अजमेर. अजमेर में ओमिक्रोन वैरियंट का पहला मरीज (First patient of Omicron variant) मिलने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. संक्रमित युवक को जेएलएन अस्पताल के सुपर कोविड वार्ड में भर्ती करवाया गया है. वहीं परिजनों कोविड और जिनोम सीक्वेंसिंग के जांच नमूने भी लिए गए हैं. इधर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संक्रमित युवक और उसके परिजनों के खिलाफ (Case registered against first Omicron patient) रामगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है.
रामगंज थाने में मुकदमा दर्ज : संक्रमित युवक के घर में होने की जानकारी छुपाने और मेडिकल टीम को झूठ बोल कर गुमराह करने के मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासन के सहयोग से आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51, धारा 270 और 279 के तहत रामगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. जानकारी के मुताबिक ओमिक्रोन वैरियंट से संक्रमित युवक चोला दिसंबर को अफ्रिका के घाना से दिल्ली एयरपोर्ट उतरा था. जहां उसकी कोविड जांच एवं जिनोम सीक्वेंसिंग के नमूने लिए गए थे.
घरवालों ने संक्रमित को छुपाया : सीएमएचओ डॉ केके सोनी ने बताया कि 17 दिसंबर को संक्रमित युवक अजमेर में चंद्रवरदाई नगर स्थित नव दुर्गा कॉलोनी अपने घर आ गया था. उसकी जिनोम सीक्वेंसिंग की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव (Omicron Variant In Ajmer) आने का मैसेज उसे उसके मोबाइल पर मिल चुका था. बावजूद इसके उसने स्थानीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से संपर्क नहीं किया. हालांकि बाहर से आने के कारण मेडिकल टीम उसके घर पहुंची थी. लेकिन उसके परिजनों ने मेडिकल टीम को यह कहकर रवाना कर दिया कि वह दिल्ली चला गया है. मामले पर पर्दा तब उठा जब युवक की जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट से अजमेर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली. इस सूचना से विभाग में हड़कंप मच गया. मेडिकल की टीम संक्रमित युवक के घर पहुंच गई. इस दौरान भी परिजन तालम टोल करते रहे. काफी समझाइश के बाद मेडिकल टीम संक्रमित युवक को लेकर जेएलएन अस्पताल पहुंची (corona Variant omicron case Reported in Ajme) जहां सुपर कोविड वार्ड में उसे रखा गया है.
परिवार में किसी ने नहीं करवाया वैक्सीनेशन : डॉ केके सोनी ने बताया कि 7 दिन तक संक्रमित युवक घर पर ही था और वह कई बार कॉलोनी में घुमा भी है. उन्होंने बताया कि उसके पिता दुकान लगाते हैं वहीं उसकी माता प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है. घर में बड़ा भाई और भाभी भी है. यह सभी ने वैक्सीनेशन भी नहीं करवा रखा है. बावजूद इसके संक्रमित युवक को घर में रखने के साथ ही झूठ बोलकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम को गुमराह करते रहे, यह घोर लापरवाही है. विभाग ने जिला प्रशासन के सहयोग से संक्रमित युवक और उसके परिजनों के खिलाफ रामगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. उन्होंने बताया कि नवंबर माह से अभी तक जिले में 98 कोरोना के मरीज सामने आ चुके हैं. ओमिक्रोन वेरियंट का यह पहला मरीज है. डॉ केके सोनी ने लोगों से अपील की है कि बाहर से आने वाले लोग अपने आप को छुपाए नहीं बल्कि आसपास के डिस्पेंसरी में अपनी कोविड जांच और जिनोम सीक्वेंसिंग के नमूने दें ताकि इसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. फिलहाल परिजनों की जांच रिपोर्ट नहीं आई है.
बढ़ी चिंता : जिले में पहला ओमिक्रोन वैरियंट संक्रमित मिलने के बाद जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं भी बढ़ गई है. दरअसल संक्रमित युवक और उसके परिजन 7 दिन से जानकारी को छुपाकर बैठे थे. इस दरमियान संक्रमित युवक नव दुर्गा कॉलोनी के अलावा और अन्य किन लोगों से मिला उन्हें ट्रेस किया जा रहा है. चिंता की बात यह है कि संपर्क में आए लोग भी संक्रमित ना हो जाएं और यह संक्रमण तेजी से ना फैले. इसके लिए मेडिकल की टीमें जुटी हुई है.