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स्पेशल स्कूल : अजमेर में रेलगाड़ी वाला स्कूल, बच्चे 'शिक्षा ट्रेन' में पढ़ पाना चाहते हैं अपनी मंजिल - train compartment look

अजमेर पुलिस लाइन में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई अलख जगाई गई है. स्कूल में बने हुए कमरों को ट्रेन का लुक दिया गया है, जिससे विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रोचकता बढ़े.

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Published : Aug 9, 2019, 7:51 PM IST

अजमेर. पुलिस लाइन क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को 'राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान' की तरफ से नया स्वरूप दिया गया है. इसमें कक्षाओं के बाहर की दीवारों को ट्रेन के डिब्बे का लुक दिया है. सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील मुहैया करवाने वाली 'अक्षय पात्र' ने इस योजना की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में शिक्षा की रोचकता को बढ़ाना है.

अजमेर में ट्रेन वाले स्कूल में बच्चे कर रहे पढ़ाई

बता दें कि जिले में यह पहला स्कूल है, जहां पर शिक्षा ट्रेन बनाई गई है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति लगाव बढ़ाना है. साथ ही ट्रेन के बारे में भी विद्यार्थियों को जानकारी देना है.

यह भी पढ़ेंः अजमेर में किसान दंपति पर धारदार हथियार से हमला, महिला घायल

स्कूल के विद्यार्थी बताते हैं कि शिक्षा ट्रेन उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करती है. इससे लगता है कि शिक्षा ट्रेन में बैठकर विद्यार्थी अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे. वहीं स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि शिक्षा ट्रेन को देखकर विद्यार्थियों में सृजनशीलता बढ़ती है. सरकारी स्कूल में इस तरह के प्रयोग से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. साथ ही शैक्षणिक वातावरण में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में विद्यार्थियों को लगता है कि वे क्लास रूम के बाहर किसी प्लेटफॉर्म पर खड़े हैं.

यह भी पढ़ेंः अजमेर में सेल्फी पॉइंट युवाओं में जगाएगा शहर के प्रति प्रेम

ऐसे में स्कूल की शिक्षिका बताती हैं कि शिक्षा की ट्रेन विद्यार्थियों में अनुशासन का भाव भी जागृत करती है. इससे विद्यार्थियों में संदेश जाता है कि स्कूल में सही समय पर विद्यार्थी आए. शिक्षा की ट्रेन में सफर कर अपनी मंजिल तक पहुंचे.

अजमेर. पुलिस लाइन क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को 'राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान' की तरफ से नया स्वरूप दिया गया है. इसमें कक्षाओं के बाहर की दीवारों को ट्रेन के डिब्बे का लुक दिया है. सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील मुहैया करवाने वाली 'अक्षय पात्र' ने इस योजना की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में शिक्षा की रोचकता को बढ़ाना है.

अजमेर में ट्रेन वाले स्कूल में बच्चे कर रहे पढ़ाई

बता दें कि जिले में यह पहला स्कूल है, जहां पर शिक्षा ट्रेन बनाई गई है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति लगाव बढ़ाना है. साथ ही ट्रेन के बारे में भी विद्यार्थियों को जानकारी देना है.

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स्कूल के विद्यार्थी बताते हैं कि शिक्षा ट्रेन उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करती है. इससे लगता है कि शिक्षा ट्रेन में बैठकर विद्यार्थी अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे. वहीं स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि शिक्षा ट्रेन को देखकर विद्यार्थियों में सृजनशीलता बढ़ती है. सरकारी स्कूल में इस तरह के प्रयोग से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. साथ ही शैक्षणिक वातावरण में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में विद्यार्थियों को लगता है कि वे क्लास रूम के बाहर किसी प्लेटफॉर्म पर खड़े हैं.

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ऐसे में स्कूल की शिक्षिका बताती हैं कि शिक्षा की ट्रेन विद्यार्थियों में अनुशासन का भाव भी जागृत करती है. इससे विद्यार्थियों में संदेश जाता है कि स्कूल में सही समय पर विद्यार्थी आए. शिक्षा की ट्रेन में सफर कर अपनी मंजिल तक पहुंचे.

Intro:अजमेर। अजमेर के पुलिस लाइन क्षेत्र में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की ओर से निर्मित नया स्वरूप दिया गया है। इसमें कक्षाओं के बाहर की दीवार को ट्रैन के डब्बे का लुक दिया है। सरकारी स्कूलों में मिड डे मील मोहिया करवाने वाली अक्षय पात्र ने यह शुरुवात की है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में शिक्षा को रोचक बनाना है।

अजमेर पुलिस लाइन क्षेत्र में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षाओं के बाहरी दीवार का लुक ट्रेन की तरह दिया गया है जिले में यह पहली स्कूल है जहां पर शिक्षा ट्रेन बनाई गई है उसका उद्देश्य विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति लगाव जगाना है। साथ ही ट्रेन के बारे में भी विद्यार्थियों को जानकारी देना है। स्कूल के विद्यार्थी बताते हैं कि शिक्षा ट्रेन उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करती है। इससे लगता है कि शिक्षा ट्रेन में बैठ कर विद्यार्थी अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे। स्कूल के शिक्षक बताते है कि शिक्षा ट्रैन को देखकर विद्यार्थियों में सर्जनशीलता बढ़ती है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूल में इस तरह के प्रयोग से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। वही शैक्षणिक वातावरण स्कूल में बढ़ा है। विद्यार्थियों को लगता है कि वे क्लास रूम के बाहर किसी प्लेटफॉर्म पर खड़े है। स्कूल की शिक्षिका बताती है कि शिक्षा की ट्रेन विद्यार्थियों में अनुशासन का भाव भी जाग्रत करती है। इससे संदेश जाता है कि स्कूल में सही समय पर विद्यार्थी आए और शिक्षा की ट्रेन में सफर कर अपनी मंजिल तक पहुचे ....
वॉक थ्रू


Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


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