अजमेर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को अजमेर दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक संकट छाया हुआ है और केंद्र व राज्य सरकारें आर्थिक संकट से जूझ रही है. लेकिन मोदी सरकार अपने अहम और घमंड में चूर है. उन्होंने कहा कि हवाई जहाज और महंगी गाड़ियों में घूम कर वह यह दिखा रहे हैं कि देश में किसी तरह की कोई आर्थिक मंदी नहीं है.
गहलोत ने कहा कि मोदी ने जवाहरलाल नेहरू की नीतियों को बदल दिया. प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के समय बनी मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों को खत्म कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि देश में गलत तरीके से जीएसटी लागू करने से जो रेवेन्यू सरकार को मिलना चाहिए था वह नहीं मिल रहा है, जिस वजह से टैक्स में राज्य सरकारों का हिस्सा भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है. राजस्थान में 7 हजार करोड़ रुपए की कटौती की गई है. उन्होंने कहा कि देश को बचाना है तो मनमोहन सिंह के समय जो नीतियां बनी थी उन पर सरकार को चलना चाहिए.
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सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति खुद कह चुके हैं कि सरकार को अर्थ व्यवस्था की समझ नहीं है. गहलोत ने राजनीति नियुक्तियों के सवाल पर कहा कि राजनीति नियुक्तियां उनकी समझ से परे है. यह दायित्व प्रभारी मंत्रियो को दिए गए हैं कि वो जिलों में कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों हारे जीते विधायकों और कार्यकर्ताओं से मिलकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को नियुक्तियां देने के लिए कहा गया है.
वहीं, खाद्य वस्तुओं में मिलावट के सवाल पर गहलोत ने कहा कि मिलावटखोरों को तो फांसी की सजा होनी चाहिए. सरकार ने पहले भी शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया था मगर यह अस्थाई है. सरकार मिलावटखोरी के खिलाफ स्थाई समाधान खोज रही है. गहलोत ने केंद्र सरकार से राइट टू हेल्थ कानून लाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में राइट टू एजुकेशन, खाद्य सुरक्षा कानून लाया गया वैसे ही केंद्र सरकार को भी राइट टू हेल्थ कानून बनाना चाहिए.