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अजमेर: पटाखा व्यापारियों ने की पटाखे पर रोक हटाने की मांग, कहा- करोड़ों का हो सकता है नुकसान - अजमेर में पटाखा व्यापारी

अजमेर में पटाखा व्यापारियों ने कहा कि पटाखे पर रोक के कारण व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो सकता है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील की है कि भारत में कहीं भी पटाखा व्यापारी की बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई है. केवल मात्र राजस्थान में इस तरह के कानून को आखिर क्यों लागू किया गया है.

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पटाखा व्यापारियों ने की पटाखे पर रोक हटाने की मांग
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Published : Nov 10, 2020, 11:01 AM IST

अजमेर. राजस्थान में पटाखा व्यापारियों की बिक्री पर रोक मामले को लेकर अभी तक किसी प्रकार की पटाखा व्यापारियों को राहत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि पटाखा व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान होने वाला है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील की है कि भारत में कहीं भी पटाखा व्यापारी की बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई है. केवल मात्र राजस्थान में इस तरह के कानून को आखिर क्यों लागू किया गया है. उन्होंने अपील की है कि जल्द ही इस बिक्री पर रोक हटाई जाए.

पटाखा व्यापारियों ने की पटाखे पर रोक हटाने की मांग

व्यापारी ने कहा कि जिस तरह से कहा जा रहा है कि पटाखा से प्रदूषण फैलता है, जबकि ऐसा नहीं है. व्यापारियों ने कहा कि हिंदू त्योहारों पर आखिर इस तरह की पाबंदी क्यों लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात करते हुए अपनी मांगों को लेकर व्यापारियों ने ज्ञापन सौंपा है. उन्हें जल्द ही राजस्थान में पटाखों की बिक्री पर रोक हटाने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आंदोलन पर उतर जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.

काली दिवाली मनाने का ऐलान

व्यापारियों ने इस बार पटाखों पर रोक के बाद काली दीपावली मनाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वह काली दीपावली इस बार मनाएंगे क्योंकि उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान होना है. ऐसे में व्यापारियों द्वारा पहले ही माल मंगवा लिया गया था, जब प्रशासन को राजस्थान में पटाखों की बिक्री पर रोक लगानी थी तो लाइसेंस क्यों दिए गए. उन्होंने कहा कि ऐसे में हिंदुओं के परंपरागत त्योहारों पर रोक लगाना गलत है.

यह भी पढ़ें- गुर्जर आरक्षण आंदोलन: सरकार और समाज के बीच अब अगली वार्ता जयपुर में ही होगी: अशोक चांदना

वहीं व्यापारियों का कहना है कि सिगरेट और गुटके पर भी रोक लगाई गई थी. आखिर फिर उसको क्यों हटाया गया क्योंकि उससे सरकार को मुनाफा होता है, लेकिन पटाखा व्यापारियों को ऐसे असमंजस में रखना सरकार की नीयत पर सवाल उठाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में व्यापारियों को काफी नुकसान होने वाला है काफी लोग पहले से ही परेशान थे क्योंकि व्यापार मैं बिल्कुल भी गति नहीं थी जब त्यौहारों का सीजन आ ने लगाया है तो आतिशबाजी और पटाखों पर रोक लगाना उचित नहीं है.

अजमेर. राजस्थान में पटाखा व्यापारियों की बिक्री पर रोक मामले को लेकर अभी तक किसी प्रकार की पटाखा व्यापारियों को राहत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि पटाखा व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान होने वाला है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील की है कि भारत में कहीं भी पटाखा व्यापारी की बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई है. केवल मात्र राजस्थान में इस तरह के कानून को आखिर क्यों लागू किया गया है. उन्होंने अपील की है कि जल्द ही इस बिक्री पर रोक हटाई जाए.

पटाखा व्यापारियों ने की पटाखे पर रोक हटाने की मांग

व्यापारी ने कहा कि जिस तरह से कहा जा रहा है कि पटाखा से प्रदूषण फैलता है, जबकि ऐसा नहीं है. व्यापारियों ने कहा कि हिंदू त्योहारों पर आखिर इस तरह की पाबंदी क्यों लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात करते हुए अपनी मांगों को लेकर व्यापारियों ने ज्ञापन सौंपा है. उन्हें जल्द ही राजस्थान में पटाखों की बिक्री पर रोक हटाने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आंदोलन पर उतर जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.

काली दिवाली मनाने का ऐलान

व्यापारियों ने इस बार पटाखों पर रोक के बाद काली दीपावली मनाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वह काली दीपावली इस बार मनाएंगे क्योंकि उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान होना है. ऐसे में व्यापारियों द्वारा पहले ही माल मंगवा लिया गया था, जब प्रशासन को राजस्थान में पटाखों की बिक्री पर रोक लगानी थी तो लाइसेंस क्यों दिए गए. उन्होंने कहा कि ऐसे में हिंदुओं के परंपरागत त्योहारों पर रोक लगाना गलत है.

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वहीं व्यापारियों का कहना है कि सिगरेट और गुटके पर भी रोक लगाई गई थी. आखिर फिर उसको क्यों हटाया गया क्योंकि उससे सरकार को मुनाफा होता है, लेकिन पटाखा व्यापारियों को ऐसे असमंजस में रखना सरकार की नीयत पर सवाल उठाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में व्यापारियों को काफी नुकसान होने वाला है काफी लोग पहले से ही परेशान थे क्योंकि व्यापार मैं बिल्कुल भी गति नहीं थी जब त्यौहारों का सीजन आ ने लगाया है तो आतिशबाजी और पटाखों पर रोक लगाना उचित नहीं है.

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