अजमेर. देश भर में फैले कोरोना संक्रमण के कारण कई व्यापारियों और कारोबारियों के व्यापार चौपट हो चुके हैं. चाहे वो छोटे वर्ग के व्यापारी हो या फिर बड़े वर्ग के व्यापारी हो सब कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन की चपेट में आ चुके हैं. वहीं, अब लोगों की प्यास बुझाने वाले कैंपर व्यापारियों पर भी आर्थिक संकट मडंरा रहा है.
देशभर में कोरोना माहमारी के बीच लोगों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. बात करें पानी से जुड़े व्यापारियों की तो उनकी आर्थिक स्थिति अब खराब हो चुकी है. पिछले 3 महीनों से बंद पड़े काम ने अब धीरे-धीरे रफ्तार तो पकड़ी है, लेकिन काम अब बहुत कम हो चुका है.
कैंपर व्यापारी ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 3 महीनों में पानी व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. जिसके चलते उनकी कमर टूट चुकी है. सांवरिया कैंपर व्यापारी नितेश सैनी के अनुसार पहले के मुकाबले काम अब काफी कम हो चुका है. कोरोना संक्रमण से पहले लगभग 1400 कैम्पर बाजारों में सप्लाई किए जाते थे, लेकिन अब वो घटकर मात्र 600 से 700 ही रह गए हैं. पानी के कैंपर का किराया लगभग 10 रुपए है. जिनकी कीमतों में भी किसी प्रकार का कोई इजाफा नहीं किया गया है तो अब ऐसे में कैंपर व्यापारियों को इस महामारी के बीच काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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कर्मचारियों की सैलरी निकालना पड़ रहा भारी...
केडी मिनरल्स संचालक चैन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसी महामारी के बीच अब तो काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी भी नहीं निकल पा रही है. पानी के कैंपर चालकों ने अपने प्लांटों को भी बंद कर दिया है, क्योंकि बिजली के बिल और कर्मचारी के वेतन के साथ ही डीजल के दामों में भी बढ़ोतरी हो चुकी है. तो ऐसे में पानी से जुड़े व्यवसाय कर्मियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो चुका है.
शादी-ब्याह का पीक सीजन हुआ खत्म...
कैंपर व्यापारी नितेश सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस महामारी के चलते राजस्थान सरकार की गाइडलाइन के बाद शादी विवाह, धार्मिक और सामाजिक कार्यों पर रोक लगने के बाद लोगों की आर्थिक स्थिति और खराब होती जा रही है. साल 2020 पूरा खत्म होने की कगार पर है. ऐसे में लोगों के सामने संकट की स्थिति खड़ी हो चुकी है. कुछ पानी के कैंपर प्लांट संचालकों ने तो अपने काम को बंद कर दूसरे कार्य शुरू कर दिए हैं.
अजमेर शहर में लगभग 150 पानी के प्लांट...
व्यापारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर शहर में लगभग 150 वाटर प्लांट है, जिनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. शादी विवाह के काम ठप होने के बाद उनकी भी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. अब ऐसे में कई प्लांट संचालकों ने अपने काम बंद कर दूसरे काम शुरू कर दिए हैं, क्योंकि प्लांट पर काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी भी निकालना अब भारी हो चुका है. जिससे उनकी भी रोजी-रोटी पर संकट आ रहा है.
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सरकारी विभाग और निजी विभाग भी नहीं ले रहे पानी के कैंपर...
अगर नुकसान की बात करें तो प्लांट संचालकों को कोरोना महामारी के चलते लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. व्यापारी चैन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी कार्यालयों में कोरोना माहमारी से पहले सभी जगह पानी के कैम्पर सप्लाई किए जाते थे, लेकिन अब महामारी के बाद उनकी ओर से कैंपर नहीं लिए जा रहे हैं और सिर्फ यही कहा जा रहा है कि आगे से आदेश है कि किसी प्रकार से पानी के कैंपर नहीं लिए जाएं. लोगों में अभी भी कोरोना संक्रमण का डर लगातार बना हुआ है, जिसके कारण ही सरकारी विभागों और निजी विभागों ने आदेशों के बाद पानी के कैंपर लेने बंद कर दिए हैं. ऐसे में पानी से जुड़े व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति बनी हुई है.