ETV Bharat / city

आचरण में सकारात्मकता से विकृतियां दूर हो सकती हैंः राज्यपाल - seminar on sacrifice day in ajmer

अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में 137वें बलिदान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी को कलराज मिश्र ने संबोधित किया. जिसमें उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती से जुड़ी बातों को साझा किया.

kalraj mishra, बलिदान दिवस, ajmer news, महर्षि दयानंद सरस्वती
author img

By

Published : Oct 30, 2019, 8:12 PM IST

अजमेर. बुधवार को अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में महर्षि दयानंद सरस्वती के 137वें बलिदान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया.

अजमेर में बलिदान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

राज्यपाल ने सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महर्षि दयानंद सरस्वती विशेषक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा आचरण में सकारात्मकता लाने से ही समाज में विकृतियां दूर हो सकेगी. महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज में नैतिक मूल्यों को ज्योत प्रज्वलित की है. साथ ही राज्यपाल ने कहा कि स्वयं को ही श्रेष्ठ ना समझे. एक दूसरे को नीचा ना दिखाएं, गाली ना दें. हम नकारात्मक सोच को समाप्त करेंगे तो समाज में नव जागृति आएगी.

यह भी पढ़ें. दिवाली के बाद भी रामा-श्यामा का दौर जारी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने सीएम गहलोत से उनके आवास पर की मुलाकात

मिश्र ने कहा कि महर्षि का अजमेर से बहुत जुड़ाव था. अजमेर में अनेक स्थानों पर महर्षि ने प्रवास पर लोगों में सामाजिक चेतना जगाई. महर्षि दयानंद ने विकृतियों को दूर करने के लिए सकारात्मक वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. संगोष्ठी में दयानंद आश्रम गुरुकुल गौतम नगर के अधिष्ठाता प्रणवानंद सरस्वती आचार्य सत्यजीत ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

राज्यपाल ने बताया कि संगोष्ठी में विद्वानों के जो विचार निकल कर आएंगे. उससे विद्यार्थियों और आमजन को लाभ मिलेगा. यूनिवर्सिटी में रिक्त पदों के सवाल पर उन्होंने कहा कि 4 नवंबर को सभी विश्वविद्यालय के कुलपति की बैठक होगी. जिसमें रिक्त पदों को लेकर भी चर्चा होगी. यूनिवर्सिटी में रिक्त पदों की वजह से विद्यार्थियों को अध्ययन में काफी नुकसान होता है.

यह भी पढ़ें. अजमेर: हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की बारगाह पर राज्यपाल ने लगाई हाजिरी


मिश्र ने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन से जुड़ी कई बातों को किया सांझा

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज में सामूहिक शक्ति का संचालन कर देशभक्ति और अनंत शक्ति का बोध कराया. महर्षि ने वैदिक प्रमाणों के आधार पर समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास, बाल विवाह और बलि प्रथा जैसी अनेक कुप्रथा को समाप्त करवाया. महर्षि सरस्वती ने ज्ञान प्राप्ति की दिशा में उन्मुख कार्य किए. वैदिक विज्ञान के माध्यम से महर्षि सरस्वती ने समाज में सामाजिक क्रांति की अलख जलाई. उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा. महर्षि ने नैतिकता के पथ पर चलकर समाज को नई दिशा दी. साथ ही महर्षि वेदों के प्रखंड विद्वान थे. शब्दों में आरोह-अवरोह का उच्चारण कैसे हो यह सब वितरकों से समझाते थे.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में मासूम को खड़ी ट्रेन के नीचे धकेल फरार हुई बेरहम मां

उनके द्वारा लिखे सत्यार्थ प्रकाश ने गलत धारणाओं को उखाड़ कर फेंका. जो लोग भारत के धार्मिक ग्रंथों का मजाक उड़ाते थे, उन सब लोगों को इन ग्रंथों के माध्यम से महर्षि ने मुंहतोड़ जवाब दिया. संगोष्ठी के शुभारंभ कार्यक्रम में अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, नगर निगम मेयर धर्मेंद्र गहलोत, पूर्व सांसद रासा सिंह रावत, पुष्कर से पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती सहित गणमान्य, शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे.

अजमेर. बुधवार को अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में महर्षि दयानंद सरस्वती के 137वें बलिदान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया.

अजमेर में बलिदान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

राज्यपाल ने सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महर्षि दयानंद सरस्वती विशेषक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा आचरण में सकारात्मकता लाने से ही समाज में विकृतियां दूर हो सकेगी. महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज में नैतिक मूल्यों को ज्योत प्रज्वलित की है. साथ ही राज्यपाल ने कहा कि स्वयं को ही श्रेष्ठ ना समझे. एक दूसरे को नीचा ना दिखाएं, गाली ना दें. हम नकारात्मक सोच को समाप्त करेंगे तो समाज में नव जागृति आएगी.

यह भी पढ़ें. दिवाली के बाद भी रामा-श्यामा का दौर जारी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने सीएम गहलोत से उनके आवास पर की मुलाकात

मिश्र ने कहा कि महर्षि का अजमेर से बहुत जुड़ाव था. अजमेर में अनेक स्थानों पर महर्षि ने प्रवास पर लोगों में सामाजिक चेतना जगाई. महर्षि दयानंद ने विकृतियों को दूर करने के लिए सकारात्मक वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. संगोष्ठी में दयानंद आश्रम गुरुकुल गौतम नगर के अधिष्ठाता प्रणवानंद सरस्वती आचार्य सत्यजीत ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

राज्यपाल ने बताया कि संगोष्ठी में विद्वानों के जो विचार निकल कर आएंगे. उससे विद्यार्थियों और आमजन को लाभ मिलेगा. यूनिवर्सिटी में रिक्त पदों के सवाल पर उन्होंने कहा कि 4 नवंबर को सभी विश्वविद्यालय के कुलपति की बैठक होगी. जिसमें रिक्त पदों को लेकर भी चर्चा होगी. यूनिवर्सिटी में रिक्त पदों की वजह से विद्यार्थियों को अध्ययन में काफी नुकसान होता है.

