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राजस्व मंडल के विखंडन पर कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने दी अलग अलग प्रतिक्रिया, कहा- नहीं होने देंगे अजमेर के साथ कुठाराघात

राजस्व मंडल अजमेर (Revenue Circle Ajmer) के विखंडन को लेकर विरोध शुरू हो गया है. कांग्रेस के नेता अब राजस्व मंडल के विखंडन को गलत ठहरा रहे हैं और राजस्थान सरकार से इसे रोकने की मांग कर रहे हैं. नेताओं ने कहा कि राजस्व मंडल अजमेर की अस्मिता से जुड़ा हुआ विषय है. अजमेर के हक के साथ कुठाराघात नहीं करने दिया जाएगा.

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राजस्व मंडल के विखंडन को लेकर कांग्रेस नेताओं ने जताया विरोध
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Published : Jun 22, 2021, 4:23 PM IST

अजमेर. जिले में राजस्व मंडल के विखंडन को लेकर अब कांग्रेस नेता भी मुखर हो गए हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता राजस्व मंडल के विखंडन को गलत ठहराते हुए राजस्थान सरकार से विखंडन को रोकने की मांग कर रहे हैं.

अजमेर के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजस्व मंडल अजमेर (Revenue Circle Ajmer) की अस्मिता से जुड़ा हुआ विषय है. अजमेर के हक के साथ कुठाराघात नहीं करने दिया जाएगा. सन 1956 में राजस्थान में अजमेर का विलय हुआ था तब अजमेर को राजस्थान की राजधानी बनाया जाना था, लेकिन भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अजमेर राजधानी नहीं बन सका लेकिन राव कमीशन ने अजमेर को राजधानी के बदले कई महत्वपूर्ण सरकारी विभाग सौगात के रूप में दिए थे. इनमें राजस्व मंडल भी शामिल है.

राजस्व मंडल के विखंडन को लेकर कांग्रेस नेताओं ने जताया विरोध

यह भी पढ़ें- दरिंदगी की हदें पार : पुष्कर में 11 साल की मासूम की पत्थरों से कुचलकर हत्या, ज्यादती की आशंका

राजस्व मंडल प्रदेश के किसानों के लिए राजस्व संबंधी मामलों की सबसे बड़ी अदालत है. समय गुजरने के साथ ही सरकारों ने कई बार राजस्व मंडल के विखंडन के प्रयास किए. राजस्व मंडल की सर्किट बेंच संभाग मुख्यालय को दी गई. वहीं, अब राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य को यहां से जयपुर ले जाने की सरकार की मंशा है बल्कि इसके लिए तैयारी भी शुरू हो चुकी है. राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य के लिए जयपुर में आयुक्तालय बनाने की योजना है.

राजस्थान राजस्व मंडल अभिभाषक संघ राजस्व मंडल के विखंडन का पुरजोर विरोध कर रहा है. विपक्ष में होने के नाते भाजपा के स्थानीय नेता भी अपना विरोध दर्ज करवा चुके हैं. सत्तासीन कांग्रेस के नेता भी अब राजस्व मंडल के विखंडन के मामले में मुखर हो चुके हैं.

अजमेर शहर कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन ने बताया कि राजस्व मंडल अजमेर की अस्मिता से जुड़ा हुआ विषय है. अजमेर को राजस्व मंडल सशर्त मिला था. इसके विखंडन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोत गहलोत को पत्र लिखा जा चुका है. पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मांग की जा रही है कि राजस्व मंडल के विखंडन को रोका जाए.

पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल ने बताया कि राज्य सरकार से मांग की गई है कि राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य को जयपुर नहीं ले जाया जाए. इसके लिए विरोध या धरना प्रदर्शन भी करना पड़ेगा तो पीछे नहीं हटेंगे.

यह भी पढ़ें- राहुल गांधी ने कोविड पर व्हाइट पेपर जारी कर जो सुझाव दिए हैं उनको अविलंब लागू करना चाहिए : अशोक गहलोत

पूर्व विधायक श्री गोपाल बाहेती ने कहा कि सन 1956 में राजस्थान में अजमेर का सशर्त विलय हुआ था. अजमेर को राजधानी बनाया जाना था लेकिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अजमेर को राजधानी नहीं बना कर यहां पर कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाएं दी गई थी. लेकिन धीरे-धीरे सरकारों ने इनका भी विखंडन करना शुरू कर दिया. राजस्व मंडल अजमेर का हक है. इसके प्रशासनिक कार्य को जयपुर ले जाना अजमेर के हक के साथ कुठाराघात है.

