अजमेर. आंखों पर पट्टी बांधकर भला कोई बाइक चला सकता है. जी हां, हैदराबाद के एक जादूगर ने यह कारनामा करके दिखाया है. जादूगर रामकृष्ण ने हैदराबाद से कन्याकुमारी और वहां से कश्मीर के लिए आंखों पर पट्टी बांधकर बाइक चलाते हुए अजमेर पहुंचे हैं. उनका लक्ष्य 31 दिन में कश्मीर पहुंचना है. अपना सपना पूरा करने के साथ ही वह लोगों को कोरोना से बचाव और यातायात नियमों की पालना करने सहित कई जागरूकता का संदेश भी दे रहे हैं.
19 राज्य 121 शहरों को पार करने का लक्ष्य लेकर कन्याकुमारी से निकले हैदराबाद के जादूगर रामकृष्ण मंगलवार को अजमेर पहुंचे. कन्याकुमारी से कश्मीर तक की 10000 किलोमीटर की यात्रा जादूगर रामकृष्ण बाइक से तय कर रहे हैं. खास बात यह है कि इस पूरे सफर में जादूगर रामकृष्ण ने अपने आंखों पर पट्टी बांध रखी है और चेहरे को काले कपड़े से ढक रखा है. उनकी आंखों की पट्टी वहीं खुलती है, जहां उनका ठहराव होता है. मंगलवार को हैदराबाद के जादूगर रामकृष्ण का अजमेर में ठहराव है, यहां पहुंचने पर स्थानीय जादूगर राजेंद्र शर्मा सहित अन्य लोगों ने उनका जिला मुख्यालय के बाहर स्वागत किया. एसपी ग्रामीण किशन सिंह भाटी ने जादूगर रामकृष्ण के अजमेर में ठहराव को लेकर उनके आंखों की पट्टी खुलवाई. रात्रि विश्राम के बाद जादूगर रामकृष्ण अपनी अंध यात्रा बुधवार को जयपुर के लिए शुरू करेंगे. ईटीवी भारत से बातचीत में हैदराबाद के जादूगर रामकृष्ण ने बताया कि वह अपने इस सफर में लोगों को कोरोना के बचाव का संदेश दे रहे हैं. साथ ही, लोगों को हेलमेट लगाने एवं सीट बेल्ट बांधने के साथ यातायात नियमों का पालन करने के लिए भी जागरूक कर रहे हैं.
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इसके अलावा पॉलिथीन का उपयोग बंद करने के लिए भी संदेश लेकर निकले हैं. बातचीत में उन्होंने बताया कि कन्याकुमारी से उन्होंने सफर की शुरुआत की थी. आंखों पर पट्टी बांधकर बाइक चलाने का पहले उन्होंने अभ्यास किया था. उनका सपना था कि वह एक बार आंखों पर पट्टी बांधकर भारत की यात्रा करें. अभी तक बिना किसी मुश्किल के यह सफर उनका जारी है. उन्होंने बताया कि यात्रा की शुरुआत उन्होंने हैदराबाद के चारमीनार से की थी, जहां पर डिप्टी सीएम ने उन्हें हरी झंडी दिखाई थी. इसके बाद वह कन्याकुमारी पहुंचे और वहां से 31 दिन का लक्ष्य लेकर कश्मीर के लिए रवाना हुए हैं. जिला मुख्यालय पहुंचने पर जादूगर रामकृष्ण ने अपने जादू के हुनर भी दिखाएं. जादूगर रामकृष्ण भारत संदेश यात्रा अपने खर्चे पर वहीं कर रहे हैं, जहां उनके जादूगर साथी मिल जाते हैं. वहां उनके रहने और खाने पीने की व्यवस्था हो जाती है. अजमेर पहुंचने पर जादूगर रामकृष्ण सड़क पर आंखों पर पट्टी बांधकर निकले तब जिस किसी ने भी उन्हें देखा वह आश्चर्य में पड़ गया.