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'लोग अपनी इम्यूनिटी बढ़ाएं तो बीमारी ना हो'

ईटीवी भारत की स्वाइन फ्लू के खिलाफ मुहिम में आयुर्वेद विभाग के रसायन शाला के पूर्व प्रबंधक रहे सुंदरलाल ने बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज रोगी की परिस्थितियों के अनुसार आयुर्वेद पद्धति से किया जाता है.

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Published : Aug 4, 2019, 11:22 PM IST

Swine flu news, स्वाइन फ्लू का इलाज

अजमेर. स्वाइन फ्लू को लेकर ईटीवी भारत की मुहिम के तहत आयुर्वेद विभाग के रसायन शाला के पूर्व प्रबंधक वैद्य सुंदरलाल से आयुर्वेद में स्वाइन फ्लू के इलाज और देसी नुस्खों के बारे में बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में स्वाइन फ्लू का इलाज है और कुछ देसी नुस्खे अपनाने से व्यक्ति को स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी लग ही नहीं सकती.

स्वाइन फ्लू का आयुर्वेदिक इलाज

ईटीवी भारत की स्वाइन फ्लू के खिलाफ मुहिम में आयुर्वेद विभाग के रसायन शाला के पूर्व प्रबंधक रहे सुंदरलाल ने बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज रोगी की परिस्थितियों के अनुसार आयुर्वेद पद्धति से किया जाता है. स्वाइन फ्लू बीमारी से निजात पाने के लिए कारगर दवाइयों के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पहले स्वाइन फ्लू बीमारी थी ही नहीं. इसका कारण यह था कि लोगों में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता थी. व्यक्ति में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता हो तो उसे कोई रोग नहीं लग सकता. स्वाइन फ्लू के मामले में भी कुछ ऐसा ही है. जिन लोगों में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उन्हें स्वाइन फ्लू या अन्य रोग होते हैं. इसके लिए व्यक्ति खुद आयुर्वेद के नुस्खे अपनाकर खुद में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करे. इसकी शुरुआत बाल्यकाल से ही होनी चाहिए.

यह भी पढ़ेंः आजादी 'काले पानी' से : देखिए पंजाब से आ रहा 'काला जहर' कैसे पहुंच रहा आपकी रसोई तक...

वैद्य सुंदरलाल ने बताया कि आयुर्वेद में ऐसे कई नुस्खे हैं, जो बीमारी के बाद रोगी को फायदा देते हैं. लेकिन, रोग से पहले ही यदि इन नुस्खों को अपना लिया जाए, तो व्यक्ति को रोग ही ना लगे. आयुर्वेद में ऐसी कई दवाइयां हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं. ऐसी दवाइयां एलोपैथिक के मुकाबले आयुर्वेद में सस्ती भी हैं. स्वाइन फ्लू में दिए जाने वाले कार्य के बारे में जानकारी देते हुए वैद्य सुंदरलाल ने बताया कि काढ़े को स्वाइन फ्लू से पहले भी लिया जा सकता है. काढे को घर में भी बनाया जा सकता है. इसकी कच्ची सामग्री बाजार में उपलब्ध है.

उन्होंने बताया कि नीम गिलोय का सत बहुत ही कारगर है, जिसे हर उम्र का व्यक्ति ले सकता है. इसके अलावा तुलसी का सेवन बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. वैद्य सुंदरलाल ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज आयुर्वेद पद्धति से कारगर है, लेकिन बीमारी की नौबत ही नहीं आए यदि व्यक्ति अपने शरीर में खुद प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और इसके लिए आयुर्वेद के सस्ते और सुलभ नुस्खे अपनाएं.

अजमेर. स्वाइन फ्लू को लेकर ईटीवी भारत की मुहिम के तहत आयुर्वेद विभाग के रसायन शाला के पूर्व प्रबंधक वैद्य सुंदरलाल से आयुर्वेद में स्वाइन फ्लू के इलाज और देसी नुस्खों के बारे में बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में स्वाइन फ्लू का इलाज है और कुछ देसी नुस्खे अपनाने से व्यक्ति को स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी लग ही नहीं सकती.

स्वाइन फ्लू का आयुर्वेदिक इलाज

ईटीवी भारत की स्वाइन फ्लू के खिलाफ मुहिम में आयुर्वेद विभाग के रसायन शाला के पूर्व प्रबंधक रहे सुंदरलाल ने बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज रोगी की परिस्थितियों के अनुसार आयुर्वेद पद्धति से किया जाता है. स्वाइन फ्लू बीमारी से निजात पाने के लिए कारगर दवाइयों के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पहले स्वाइन फ्लू बीमारी थी ही नहीं. इसका कारण यह था कि लोगों में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता थी. व्यक्ति में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता हो तो उसे कोई रोग नहीं लग सकता. स्वाइन फ्लू के मामले में भी कुछ ऐसा ही है. जिन लोगों में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उन्हें स्वाइन फ्लू या अन्य रोग होते हैं. इसके लिए व्यक्ति खुद आयुर्वेद के नुस्खे अपनाकर खुद में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करे. इसकी शुरुआत बाल्यकाल से ही होनी चाहिए.

