ETV Bharat / city

जेएलएन अस्पताल प्रशासन पर 50 लाख के घोटाले का आरोप, राजेश टंडन बोले- राजकोष को पहुंचाई क्षति

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश टंडन ने जेएलएन अस्पताल प्रशासन पर कर्मकार उपलब्ध करवाने के मामले में 50 लाख रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है.

former president of District Bar Association Rajesh Tandon, ajmer news
राजेश टंडन ने जेएलएन अस्पताल प्रशासन पर घोटाले का आरोप लगाया है.
author img

By

Published : Dec 2, 2020, 5:03 PM IST

अजमेर. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश टंडन ने जेएलएन अस्पताल प्रशासन पर कर्मकार उपलब्ध करवाने के मामले में 50 लाख रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. टंडन का आरोप है कि अस्पताल में राजकीय व अन्य संचालित योजनाओं के मद में कर्मकार उपलब्ध करवाने वाली संस्थाओं को मिलीभगत करके अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाया गया. साथ ही राजकोष को भी हानि पहुंचाई.

टंडन का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने राजकोष को भी हानि पहुंचाई.

टंडन ने बताया कि जेएलएन अस्पताल में प्रतिवर्ष 2.50 करोड़ रुपये पारिश्रमिक के कामकारों की नियुक्ति होती है, जिसमें कर्मकार उपलब्ध कराने के लिए मैसेज पन्नाधाय सिक्योरिटी सर्विसेज उदयपुर को वर्ष 2015-16 में 3.33 प्रतिशत कमीशन पर ठेका दिया गया, जो 1 वर्ष यानी फरवरी 2017 तक स्वीकृत किया गया. इसके बाद निविदा जारी की गई तो जीवन ज्योति फार्मेसिस्ट सेवा समिति नागौर ने पूर्व के 3.33 प्रतिशत की बजाय 0.1 प्रतिशत पर कर्मचारी उपलब्ध करवाने की निवेदा भर दी.

यह भी पढ़ें: किसानों का राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर महापड़ाव, महापंचायत में बनेगी आगे की रणनीति

टंडन का आरोप है कि अस्पताल के अधिकारियों ने मिलीभगत के चलते 10 पैसे प्रति सैकड़ा में काम नहीं करवा कर निवेदा को ही निरस्त कर दिया और पूर्व कि संस्था में सर्च पन्नाधाय सिक्योरिटी सर्विसेज उदयपुर का ही ठेका जारी रखा. संस्था ने 2018 तक 3.33 प्रतिशत पर ही ठेका जारी रखा. उन्होंने बताया कि इन 2 वर्षों में लगभग 9 लाख रुपए प्रति वर्ष की दर से उक्त संस्था को अदा किए, जो राजकोष को क्षति पहुंचाना है. टंडन ने बताया कि इस अवधि में तीन या चार निवेदा निकालकर हर बार ढाई लाख रुपए से ज्यादा की राशि निवेदा विज्ञापन पर खर्च की गई. बाद में निवेदा कभी उच्च न्यायालय के केस लंबित होने के नाम पर तो कभी निवेदा में 100 रुपये के स्थान पर 50 रुपए का स्टांप लगा देने के नाम पर निरस्त करने के आदेश दे दिए गए. साथ ही मैसेज पन्नाधाय सिक्योरिटी सर्विसेज उदयपुर से 3.33 प्रतिशत पर काम करवाया गया.

यह भी पढ़ें: बाल संप्रेषण गृह वायरल VIDEO: बाल अपचारियों ने जमकर की शराब पार्टी, बोले- यहां सब कुछ मिलता है

टंडन ने सरकार से मांग की है कि महालेखाकार से मामले की जांच करवाई जाए एवं एसीबी में 50 लाख रुपए की राजकोष को हानि पहुंचाने का मामला दर्ज किया जाए. उन्होंने अस्पताल की दुर्दशा पर भी सवाल खड़े किए हैं. कोरोना काल में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक से हो रही है. हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आरके गोखरू लंबी छुट्टियों पर चले गए. विभाग में कोई वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों को देखने वाला नहीं है. टंडन ने कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में डॉक्टर गोखरू को अवकाश किसने दिया. इतना ही नहीं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन भी होम क्वॉरेंटाइन हो गए हैं.

