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निजी अस्पतालों के लिए गाइडलाइन, 'ऑक्सीजन लेवल 93 से ऊपर तो मरीज को करें होम आइसोलेट'

कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की अनावश्यक खपत को देखते हुए अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान नई दिल्ली (एम्स) की एडवाइजरी के मुताबिक नई गाइडलाइन जारी की है.

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निजी अस्पतालों के लिए गाइडलाइन
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Published : Apr 25, 2021, 9:27 PM IST

अजमेर. कोरोना संक्रमण की वजह से हालात बेकाबू हो रहे हैं. अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं. लिहाजा कलेक्टर ने नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत सभी निजी अस्पताल कोरोना पॉजीटिव मरीज का ऑक्सीजन लेवल 93, रेसपीरेटरी रेट 24 प्रति मिनट से कम होने पर ऎसे मरीजों को माइल्ड मानते हुए होम आइसोलेट करने की सलाह देंगे.

यह भी पढ़ें- बीजेपी नेता फ्री वैक्सीनेशन पर बोलते हैं, ऑक्सीजन पर चुप्पी क्यों?- खाचरियावास

निजी अस्पतालों में सिर्फ उन्हीं कोरोना मरीजों को भर्ती कर ऑक्सीजन बैड पर लिया जाएगा, जिनका ऑक्सीजन लेवल 93 से कम है.

नियम तोड़ने पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि प्रत्येक एमपैनल्ड निजी अस्पताल के लिए नियुक्त किए गए चिकित्सा अधिकारी और आयुर्वेदिक चिकित्सकों की ओर से पल्स ऑक्सीमीटर से प्रत्येक मरीज का डाटा कैप्चर किया जाए. उन्होंने कहा कि जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन का उपयोग बहुत ही लापरवाही की स्थिति को बताता है. इसे जरूरतमंद मरीज की ऑक्सीजन मांग की कटौती माना जाएगा. दोषी के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 53 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

अजमेर. कोरोना संक्रमण की वजह से हालात बेकाबू हो रहे हैं. अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं. लिहाजा कलेक्टर ने नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत सभी निजी अस्पताल कोरोना पॉजीटिव मरीज का ऑक्सीजन लेवल 93, रेसपीरेटरी रेट 24 प्रति मिनट से कम होने पर ऎसे मरीजों को माइल्ड मानते हुए होम आइसोलेट करने की सलाह देंगे.

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निजी अस्पतालों में सिर्फ उन्हीं कोरोना मरीजों को भर्ती कर ऑक्सीजन बैड पर लिया जाएगा, जिनका ऑक्सीजन लेवल 93 से कम है.

नियम तोड़ने पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि प्रत्येक एमपैनल्ड निजी अस्पताल के लिए नियुक्त किए गए चिकित्सा अधिकारी और आयुर्वेदिक चिकित्सकों की ओर से पल्स ऑक्सीमीटर से प्रत्येक मरीज का डाटा कैप्चर किया जाए. उन्होंने कहा कि जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन का उपयोग बहुत ही लापरवाही की स्थिति को बताता है. इसे जरूरतमंद मरीज की ऑक्सीजन मांग की कटौती माना जाएगा. दोषी के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 53 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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