बिजयनगर (अजमेर). कस्टम विभाग की ओर से किए गए 348 करोड़ रुपये के हीरे और सोने की तस्करी के खुलासे के बाद इस मामले के तार अब अजमेर से जुड़ रहे हैं. कस्टम विभाग ने बीते दिनों करीब साढ़े तीन सौ करोड़ के हीरे और सोने की तस्करी का खुलासा किया था.
इसके बाद कस्टम विभाग ने जयपुर समेत राजस्थान के 4 शहरों में छापेमारी की. इस मामले में अजमेर के बिजयनगर के रहने वाले कारोबारी ओमप्रकाश वंजानी को कस्टम विभाग ने गिरफ्तार किया है. ओमप्रकाश बिजयनगर में किराए के मकान में रहता था. वह अक्सर मकान बदलता रहता था. पहले ओमप्रकाश ब्रेकरी और किराना व्यवसाय से जुड़ा था. जानकारों का कहना है कि बिजयनगर के युवा रातों रात पैसा कमाने के चक्कर में अपने आधार और पेनकार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मुंबई की व्यावसायिक और आईटी कंपनियों को दे देते हैं.
कस्टम विभाग के खुलासे में झुंझुनू के एक सीए और बिजयनगर के व्यापारी ओमप्रकाश वंजानी को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि तस्करी का यह माल गुजरात और मुंबई के व्यवसायियों ने तस्करी करवा कर मंगवाया था, जिसका भुगतान राजस्थान मूल की कागजी आईटी कंपनियों के माध्यम से यूएई और हाॅन्गकाॅन्ग में किया गया था.
यह माना जा रहा है कि इस गिरोह के जरिये अब तक 10 हजार करोड़ रुपये का सोने और हीरे की तस्करी की गई है. इस मामले में झुंझुनू के जिस सीए को उठाया गया है वह डेरवाला पोस्ट स्थित राजीव नगर गांव निवासी रविन्द्र कुमार है. इधर बिजयनगर अजमेर के व्यापारी ओमप्रकाश पर आरोप है कि उसने तस्करी के सोने और हीरों का भुगतान हॉन्गकॉन्ग और यूएई भिजवाया. तस्करी के माल की रकम जिन कंपनियों के खातों से भेजी गई, उनमें जयपुर की मैसर्स बेलस्टार टेक्नो सॉल्युशन प्राइ्रवेट लिमिटेड और विजुअल बडर्स टैक्नोलॉजी भी है.
दोनों कंपनियों ने खुद को आईटी कंपनी बताया है. यह भुगतान बतौर आईटी सेवाओं के लिए दिखाया गया. हांलाकि बिजयनगर पुलिस के एएसआई उगमसिंह ने इस मामले में बताया कस्टम्स विभाग की कार्यवाही की हमें कोई सूचना नहीं है और न ही हमें कस्टम विभाग की ओर से कोई सूचना दी गई. इसलिए इस मामले कुछ भी कहने में असमर्थ हैं.