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बाटा तिराहे को बचाने की मुहिम जारी, व्यापारियों लगातार लगा रहे गुहार - एलिवेटेड ब्रिज निर्माण का कार्य

अजमेर में बाटा तिराहे को बचाने की मुहिम व्यापारियों की लगातार जारी है. जहां व्यापारियों का तर्क है कि शाखा उतरने की से व्यापारियों को व्यापार का नुकसान होगा, वहीं आमजन को भी तिराहे से केसरगंज जाने में तकलीफ होगी.

बाटा तिराहे को बचाने की मुहिम, Campaign to save Bata Tirahe
बाटा तिराहे को बचाने की मुहिम
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Published : Mar 20, 2021, 2:00 PM IST

अजमेर. शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण का कार्य जारी है, लेकिन बाटा तिराहे पर ब्रिज की शाखा उतारने का क्षेत्र के व्यापारी कड़ा विरोध कर रहे हैं. 40 दिन से व्यापारी आंदोलनरत होकर प्रशासन से शाखा बाटा तिराहे पर नहीं उतारने की मांग कर रहे हैं. व्यापारियों का तर्क है कि शाखा उतरने की से व्यापारियों को व्यापार का नुकसान होगा, वहीं आमजन को भी तिराहे से केसरगंज जाने में तकलीफ होगी.

बाटा तिराहे को बचाने की मुहिम

बाटा तिराहे को बचाने की मुहिम व्यापारियों की लगातार जारी है. व्यापारी अफसरों और जनप्रतिनिधियों से भी बाटा तिराहे को बचाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने भी अभी तक व्यापारियों की मांग की ओर ध्यान नहीं दिया गया है. बता दें कि तत्कालीन वसुंधरा सरकार में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अजमेर में मार्टिंडल ब्रिज से आगरा गेट और गांधी भवन से आरपीएससी की पुरानी बिल्डिंग तक एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था. ब्रिज निर्माण कार्य को करीब 2 वर्ष हो चुके हैं. वही ब्रिज के पिलर भी बनाए जा चुके हैं.

लंबा अंतराल बीत जाने के बाद अब बाटा तिराहा क्षेत्र के व्यापारियों के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई है. दरअसल एलिवेटेड ब्रिज की डीपीआर और डिजाइन बनकर तैयार हुआ था, उस वक्त किसी ने भी आपत्ति दर्ज नहीं की. ब्रिज निर्माण के दौरान जब बाटा तिराहे पर शाखा उतारने को लेकर काम जारी हुआ तब व्यापारियों के होश उड़ गए. व्यापारियों का कहना है कि बाटा तिराहे पर शाखा उतारे जाने से व्यापारियों को नुकसान होगा. वहीं आवागमन में भी आमजन को नुकसान होगा.

उन्होंने बताया कि बारिश के दिनों में पानी की निकासी की कोई व्यवस्था तिराहे पर नहीं है, दुकानों में बारिश का पानी घुस जाता है. उन्होंने कहा कि व्यापारी एलिवेटेड ब्रिज बनाए जाने का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह इसमें सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन व्यापारियों को विश्वास में लेना चाहिए, जो शाखा बाटा तिराहे पर उतारी जा रही है. उसे सीधा मार्टिंडल ब्रिज पर भी उतारा जा सकता है.

पढ़ें- भालुओं को भा रहा होटल का खाना! उदयपुर के वैज्ञानिकों ने शोध में किये चौंकाने वाले खुलासे

महिला व्यापारी ने बताया कि सड़क की चौड़ाई दुकानों के शटर से ली गई है. आमजन के चलने के लिए फुटपाथ की व्यवस्था भी प्रोजेक्ट में नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि आमजन और व्यापारियों के हित में अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों और इंजीनियरों को ब्रिज की शाखा बाटा तिराहे पर नहीं उतारने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि यातायात भी तिराहे पर सुगम रहे.

अजमेर. शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण का कार्य जारी है, लेकिन बाटा तिराहे पर ब्रिज की शाखा उतारने का क्षेत्र के व्यापारी कड़ा विरोध कर रहे हैं. 40 दिन से व्यापारी आंदोलनरत होकर प्रशासन से शाखा बाटा तिराहे पर नहीं उतारने की मांग कर रहे हैं. व्यापारियों का तर्क है कि शाखा उतरने की से व्यापारियों को व्यापार का नुकसान होगा, वहीं आमजन को भी तिराहे से केसरगंज जाने में तकलीफ होगी.

बाटा तिराहे को बचाने की मुहिम

बाटा तिराहे को बचाने की मुहिम व्यापारियों की लगातार जारी है. व्यापारी अफसरों और जनप्रतिनिधियों से भी बाटा तिराहे को बचाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने भी अभी तक व्यापारियों की मांग की ओर ध्यान नहीं दिया गया है. बता दें कि तत्कालीन वसुंधरा सरकार में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अजमेर में मार्टिंडल ब्रिज से आगरा गेट और गांधी भवन से आरपीएससी की पुरानी बिल्डिंग तक एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था. ब्रिज निर्माण कार्य को करीब 2 वर्ष हो चुके हैं. वही ब्रिज के पिलर भी बनाए जा चुके हैं.

लंबा अंतराल बीत जाने के बाद अब बाटा तिराहा क्षेत्र के व्यापारियों के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई है. दरअसल एलिवेटेड ब्रिज की डीपीआर और डिजाइन बनकर तैयार हुआ था, उस वक्त किसी ने भी आपत्ति दर्ज नहीं की. ब्रिज निर्माण के दौरान जब बाटा तिराहे पर शाखा उतारने को लेकर काम जारी हुआ तब व्यापारियों के होश उड़ गए. व्यापारियों का कहना है कि बाटा तिराहे पर शाखा उतारे जाने से व्यापारियों को नुकसान होगा. वहीं आवागमन में भी आमजन को नुकसान होगा.

उन्होंने बताया कि बारिश के दिनों में पानी की निकासी की कोई व्यवस्था तिराहे पर नहीं है, दुकानों में बारिश का पानी घुस जाता है. उन्होंने कहा कि व्यापारी एलिवेटेड ब्रिज बनाए जाने का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह इसमें सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन व्यापारियों को विश्वास में लेना चाहिए, जो शाखा बाटा तिराहे पर उतारी जा रही है. उसे सीधा मार्टिंडल ब्रिज पर भी उतारा जा सकता है.

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महिला व्यापारी ने बताया कि सड़क की चौड़ाई दुकानों के शटर से ली गई है. आमजन के चलने के लिए फुटपाथ की व्यवस्था भी प्रोजेक्ट में नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि आमजन और व्यापारियों के हित में अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों और इंजीनियरों को ब्रिज की शाखा बाटा तिराहे पर नहीं उतारने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि यातायात भी तिराहे पर सुगम रहे.

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