यह भी पढ़ेंः आजादी 'काले पानी' से : देखिए पंजाब से आ रहा 'काला जहर' कैसे पहुंच रहा आपकी रसोई तक...

वैद्य सुंदरलाल ने बताया कि आयुर्वेद में ऐसे कई नुस्खे हैं, जो बीमारी के बाद रोगी को फायदा देते हैं. लेकिन, रोग से पहले ही यदि इन नुस्खों को अपना लिया जाए, तो व्यक्ति को रोग ही ना लगे. आयुर्वेद में ऐसी कई दवाइयां हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं. ऐसी दवाइयां एलोपैथिक के मुकाबले आयुर्वेद में सस्ती भी हैं. स्वाइन फ्लू में दिए जाने वाले कार्य के बारे में जानकारी देते हुए वैद्य सुंदरलाल ने बताया कि काढ़े को स्वाइन फ्लू से पहले भी लिया जा सकता है. काढे को घर में भी बनाया जा सकता है. इसकी कच्ची सामग्री बाजार में उपलब्ध है.

उन्होंने बताया कि नीम गिलोय का सत बहुत ही कारगर है, जिसे हर उम्र का व्यक्ति ले सकता है. इसके अलावा तुलसी का सेवन बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. वैद्य सुंदरलाल ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज आयुर्वेद पद्धति से कारगर है, लेकिन बीमारी की नौबत ही नहीं आए यदि व्यक्ति अपने शरीर में खुद प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और इसके लिए आयुर्वेद के सस्ते और सुलभ नुस्खे अपनाएं.

Intro:अजमेर। स्वाइन फ्लू को लेकर ईटीवी भारत की मुहिम के तहत आयुर्वेद विभाग के रसायन शाला के पूर्व प्रबंधक वैद्य सुंदरलाल से हमने आयुर्वेद में स्वाइन फ्लू के इलाज और देसी नुस्खों के बारे में बातचीत की। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में स्वाइन फ्लू का इलाज है और कुछ देसी नुस्खे अपनाने से व्यक्ति को स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी लग ही नहीं सकती। बसंत की व्यक्ति नियमित रूप से इन देसी नुस्खों को अपनाएं जिससे उसके शरीर में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो जाएगी। ईटीवी भारत की स्वाइन फ्लू के खिलाफ मुहिम में आयुर्वेद विभाग के रसायन शाला के पूर्व प्रबंधक रहे सुंदरलाल ने बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज रोगी की परिस्थितियों के अनुसार आयुर्वेद पद्धति से किया जाता है स्वाइन फ्लू बीमारी से निजात पाने के लिए कारगर दवाइयों के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पहले स्वाइन फ्लू बीमारी थी ही नहीं इसका कारण यह था कि लोगों में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता थी। व्यक्ति में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता हो तो उसे कोई रोग नहीं लग सकता। स्वाइन फ्लू के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। जिन लोगों में रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उन्हें स्वाइन फ्लू या अन्य रोग होते हैं। इसके लिए व्यक्ति खुद आयुर्वेद के नुस्खे अपनाकर खुद में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करें। इसकी शुरुआत बाल्यकाल से ही होनी चाहिए। वैद्य सुंदरलाल ने बताया कि आयुर्वेद में ऐसे कई नुस्खे हैं जो बीमारी के बाद रोगी को फायदा देते हैं। लेकिन रोक से पहले ही यदि इन नुस्खों को अपना लिया जाए तो व्यक्ति को रोग ही ना लगे। आयुर्वेद में ऐसी कई दवाइयां है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। ऐसी दवाइयां एलोपैथिक के मुकाबले आयुर्वेद में सस्ती भी है। स्वाइन फ्लू में दिए जाने वाले कार्य के बारे में जानकारी देते हुए वैद्य सुंदरलाल ने बताया कि काढ़े को स्वाइन फ्लू से पहले भी लिया जा सकता है। काढे को घर में भी बनाया जा सकता है इसकी कच्ची सामग्री बाजार में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि नीम गिलोय का सत बहुत ही कारगर है जिसे हर उम्र का व्यक्ति ले सकता है। इसके अलावा तुलसी का सेवन बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। वैद्य सुंदरलाल ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज आयुर्वेद पद्धति से कारगर है लेकिन बीमारी की नौबत ही नहीं आए यदि व्यक्ति अपने शरीर में खुद प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और इसके लिए आयुर्वेद के सस्ते और सुलभ नुस्खे वह अपनाएं.... one 2 one


Body:प्रियांक शर्मा अजमेर


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