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अजमेर: जेएलएन अस्पताल में नगीना बाग वाले गेट से ही मिलेगी एंट्री

कोरोना से पीड़ित मरीजों, परिजन तथा चिकित्सकों की सुविधा तथा ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए जेएलएन चिकित्सालय में प्रवेश के लिए गेट का निर्धारण किया गया है. अब कोविड मरीज व परिजनों के लिए सिर्फ शास्त्रीनगर की ओर जाने वाले नगीना बाग के पास वाले गेट से एंट्री होगी.

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अजमेर: जेएलएन अस्पताल में नगीना बाग वाले गेट से ही मिलेगी एंट्री
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Published : May 1, 2021, 12:49 AM IST

अजमेर. कोरोना से पीड़ित मरीजों, परिजन तथा चिकित्सकों की सुविधा तथा ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए जेएलएन चिकित्सालय में प्रवेश के लिए गेट का निर्धारण किया गया है. अब कोविड मरीज व परिजनों के लिए सिर्फ शास्त्रीनगर की ओर जाने वाले नगीना बाग के पास वाले गेट से एंट्री होगी.

पढ़ें: Corona Update: राजस्थान में 17,155 नए मामले आए सामने, 155 मौत...कुल आंकड़ा 5,98,001

जेएलएन चिकित्सालय के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि चिकित्सालय में मरीजों, परिजनों एवं आमजन की सुविधा तथा ऑक्सीजन के सिलेण्डरों की निर्बाध आपूर्ति के लिए चिकित्सालय में प्रवेश के लिए गेटों का निर्धारण किया गया है. नगीना बाग सीताराम मंदिर के सामने वाले गेट को केवल कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखा गया है. इससे मरीज सीधे कोविड ओपीडी में पहुंच पाएंगे और उनकों तुरन्त उपचार सुलभ हो पाएगा.

विजयलक्ष्मी पार्क की तरफ वाले गेट से ऑक्सीजन वाहन तथा स्टाफ प्रवेश कर सकेगा. रेडक्रास भवन के सामने स्थित गेट सामान्य ओपीडी के समय प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुला रहेगा. प्रशासनिक भवन के पास स्थित गेट को अनावश्यक व्यक्तियों की आवाजाही रोकने के लिए बंद किया गया है. चिकित्सालय के मुख्य भवन में प्रवेश के स्थलों को खुला रखा जाएगा.

बता दें कि संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल की आपातकालीन इकाई मुख्य दरवाजा बंद कर दिया गया है. अस्पताल को क्रिटिकल कोविड केयर सेंटर बना दिया गया है. आपातकालीन इकाई को अन्यत्र शिफ्ट पहले ही कर दिया गया था. गेट बंद किए जाने से लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं हैं. दरअसल अस्पताल में मरीजों से बेड फुल हो चुके हैं. ऐसे में अस्पताल का गेट बंद किए जाने से अस्पताल प्रशासन और प्रशासन की बेबसी नजर आ रही है. हालांकि गेट बंद किए जाने को लेकर व्यवस्था और आवाजाही की रोकथाम का हवाला दिया जा रहा है. जबकि संभाग स्तरीय जेएलएन अस्पताल 4 जिलों के लोगों के लिए इलाज की उम्मीदों का सबसे बड़ा केंद्र है.

चन्द्रवरदाई में भी बनेगा कोविड डेडीकेटेड हॉस्पीटल

कोरोना मरीजों को समय पर ऑक्सीजन तथा अन्य उपचार सुनिश्चित करवाने के लिए जिला प्रशासन ने चन्द्रवरदाई में 100 बेड की क्षमता का कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है. अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त अक्षय गोदारा ने बताया कि कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए समुचित उपचार सुनिश्चित करवाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. मरीजों की सुविधा के लिए चन्द्रवरदाई स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 100 बेड क्षमता वाले कोविड डेडीकेटल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां सभी बेड ऑक्सीजन सुविधा युक्त होंगे. इस कार्य के लिए कार्यकारी संस्था अजमेर विकास प्राधिकरण को बनाया गया.

उन्होंने बताया कि मरीजों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पूर्व में भी राजकीय सैटेलाइट चिकित्सालय एवं पंचशील शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को डेडीकेटेड कोविड हॉस्पीटल के रूप में तैयार किया गया है. राजकीय सैटेलाइट चिकित्सालय में मरीजों का उपचार आरम्भ किया जा चुका है. पंचशील के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 30 बेड मरीजों के लिए तैयार हो चुके हैं. शेष 70 बेड का कार्य प्रगतिरत है.

