अजमेर. अजमेर संभाग में कोरोना की दूसरी लहर कहर बनकर टूट रही है. हालात यह है कि अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं है. कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग भी सकते में आ गया है. एक ओर वैक्सीनेशन का कार्य जारी है तो वहीं दूसरी ओर कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर चिकित्सक और हेल्थ वर्कर जुटे हुए हैं.
जानकारों का मानना है कि कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है जब तक 0 मोबिलिटी नहीं होगी तब तक कोरोना की चैन तोड़ना संभव नहीं है. ईटीवी भारत से बातचीत में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में अजमेर जोन के संयुक्त निदेशक डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कम्युनिटी स्प्रेड की वजह से कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अजमेर भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमित लोग ज्यादा पाए जा रहे हैं. जबकि टोंक और नागौर में संक्रमितों की संख्या अजमेर भीलवाड़ा के मुकाबले कम है.
उन्होंने बताया कि लोग अभी नही संभल रहे है. कोरोना की पहली लहर में ग्रामीण क्षेत्रों में उतना प्रभाव नहीं पड़ा था लेकिन इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमितो की संख्या ज्यादा हो गई है. यह चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि अरबन एरिया और ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कम होती है. इतने विकट हालात होने के बावजूद भी आम आदमी अभी समझ नहीं पा रहा है कि कोरोना की चेन तोड़ना कितना जरूरी है.
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डॉ. सिंह ने कहा कि लोगों को चाहिए कि वह घर पर रहकर खुद को और परिवार को सुरक्षित रखें. यदि किसी कारणवश घर से बाहर जा रहे हैं तो मास्क लगाकर जाए और लौटे तो सबसे पहले हाथों को साबुन से धोएं. उन्होंने कहा कि किसी के घर आना जाना बंद करें. बाजार में यदि सामान लेने भी जा रहे हैं तो एक साथ इतना सामान लेकर आएगी 7 दिन तक बाहर निकलने की जरूरत ना पड़े. जीरो मोबिलिटी संभव नहीं है लेकिन लोग खुद इस बात को समझें कि बस यही एक तरीका बचा है कोरोना चैन तोड़ने का. घर से बाहर निकलना जितना कम होगा उतना ही कोरोना की चेन तोड़ने में सहयोग मिलेगा.