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अजमेर में केंद्र सरकार के विरोध में कृषि उपज मंडी रही बंद, करोड़ों का नुकसान - rajasthan news

केंद्र सरकार की ओर से कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश 2020 कानून को लागू किया है. जिसको लेकर शुक्रवार को किसानों ने इस अध्यादेश का विरोध किया. अध्यादेश के विरोध में किसान संघ ने कृषि उपज मंडी को भी बंद रखा. किसानों की मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाए नहीं तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी.

अजमेर न्यूज, rajasthan news
किसान वर्ग ने किया केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध
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Published : Aug 21, 2020, 5:05 PM IST

अजमेर. केंद्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश 2020 के विरोध में शुक्रवार को अजमेर में कृषि उपज मंडी बन रही है. एक आकलन के अनुसार इस एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के चलते लगभग करोड़ों रुपए का नुकसान और कृषि व्यापार प्रभावित हुआ है.

किसान वर्ग ने किया केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध

अजमेर में केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध कर रहे कृषि उत्पाद से जुड़े व्यापारियों ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार एक देश कानून की बात करती है तो दूसरी तरफ ऐसा विवादास्पद कानून लागू करने जा रही है, जिसमें यदि कृषि जींस की खरीद और बेचान मंडियों के मार्फत किया जाएगा तो कर को अदा करना पड़ेगा जबकि व्यापार मंडियों के बाहर किया जाता है, तो किसी भी तरह की एक टैक्स से मुक्त होगा.

कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने सरकार के इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हुए चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी जिसकी वजह से वहां जींसों की किसी प्रकार से खरीद फरोख्त भी नहीं होगी. वहीं केंद्र सरकार की कृषि नीतियों में बदलाव को लेकर व्यापारियों ने विरोध स्वरूप बंद का आह्वान भी किया है.

पढ़ें- अजमेरः सीएम जन आवास योजना के वासियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग

व्यापारियों ने कहा कि सरकार ने जिस तरह से टैक्स की बढ़ोतरी की है उससे व्यापारी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा और ये किसानों के हित में भी नहीं है. वहीं व्यापारियों ने सरकार से इस नीति को वापस लेने की मांग की जा रही है.

अजमेर. केंद्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश 2020 के विरोध में शुक्रवार को अजमेर में कृषि उपज मंडी बन रही है. एक आकलन के अनुसार इस एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के चलते लगभग करोड़ों रुपए का नुकसान और कृषि व्यापार प्रभावित हुआ है.

किसान वर्ग ने किया केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध

अजमेर में केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध कर रहे कृषि उत्पाद से जुड़े व्यापारियों ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार एक देश कानून की बात करती है तो दूसरी तरफ ऐसा विवादास्पद कानून लागू करने जा रही है, जिसमें यदि कृषि जींस की खरीद और बेचान मंडियों के मार्फत किया जाएगा तो कर को अदा करना पड़ेगा जबकि व्यापार मंडियों के बाहर किया जाता है, तो किसी भी तरह की एक टैक्स से मुक्त होगा.

कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने सरकार के इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हुए चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी जिसकी वजह से वहां जींसों की किसी प्रकार से खरीद फरोख्त भी नहीं होगी. वहीं केंद्र सरकार की कृषि नीतियों में बदलाव को लेकर व्यापारियों ने विरोध स्वरूप बंद का आह्वान भी किया है.

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व्यापारियों ने कहा कि सरकार ने जिस तरह से टैक्स की बढ़ोतरी की है उससे व्यापारी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा और ये किसानों के हित में भी नहीं है. वहीं व्यापारियों ने सरकार से इस नीति को वापस लेने की मांग की जा रही है.

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