रहे हैं. यहां उनके साथ आया दल रोजेदारों को इफ्तारी करवाता है.

पढ़ें: रमजान के अवसर पर हनफी समुदाय की महिलाओं ने की मेहंदी लगाने की तैयारियां

उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सद्भाव देश की सबसे बड़ी ताकत है. यह सदभाव हमेशा कायम रहे. यहां आकर सुकून मिलता है. यहां हर मजहब के लोग एक कतार में इफ्तारी करते हैं. अंजुमन यादगार चिश्तिया के सचिव शेख जहिरुल्ला चिश्ती ने बताया कि रमजान के मौके पर अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आने वाले अकीदतमंद दरगाह परिसर में मौजूद मस्जिद में इबादत करते हैं और शाम के वक्त इफ्तारी में शरीक होते हैं. इफ्तारी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित कई धर्मों के लोग रहते हैं.

अजमेर. दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का पाक महीना विशेष महत्व रखता है. विश्व में साम्प्रदायिक सदभाव की मिसाल सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में स्थित मस्जिद में रमजान के मौके पर इबादत का दौर जारी है. विशेष बात यह है कि यहां इफ्तारी के वक्त हर धर्म के लोग शामिल रहते हैं. कई धर्मों के लोग इफ्तारी का प्रबंध भी करते (Iftar in Ajmer Garib Nawaz masjid by people related to different religion) हैं.

यूं तो दरगाह में हर धर्म-मजहब के लोग आते हैं, लेकिन रमजान माह में यहां हर धर्म और जाति के लोगों के बीच मोहब्बत और भाईचारा देखते ही बनता है. रमजान मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए विशेष है. इस पाक महीने में लोग रोजे रख कर इबादत में अपना ज्यादा समय बिताते हैं. अजमेर दरगाह में आने वाले अकीदतमंद भी रमजान में यहां इबादत करना अपनी खुशकिस्मती समझते हैं. अल सुबह सहरी से पहले बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दागकर रोजेदारों को सहरी के लिए आगाह किया जाता है.

पढ़ें: मुस्लिम कारीगर रमजान में बना रहे रामनवमी के लिए झंडे, दे रहे आपसी भाईचारे का संदेश

सहरी के बाद दिन भर लोग अपना ज्यादा वक्त इबादत में गुजार रहे हैं. यही वजह है कि दिन के समय दरगाह में जायरीन की संख्या कम नजर आती है. लेकिन शाम को इफ्तारी से पहले दरगाह परिसर में हजारों लोग एकत्रित होते हैं. रोशनी के वक्त दरगाह में विशेष दुआ होती है. ख्वाजा गरीब नवाज के हर चाहने वालों की सलामती, सेहत और खुशहाली के लिए दुआ मांगी जाती है. सभी लोग मिलकर मुल्क में अमनचैन, खुशहाली और भाईचारे की दुआ मांगते हैं. यह सिलसिला पहले रोजे से आखरी रोजे तक रहता है.

गरीब नवाज की दरगाह में हर मजहब के लोग इफ्तारी में कर रहे शिरकत

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इफ्तारी में शामिल होते हैं हर मजहब के लोग: दरगाह में रमजान के पाक माह में सभी धर्म के लोगों के बीच मोहब्बत और सौहार्द भी देखने को मिलता है. यहां इफ्तारी के लिए कई धर्मों के लोग रोजेदारों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं. साथ में इफ्तारी भी करते हैं. पंजाब से आए एक अकीदतमंद राज विक्रांत सिंह संधू बताते है कि कई वर्षों से हर साल दरगाह में रमजान पर वह आ रहे हैं. यहां उनके साथ आया दल रोजेदारों को इफ्तारी करवाता है.

पढ़ें: रमजान के अवसर पर हनफी समुदाय की महिलाओं ने की मेहंदी लगाने की तैयारियां

उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सद्भाव देश की सबसे बड़ी ताकत है. यह सदभाव हमेशा कायम रहे. यहां आकर सुकून मिलता है. यहां हर मजहब के लोग एक कतार में इफ्तारी करते हैं. अंजुमन यादगार चिश्तिया के सचिव शेख जहिरुल्ला चिश्ती ने बताया कि रमजान के मौके पर अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आने वाले अकीदतमंद दरगाह परिसर में मौजूद मस्जिद में इबादत करते हैं और शाम के वक्त इफ्तारी में शरीक होते हैं. इफ्तारी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित कई धर्मों के लोग रहते हैं.

Last Updated : Apr 5, 2022, 11:48 PM IST
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