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जेएलएन चिकित्सालय में कोविड मरीजों के लिए 24 घंटे उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. अतिरिक्त कोविड डेडीकेटेड हॉस्पीटल तैयार होने से जेएलएन चिकित्सालय पर मरीजों का भार कम होगा. इससे गंभीर कोविड मरीजों की देखभाल उत्तम तरीके से की जा सकेगी. नए कोविड डेडीकेटेड अस्पताल आरम्भ होने से जिले के मरीजों को अतिरिक्त ऑक्सीजनयुक्त बैड उपलब्ध हो पाएंगे.

अजमेर. कोरोना से पीड़ित मरीजों, परिजन तथा चिकित्सकों की सुविधा तथा ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए जेएलएन चिकित्सालय में प्रवेश के लिए गेट का निर्धारण किया गया है. अब कोविड मरीज व परिजनों के लिए सिर्फ शास्त्रीनगर की ओर जाने वाले नगीना बाग के पास वाले गेट से एंट्री होगी.

पढ़ें: Corona Update: राजस्थान में 17,155 नए मामले आए सामने, 155 मौत...कुल आंकड़ा 5,98,001

जेएलएन चिकित्सालय के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि चिकित्सालय में मरीजों, परिजनों एवं आमजन की सुविधा तथा ऑक्सीजन के सिलेण्डरों की निर्बाध आपूर्ति के लिए चिकित्सालय में प्रवेश के लिए गेटों का निर्धारण किया गया है. नगीना बाग सीताराम मंदिर के सामने वाले गेट को केवल कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखा गया है. इससे मरीज सीधे कोविड ओपीडी में पहुंच पाएंगे और उनकों तुरन्त उपचार सुलभ हो पाएगा.

विजयलक्ष्मी पार्क की तरफ वाले गेट से ऑक्सीजन वाहन तथा स्टाफ प्रवेश कर सकेगा. रेडक्रास भवन के सामने स्थित गेट सामान्य ओपीडी के समय प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुला रहेगा. प्रशासनिक भवन के पास स्थित गेट को अनावश्यक व्यक्तियों की आवाजाही रोकने के लिए बंद किया गया है. चिकित्सालय के मुख्य भवन में प्रवेश के स्थलों को खुला रखा जाएगा.

बता दें कि संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल की आपातकालीन इकाई मुख्य दरवाजा बंद कर दिया गया है. अस्पताल को क्रिटिकल कोविड केयर सेंटर बना दिया गया है. आपातकालीन इकाई को अन्यत्र शिफ्ट पहले ही कर दिया गया था. गेट बंद किए जाने से लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं हैं. दरअसल अस्पताल में मरीजों से बेड फुल हो चुके हैं. ऐसे में अस्पताल का गेट बंद किए जाने से अस्पताल प्रशासन और प्रशासन की बेबसी नजर आ रही है. हालांकि गेट बंद किए जाने को लेकर व्यवस्था और आवाजाही की रोकथाम का हवाला दिया जा रहा है. जबकि संभाग स्तरीय जेएलएन अस्पताल 4 जिलों के लोगों के लिए इलाज की उम्मीदों का सबसे बड़ा केंद्र है.

चन्द्रवरदाई में भी बनेगा कोविड डेडीकेटेड हॉस्पीटल

कोरोना मरीजों को समय पर ऑक्सीजन तथा अन्य उपचार सुनिश्चित करवाने के लिए जिला प्रशासन ने चन्द्रवरदाई में 100 बेड की क्षमता का कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है. अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त अक्षय गोदारा ने बताया कि कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए समुचित उपचार सुनिश्चित करवाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. मरीजों की सुविधा के लिए चन्द्रवरदाई स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 100 बेड क्षमता वाले कोविड डेडीकेटल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां सभी बेड ऑक्सीजन सुविधा युक्त होंगे. इस कार्य के लिए कार्यकारी संस्था अजमेर विकास प्राधिकरण को बनाया गया.

उन्होंने बताया कि मरीजों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पूर्व में भी राजकीय सैटेलाइट चिकित्सालय एवं पंचशील शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को डेडीकेटेड कोविड हॉस्पीटल के रूप में तैयार किया गया है. राजकीय सैटेलाइट चिकित्सालय में मरीजों का उपचार आरम्भ किया जा चुका है. पंचशील के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 30 बेड मरीजों के लिए तैयार हो चुके हैं. शेष 70 बेड का कार्य प्रगतिरत है.

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जेएलएन चिकित्सालय में कोविड मरीजों के लिए 24 घंटे उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. अतिरिक्त कोविड डेडीकेटेड हॉस्पीटल तैयार होने से जेएलएन चिकित्सालय पर मरीजों का भार कम होगा. इससे गंभीर कोविड मरीजों की देखभाल उत्तम तरीके से की जा सकेगी. नए कोविड डेडीकेटेड अस्पताल आरम्भ होने से जिले के मरीजों को अतिरिक्त ऑक्सीजनयुक्त बैड उपलब्ध हो पाएंगे.

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