अजमेर. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश टंडन ने जेएलएन अस्पताल प्रशासन पर कर्मकार उपलब्ध करवाने के मामले में 50 लाख रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. टंडन का आरोप है कि अस्पताल में राजकीय व अन्य संचालित योजनाओं के मद में कर्मकार उपलब्ध करवाने वाली संस्थाओं को मिलीभगत करके अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाया गया. साथ ही राजकोष को भी हानि पहुंचाई.

टंडन का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने राजकोष को भी हानि पहुंचाई.

टंडन ने बताया कि जेएलएन अस्पताल में प्रतिवर्ष 2.50 करोड़ रुपये पारिश्रमिक के कामकारों की नियुक्ति होती है, जिसमें कर्मकार उपलब्ध कराने के लिए मैसेज पन्नाधाय सिक्योरिटी सर्विसेज उदयपुर को वर्ष 2015-16 में 3.33 प्रतिशत कमीशन पर ठेका दिया गया, जो 1 वर्ष यानी फरवरी 2017 तक स्वीकृत किया गया. इसके बाद निविदा जारी की गई तो जीवन ज्योति फार्मेसिस्ट सेवा समिति नागौर ने पूर्व के 3.33 प्रतिशत की बजाय 0.1 प्रतिशत पर कर्मचारी उपलब्ध करवाने की निवेदा भर दी.

यह भी पढ़ें: किसानों का राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर महापड़ाव, महापंचायत में बनेगी आगे की रणनीति

टंडन का आरोप है कि अस्पताल के अधिकारियों ने मिलीभगत के चलते 10 पैसे प्रति सैकड़ा में काम नहीं करवा कर निवेदा को ही निरस्त कर दिया और पूर्व कि संस्था में सर्च पन्नाधाय सिक्योरिटी सर्विसेज उदयपुर का ही ठेका जारी रखा. संस्था ने 2018 तक 3.33 प्रतिशत पर ही ठेका जारी रखा. उन्होंने बताया कि इन 2 वर्षों में लगभग 9 लाख रुपए प्रति वर्ष की दर से उक्त संस्था को अदा किए, जो राजकोष को क्षति पहुंचाना है. टंडन ने बताया कि इस अवधि में तीन या चार निवेदा निकालकर हर बार ढाई लाख रुपए से ज्यादा की राशि निवेदा विज्ञापन पर खर्च की गई. बाद में निवेदा कभी उच्च न्यायालय के केस लंबित होने के नाम पर तो कभी निवेदा में 100 रुपये के स्थान पर 50 रुपए का स्टांप लगा देने के नाम पर निरस्त करने के आदेश दे दिए गए. साथ ही मैसेज पन्नाधाय सिक्योरिटी सर्विसेज उदयपुर से 3.33 प्रतिशत पर काम करवाया गया.

यह भी पढ़ें: बाल संप्रेषण गृह वायरल VIDEO: बाल अपचारियों ने जमकर की शराब पार्टी, बोले- यहां सब कुछ मिलता है

टंडन ने सरकार से मांग की है कि महालेखाकार से मामले की जांच करवाई जाए एवं एसीबी में 50 लाख रुपए की राजकोष को हानि पहुंचाने का मामला दर्ज किया जाए. उन्होंने अस्पताल की दुर्दशा पर भी सवाल खड़े किए हैं. कोरोना काल में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक से हो रही है. हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आरके गोखरू लंबी छुट्टियों पर चले गए. विभाग में कोई वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों को देखने वाला नहीं है. टंडन ने कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में डॉक्टर गोखरू को अवकाश किसने दिया. इतना ही नहीं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन भी होम क्वॉरेंटाइन हो गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.