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Special: अतिक्रमण से संकरी हुईं सड़कें, शहर की रफ्तार में बन रहीं रोड़ा...जाम से लोग हलकान - अजमेर की सड़कों पर जाम की समस्या

शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद की जा रही है लेकिन प्लान को अमलीजामा पहनाने को लेकर जिम्मेदार बेपरवाह दिख रहे हैं. अजमेर में समय के साथ यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है लेकिन इसे लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है. नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.

Encroachment in ajmer cit, अजमेर में अतिक्रमण समस्या
अतिक्रमण बना जी का जंजाल
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Published : Jan 7, 2021, 11:07 PM IST

अजमेर. शहर में यातायात दबाव की समस्या एक दशक पुरानी है. शहर का मास्टर प्लान कभी बना ही नहीं. भौगौलिक रूप से शहर की संरचना के चलते भी शहर में यातायात सुगम हो पाना मुश्किल हो गया है. धार्मिक नगरी होने के कारण यहां सैलानियों के आने के कारण भी वाहनों का सदैव दबाव बना रहता है. शहर के मुख्य बाजारों में दुकानदारों के अस्थाई अतिक्रमण यातायात व्यवस्था को धता बता रहे हैं. रही सही कसर रेहड़ी और फेरी वाले पूरी कर देते हैं. यूं कहें तो अजमेर की यातायात व्यवस्था का कोई धणी धोरी नहीं है.

अतिक्रमण से अजमेर वासी परेशान

अजमेर शहर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है, लेकिन शहर में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं. गनीमत है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आने से शहर को एलिवेटेड ब्रिज की सौगात मिल गई. हालांकि एलिवेटेड ब्रिज का लाभ आमजन को मिलने में अभी एक वर्ष का समय और लगेगा. हालांकि यह ब्रिज कोई स्थाई समाधान नहीं है. बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए विशेष कार्य योजना पर कार्य करना आवश्यक है.

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शहर की भौगोलिक संरचना कटोरे के समान है जिसका असर शहर की बसावट पर भी पड़ा है. शहर की सड़कें उतनी चौड़ी नहीं है जितनी एक विकसित शहर के लिए जरूरी होती है. वहीं शहर के बाजार भी संकरे हैं. दुकानदार और रेहड़ी वालों के अतिक्रमण से हालात और भी ज्यादा खराब हो गए हैं. अस्थाई अतिक्रमण से सड़कें और भी संकरी हो गईं हैं.

Encroachment causes jam, अजमेर के बाजारों में अतिक्रमण
अतिक्रमण से लगता है जाम

पार्किंग न होने से लगता है जाम

बाजारों में पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण दुकान के बाहर ही लोग अपने वाहन पार्क कर देते हैं. इससे मार्ग और संकरा हो जाता है और लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यातायात व्यवस्था बेहतर और सुगम होनी चाहिए. फौरी तौर पर यातायात पुलिस अस्थाई अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करती है लेकिन बाद में फिर हालात जस के तस हो जाते हैं. बदहाल यातायात व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण कारण शहर में पार्किंग की व्यवस्था का नहीं होना भी है. इसके साथ ही नगर निगम ने वेंडर और नॉन वेंडर जोन घोषित किए हुए हैं लेकिन उनकी पालना नहीं हो पा रही है. इस कारण नॉन वेंडर जोन में भी रेहड़ी वाले अतिक्रमण कर रहे हैं.

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एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण कार्य जारी

यातायात का दबाव कम करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. मार्टिंडल ब्रिज से आगरा गेट और गांधी भवन से पुरानी आरपीएससी तक निर्माण का कार्य जारी है. यह शहर के प्रमुख मार्ग हैं. एलिवेटेड ब्रिज निर्माण कार्य की वजह से ट्रैफिक को अन्य वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया गया है जिस कारण अन्य कई मार्ग भी व्यस्त हो गए हैं. फिलहाल कैसरगंज, पड़ाव, कवंडसपुरा, मदार गेट, चूड़ी बाजार, नया बाजार, आगरा गेट और आवारा सर्किल तक यातायात का दबाव बना रहता है. दिन में कई बार इन मार्गों पर जाम लग जाता है. दूसरी और रेहड़ी और फेरी वालों पर कोई अंकुश नहीं है जिससे भी यातायात प्रभावित होती है.

समय-समय पर चलाते हैं अतिक्रमण विरोधी अभियान

यातायात पुलिस निरीक्षक सुगन का कहना है कि एलिवेटेड ब्रिज निर्माण कार्य की वजह से वैकल्पिक मार्गों पर यातायात का दबाव बढ़ा है. वैकल्पिक मार्गो पर यातायात सुगम हो इसके लिए समय-समय पर अतिक्रमण हटाया जाता है. वहीं बेतरतीब पार्किंग पर वाहनों को जप्त करने की कार्रवाई भी की जाती है. उन्होंने बताया कि वेंडर जोन में ठेले वाले खड़े होते हैं जिसकी वजह से भी यातायात में बाधा उत्पन्न होती है.

इसके लिए नगर निगम के साथ यातायात पुलिस जल्द ही कार्य योजना तैयार करेगी जिसमें वेंडर और नॉन वेंडर जोन पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कैसरगंज पढ़ाओ, मदार गेट, नया बाजार जैसे प्रमुख बाजारों के लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है जिससे वहां खरीदारी करने आने वाले लोगों की गाड़ियां खड़ी होने से जाम लग जाता है.शहर में आमजन की सुविधा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को आमजन के हित में कार्य योजना तैयार करनी होगी. फिलहाल एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने तक आमजन को यातायात सुगम मिलेगा, इसकी उम्मीद कम ही की जा सकती है.

