अजमेर. 21 मार्च से शिक्षकों को जिले में कोरोना वायरस को लेकर सर्वे पर लगाया गया है. शिक्षक सर्वे भी कर रहे है और होम आइसोलेट पर रखे मरीजों की देखभाल भी कर रहे है.
ऐसे में शिक्षकों का आरोप है कि सर्वे पर लगाए दाने के लिए बाद उनकी अपनी सुरक्षा पर प्रशासन का ध्यान नहीं है. उन्हें ने तो सेनिटाइजर और न ही मास्क दिए गए हैं. जिसके बाद शिक्षकों के हल्ला करने पर सोमवार को मास्क और सेनीटाइजर वितरित किए गए.
बता दें कि राजस्थान शिक्षक संघ के बैनर तले संगठन के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर विमान शर्मा को ज्ञापन सौंपकर मांग की. जिसमें कहा कि जैन शिक्षकों को सर्वे के काम में लगाया गया है. उन्हें तत्काल होम आइसोलेट मरीज की देखभाल की ड्यूटी पर न लगाया जाए. शिक्षकों का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह कच्छावा अपने चहेतों शिक्षकों को ड्यूटी से दूर रख रहे हैं.
जबकि जो शिक्षक सर्वे का काम लगातार कर रहे हैं उन्हें आइसोलेटेड मरीजों की देखभाल के लिए लगाया गया है. जबकि ड्यूटी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को क्रमवार व्यवस्था करनी चाहिए थी. जिससे एक शिक्षक पर कार्य का भार ना पड़े. जिसे देखते हुए शिक्षकों ने जिला कलेक्टर से क्रमवार ड्यूटी लगाए जाने की व्यवस्था करने की मांग की है.
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बता दें कि भीलवाड़ा जिले में पहला कोरोना वायरस का पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद से ही अजमेर जिले में सर्वे किया जा रहा है. इस सर्वे के आधार पर ही संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग और जांच हो रही है.