अजमेर. शहर में शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया एक दिवसीय प्रवास पर रहे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कई मुद्दों पर बातचीत की. इसके अलावा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि वे खासतौर पर कोरोना की वजह से जान गवाने वाले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों को श्रद्धांजलि देने के लिए अजमेर पधारे हैं. उन्होंने कहा कि अजमेर और भीलवाड़ा में बीजेपी के कई प्रमुख नेता की कोरोना से मौत हो गई.
जिनमें पूर्व सांसद रासा सिंह रावत, पूर्णा शंकर दशोरा, पूर्व पार्षद शकुंतला मित्तल पार्षद, भारतीय जांगिड़ भीलवाड़ा के पूर्व पार्षद हेमेंद्र सिंह बनेड़ा सहित कई प्रमुख लोग शामिल हैं. इन सभी के शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने के लिए वह अजमेर आए हैं. लॉकडाउन की वजह से गाइडलाइन की पालना करते हुए वह पहले इन परिवारों से नहीं मिल सके. लेकिन अब व्यक्तिगत रूप से शोकाकुल परिवारों को सांत्वना देने के लिए पधारे हैं.
23 जून से 6 जुलाई तक आयोजित होंगे विभिन्न कार्यक्रम
सतीश पूनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से 23 जून से 6 जुलाई तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सबसे पहले 21 जून को भारतीय जनता पार्टी की ओर से योग दिवस के अवसर पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रत्येक मंडल पर दो योग शिविरों का आयोजन किया जाएगा. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर जो कार्यक्रम होंगे. उनमें भारतीय जनता पार्टी के सभी प्रमुख कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि शिरकत करेंगे.
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विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 23 जून को जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए कड़ा संघर्ष किया था. उस समय एक नारा दिया जाता था कि "जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है". मुखर्जी की कश्मीर के लिए शहादत व्यर्थ नहीं गई. उनकी शहादत की याद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 को खत्म करते हुए कश्मीर को भारत के प्रमुख हिस्से के रूप में स्थापित किया. 6 जुलाई को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म तिथि है. इसीलिए 23 जून से 6 जुलाई तक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश के 52 हजार बूथों पर बड़ी संख्या में वृक्षारोपण करेंगे.
इसके अलावा कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए डॉ पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में प्रदेश में तानाशाही का आलम है. 25 जून 1975 को केंद्र में इंदिरा गांधी सरकार के नेतृत्व में आपातकाल लगाया गया था. जिससे मीडिया भी अछूता नहीं रहा था. इसी आपातकाल की याद में भारतीय जनता पार्टी की ओर से 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
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27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के जरिए आम जनता से संवाद करेंगे. इस दौरान सेवा ही संगठन की ओर से किए जा रहे राहत कार्यों को भी आगे जारी रखा जाएगा. इस अवसर पर डॉक्टर पूनिया ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की तरफ से किए जा रहे सेवा कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया के जरिए आम जनता की मदद करने में कोई कमी नहीं रखी. उनकी ओर से किया गया यह काम बेहद सराहनीय है.
कांग्रेस की आंतरिक कलह से जनता बेहाल
पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की आंतरिक कलह के कारण राज्य की जनता नुकसान उठा रही है. पिछले 3 साल से प्रदेश में विकास कार्य पड़े हैं. कांग्रेस के हालात इतने बुरे हैं कि वह अपने मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को भी नियुक्ति नहीं दे पा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार जुगाड़ से चल रही है. प्रदेश में कानून व्यवस्था भी पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है, लेकिन इसकी सुनवाई करने वाला भी कोई नहीं है. इसका नतीजा यह है कि प्रदेश की जनता समस्याओं से चारों तरफ से घिर चुकी है.
भारतीय जनता पार्टी में नहीं है कोई आंतरिक कलह
सतीश पूनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) में किसी तरह का कोई आंतरिक विवाद नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पोस्टर को लेकर उपजी राजनीति पर बयान देने वाले पार्टी और खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए प्रत्याशी को लेकर फैसला करना कोर कमेटी के हाथों में होता है. पार्टी जिस कार्यकर्ता के नाम पर मुहर लगाएगी उस कार्यकर्ता को पूरी पार्टी के कार्यकर्ता अपना समर्थन देकर सहयोग करेंगे.