अजमेर. शहर में यातायात दबाव की समस्या एक दशक पुरानी है. शहर का मास्टर प्लान कभी बना ही नहीं. भौगौलिक रूप से शहर की संरचना के चलते भी शहर में यातायात सुगम हो पाना मुश्किल हो गया है. धार्मिक नगरी होने के कारण यहां सैलानियों के आने के कारण भी वाहनों का सदैव दबाव बना रहता है. शहर के मुख्य बाजारों में दुकानदारों के अस्थाई अतिक्रमण यातायात व्यवस्था को धता बता रहे हैं. रही सही कसर रेहड़ी और फेरी वाले पूरी कर देते हैं. यूं कहें तो अजमेर की यातायात व्यवस्था का कोई धणी धोरी नहीं है.

अतिक्रमण से अजमेर वासी परेशान

अजमेर शहर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है, लेकिन शहर में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं. गनीमत है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आने से शहर को एलिवेटेड ब्रिज की सौगात मिल गई. हालांकि एलिवेटेड ब्रिज का लाभ आमजन को मिलने में अभी एक वर्ष का समय और लगेगा. हालांकि यह ब्रिज कोई स्थाई समाधान नहीं है. बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए विशेष कार्य योजना पर कार्य करना आवश्यक है.

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शहर की भौगोलिक संरचना कटोरे के समान है जिसका असर शहर की बसावट पर भी पड़ा है. शहर की सड़कें उतनी चौड़ी नहीं है जितनी एक विकसित शहर के लिए जरूरी होती है. वहीं शहर के बाजार भी संकरे हैं. दुकानदार और रेहड़ी वालों के अतिक्रमण से हालात और भी ज्यादा खराब हो गए हैं. अस्थाई अतिक्रमण से सड़कें और भी संकरी हो गईं हैं.

Encroachment causes jam, अजमेर के बाजारों में अतिक्रमण
अतिक्रमण से लगता है जाम

पार्किंग न होने से लगता है जाम

बाजारों में पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण दुकान के बाहर ही लोग अपने वाहन पार्क कर देते हैं. इससे मार्ग और संकरा हो जाता है और लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यातायात व्यवस्था बेहतर और सुगम होनी चाहिए. फौरी तौर पर यातायात पुलिस अस्थाई अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करती है लेकिन बाद में फिर हालात जस के तस हो जाते हैं. बदहाल यातायात व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण कारण शहर में पार्किंग की व्यवस्था का नहीं होना भी है. इसके साथ ही नगर निगम ने वेंडर और नॉन वेंडर जोन घोषित किए हुए हैं लेकिन उनकी पालना नहीं हो पा रही है. इस कारण नॉन वेंडर जोन में भी रेहड़ी वाले अतिक्रमण कर रहे हैं.

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एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण कार्य जारी

यातायात का दबाव कम करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. मार्टिंडल ब्रिज से आगरा गेट और गांधी भवन से पुरानी आरपीएससी तक निर्माण का कार्य जारी है. यह शहर के प्रमुख मार्ग हैं. एलिवेटेड ब्रिज निर्माण कार्य की वजह से ट्रैफिक को अन्य वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया गया है जिस कारण अन्य कई मार्ग भी व्यस्त हो गए हैं. फिलहाल कैसरगंज, पड़ाव, कवंडसपुरा, मदार गेट, चूड़ी बाजार, नया बाजार, आगरा गेट और आवारा सर्किल तक यातायात का दबाव बना रहता है. दिन में कई बार इन मार्गों पर जाम लग जाता है. दूसरी और रेहड़ी और फेरी वालों पर कोई अंकुश नहीं है जिससे भी यातायात प्रभावित होती है.

समय-समय पर चलाते हैं अतिक्रमण विरोधी अभियान

यातायात पुलिस निरीक्षक सुगन का कहना है कि एलिवेटेड ब्रिज निर्माण कार्य की वजह से वैकल्पिक मार्गों पर यातायात का दबाव बढ़ा है. वैकल्पिक मार्गो पर यातायात सुगम हो इसके लिए समय-समय पर अतिक्रमण हटाया जाता है. वहीं बेतरतीब पार्किंग पर वाहनों को जप्त करने की कार्रवाई भी की जाती है. उन्होंने बताया कि वेंडर जोन में ठेले वाले खड़े होते हैं जिसकी वजह से भी यातायात में बाधा उत्पन्न होती है.

इसके लिए नगर निगम के साथ यातायात पुलिस जल्द ही कार्य योजना तैयार करेगी जिसमें वेंडर और नॉन वेंडर जोन पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कैसरगंज पढ़ाओ, मदार गेट, नया बाजार जैसे प्रमुख बाजारों के लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है जिससे वहां खरीदारी करने आने वाले लोगों की गाड़ियां खड़ी होने से जाम लग जाता है.शहर में आमजन की सुविधा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को आमजन के हित में कार्य योजना तैयार करनी होगी. फिलहाल एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने तक आमजन को यातायात सुगम मिलेगा, इसकी उम्मीद कम ही की जा सकती है.

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