यह भी पढ़ें. अजमेर: हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की बारगाह पर राज्यपाल ने लगाई हाजिरी


मिश्र ने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन से जुड़ी कई बातों को किया सांझा

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज में सामूहिक शक्ति का संचालन कर देशभक्ति और अनंत शक्ति का बोध कराया. महर्षि ने वैदिक प्रमाणों के आधार पर समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास, बाल विवाह और बलि प्रथा जैसी अनेक कुप्रथा को समाप्त करवाया. महर्षि सरस्वती ने ज्ञान प्राप्ति की दिशा में उन्मुख कार्य किए. वैदिक विज्ञान के माध्यम से महर्षि सरस्वती ने समाज में सामाजिक क्रांति की अलख जलाई. उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा. महर्षि ने नैतिकता के पथ पर चलकर समाज को नई दिशा दी. साथ ही महर्षि वेदों के प्रखंड विद्वान थे. शब्दों में आरोह-अवरोह का उच्चारण कैसे हो यह सब वितरकों से समझाते थे.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में मासूम को खड़ी ट्रेन के नीचे धकेल फरार हुई बेरहम मां

उनके द्वारा लिखे सत्यार्थ प्रकाश ने गलत धारणाओं को उखाड़ कर फेंका. जो लोग भारत के धार्मिक ग्रंथों का मजाक उड़ाते थे, उन सब लोगों को इन ग्रंथों के माध्यम से महर्षि ने मुंहतोड़ जवाब दिया. संगोष्ठी के शुभारंभ कार्यक्रम में अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, नगर निगम मेयर धर्मेंद्र गहलोत, पूर्व सांसद रासा सिंह रावत, पुष्कर से पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती सहित गणमान्य, शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे.

Intro:अजमेर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आचरण में सकारात्मकता लाने से ही समाज में विकृतियां दूर हो सकेगी महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज में नैतिक मूल्यों को ज्योत प्रज्वलित की। विश्व में भारतीयता को आत्मसात कराने का कार्य है महर्षि दयानंद सरस्वती नहीं किया है। उन्होंने कहा कि शाम को ही श्रेष्ठ ना समझे एक दूसरे को नीचा ना दिखाएं गाली ना दें और नकारात्मक सोच को समाप्त करेंगे तो समाज में नव जागृति आएगी।

राज्यपाल कलराज मिश्र बुधवार को अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महर्षि दयानंद सरस्वती विशेषक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस संगोष्ठी का आयोजन महर्षि दयानंद सरस्वती के 137 वे बलिदान दिवस पर किया गया। राज्यपाल ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। राज्यपाल ने कहा कि वैदिक विज्ञान के माध्यम से महर्षि सरस्वती ने समाज में सामाजिक क्रांति की अलग जलाई। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। नैतिकता के पथ पर चलकर समाज को नई दिशा महर्षि सरस्वती ने दी। महर्षि वेदों के प्रखंड विद्वान थे शब्दों में आरोह- अवरोह उच्चारण कैसे हो यह सब वितरकों से समझाते थे। मिश्र ने कहा कि महर्षि का अजमेर से बहुत जुड़ाव था। अजमेर में अनेक स्थानों पर महर्षि ने प्रवास कर लोगों में सामाजिक चेतना जगाई और विकृतियों को दूर करने के लिए सकारात्मक वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

संगोष्ठी में दयानंद आश्रम गुरुकुल गौतम नगर के अधिष्ठाता प्रणवानंद सरस्वती गुजरात में रोजड़ सेवा ट्रस्ट आश्रम से आचार्य सत्यजीत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बातचीत में राज्यपाल कलराज मिश्रा ने बताया कि संगोष्ठी में विद्वानों के जो विचार निकल कर आएंगे उससे विद्यार्थियों एवं आमजन को लाभ मिलेगा। यूनिवर्सिटी में रिक्त पदों के सवाल पर उन्होंने बताया कि 4 नवंबर को सभी विश्वविद्यालय के कुलपति की बैठक होगी जिसमें रिक्त पदों को लेकर भी चर्चा होगी। मिश्र ने कहा कि यूनिवर्सिटी में रिक्त पदों की वजह से विद्यार्थियों को अध्ययन में काफी नुकसान होता है....
बाइट कलराज मिश्र राज्यपाल राजस्थान

मिश्र ने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन से जुड़ी कई बातों को किया सांझा

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज में सामूहिक शक्ति का संचालन देशभक्ति और अनंत शक्ति का बोध कराया महर्षि ने वैदिक प्रमाणों के आधार पर समाज में फैली कुरीतियों अंधविश्वास बाल विवाह बलि प्रथा जैसी अनेक कुप्रथा को समाप्त करवाया महर्षि सरस्वती ने ज्ञान प्राप्ति की दिशा में उन्मुख कार्य किए उन्होंने परोपकारिणी सभा को उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित किया उनके द्वारा लिखे सत्यार्थ प्रकाश ने गलत धारणाओं को उखाड़ कर फेंका जो लोग भारत के धार्मिक ग्रंथों का मजाक उड़ाते थे उन सब लोगों को इन ग्रंथों के माध्यम से महर्षि ने मुंह तोड़ जवाब दिया।

संगोष्ठी के शुभारंभ कार्यक्रम ने अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, नगर निगम मेयर धर्मेंद्र गहलोत पूर्व सांसद रासा सिंह रावत पुष्कर से पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती सहित गणमान्य, शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।




Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.