डॉ. बाहेती ने बताया कि राजस्व मंडल के विखंडन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जा चुका है. जिसमें मांग की गई है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग को भी खंडन कर कर्मचारी चयन बोर्ड बनाया गया है उसका दफ्तर अजमेर में खोला जाए.

उन्होंने बताया कि राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य को अलग करना जरूरी है तो इसका आयुक्तालय अजमेर में ही खोला जाए. अजमेर के स्थानीय कांग्रेस के नेता अपनी ही पार्टी की सरकार से अजमेर की अस्मिता को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि राजस्थान सरकार का अजमेर की अस्मिता से जुड़े हुए विषय पर क्या निर्णय रहता है.

अजमेर. जिले में राजस्व मंडल के विखंडन को लेकर अब कांग्रेस नेता भी मुखर हो गए हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता राजस्व मंडल के विखंडन को गलत ठहराते हुए राजस्थान सरकार से विखंडन को रोकने की मांग कर रहे हैं.

अजमेर के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजस्व मंडल अजमेर (Revenue Circle Ajmer) की अस्मिता से जुड़ा हुआ विषय है. अजमेर के हक के साथ कुठाराघात नहीं करने दिया जाएगा. सन 1956 में राजस्थान में अजमेर का विलय हुआ था तब अजमेर को राजस्थान की राजधानी बनाया जाना था, लेकिन भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अजमेर राजधानी नहीं बन सका लेकिन राव कमीशन ने अजमेर को राजधानी के बदले कई महत्वपूर्ण सरकारी विभाग सौगात के रूप में दिए थे. इनमें राजस्व मंडल भी शामिल है.

राजस्व मंडल के विखंडन को लेकर कांग्रेस नेताओं ने जताया विरोध

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राजस्व मंडल प्रदेश के किसानों के लिए राजस्व संबंधी मामलों की सबसे बड़ी अदालत है. समय गुजरने के साथ ही सरकारों ने कई बार राजस्व मंडल के विखंडन के प्रयास किए. राजस्व मंडल की सर्किट बेंच संभाग मुख्यालय को दी गई. वहीं, अब राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य को यहां से जयपुर ले जाने की सरकार की मंशा है बल्कि इसके लिए तैयारी भी शुरू हो चुकी है. राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य के लिए जयपुर में आयुक्तालय बनाने की योजना है.

राजस्थान राजस्व मंडल अभिभाषक संघ राजस्व मंडल के विखंडन का पुरजोर विरोध कर रहा है. विपक्ष में होने के नाते भाजपा के स्थानीय नेता भी अपना विरोध दर्ज करवा चुके हैं. सत्तासीन कांग्रेस के नेता भी अब राजस्व मंडल के विखंडन के मामले में मुखर हो चुके हैं.

अजमेर शहर कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन ने बताया कि राजस्व मंडल अजमेर की अस्मिता से जुड़ा हुआ विषय है. अजमेर को राजस्व मंडल सशर्त मिला था. इसके विखंडन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोत गहलोत को पत्र लिखा जा चुका है. पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मांग की जा रही है कि राजस्व मंडल के विखंडन को रोका जाए.

पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल ने बताया कि राज्य सरकार से मांग की गई है कि राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य को जयपुर नहीं ले जाया जाए. इसके लिए विरोध या धरना प्रदर्शन भी करना पड़ेगा तो पीछे नहीं हटेंगे.

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पूर्व विधायक श्री गोपाल बाहेती ने कहा कि सन 1956 में राजस्थान में अजमेर का सशर्त विलय हुआ था. अजमेर को राजधानी बनाया जाना था लेकिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अजमेर को राजधानी नहीं बना कर यहां पर कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाएं दी गई थी. लेकिन धीरे-धीरे सरकारों ने इनका भी विखंडन करना शुरू कर दिया. राजस्व मंडल अजमेर का हक है. इसके प्रशासनिक कार्य को जयपुर ले जाना अजमेर के हक के साथ कुठाराघात है.

डॉ. बाहेती ने बताया कि राजस्व मंडल के विखंडन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जा चुका है. जिसमें मांग की गई है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग को भी खंडन कर कर्मचारी चयन बोर्ड बनाया गया है उसका दफ्तर अजमेर में खोला जाए.

उन्होंने बताया कि राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य को अलग करना जरूरी है तो इसका आयुक्तालय अजमेर में ही खोला जाए. अजमेर के स्थानीय कांग्रेस के नेता अपनी ही पार्टी की सरकार से अजमेर की अस्मिता को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि राजस्थान सरकार का अजमेर की अस्मिता से जुड़े हुए विषय पर क्या निर्णय रहता है.

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