अजमेर. अजमेर की राजनीति में ज्ञान सारस्वत वह नाम है, जिन्होंने राजनीति की सही परिभाषा को चरितार्थ किया है. सारस्वत की पहचान नेता के रूप में नहीं एक समाज सेवी के रूप में ज्यादा है.
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वार्ड के प्रत्येक व्यक्ति को परिवार का सदस्य मानकर उसके सुख-दुख में खड़ा होना और वार्ड के विकास के लिए सतत प्रयास करते रहना. इन गुणों की बदौलत ज्ञान सारस्वत इतने लोक प्रिय बन गए है कि पार्षद के टिकट के लिए उन्हें बीजेपी नेताओं के पास नहीं जाना पड़ता. बल्कि बीजेपी नेता स्वयं उन्हें टिकट देते हैं. ज्ञान सारस्वत तीसरी बार पार्षद का चुनाव जीते हैं. पहली बार सारस्वत में निर्दलीय के रूप में अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी के वार्ड से चुनाव लड़ा था. उस वक्त उन्हें पार्टी का टिकट नहीं दिया गया.
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कद्दावर वासुदेव देवनानी के वार्ड से उन्होंने साल 2010 में शानदार जीत दर्ज करवाई थी. इसके बाद साल 2015 में हुए निकाय चुनाव में बीजेपी ने उनको टिकट दिया. तब सारस्वत ने प्रदेश में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल कर रिकॉर्ड अपने नाम किया था. सारस्वत को वार्ड तीन से 3,045 मत मिले थे. इस बार परिसीमन होने के कारण ज्ञान सारस्वत में वार्ड- 4 से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और सबसे बड़ी जीत दर्ज करवाई. सारस्वत को उनके वार्ड में 3,276 मत मिले. सारस्वत की जीत अपने आप में प्रदेश में दूसरी बार बड़ी जीत हुई है.
इन गुणों की वजह से सारस्वत को मिलता है, वार्ड वासियों का अपार समर्थन
सारस्वत का सबसे बड़ा गुण सेवा है. वार्ड को परिवार मानकर सारस्वत उसी प्रकार से जुटे रहते हैं. जैसे वार्ड का हर सदस्य उनका अपने परिवार का सदस्य हो. समाजसेवी के तौर पर गरीब युवतियों की शादी करवाकर उनका कन्यादान करना. उपचार में असक्षम रहने वाले लोगों के इलाज की संपूर्ण व्यवस्था करवाना. वार्ड के विकास के लिए प्रयासरत रहना शामिल है. वहीं वार्ड के हर घर से उनका व्यक्तिगत जुड़ाव है. खास बात यह है कि सारस्वत अभी तक तीन वालों से चुनाव लड़ चुके हैं. तीनों ही वार्ड नगर निगम के आदर्शवाद बन चुके हैं.
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डिप्टी मेयर के सारस्वत है प्रबल दावेदार
ज्ञान सारस्वत ने प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में अपने वार्ड से सर्वाधिक मतों से जीत हासिल की है. नगर निगम में डिप्टी मेयर का पद सामान्य वर्ग के लिए है. ऐसे में ज्ञान सारस्वत का नाम प्रबल दावेदारों के रूप में है. पिछले साल 2015 के चुनाव में मेयर का पद सामान्य वर्ग के लिए था. लेकिन बीजेपी ने ओबीसी वर्ग के व्यक्ति को मेयर बनाया इससे सामान्य वर्ग के लोगों में नाराजगी थी. ऐसे में बीजेपी इस बार डिप्टी मेयर पद पर सामान्य वर्ग के व्यक्ति को मौका देती है तो ज्ञान सारस्वत डिप्टी मेयर पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.