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पुष्कर मेला 2019: कई मठों और आश्रमों के संत महात्माओं ने किया शाही स्नान, ब्रह्म चौदस के मौके पर होता है आयोजन

पुष्कर के धार्मिक मेले में कई रंग देखने को मिलते हैं. लेकिन, शाही स्नान को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है. इस स्न्ना को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं. इसी कड़ी में साधू-संतों ने सोमवार को ब्रह्म चौदस के पवित्र अवसर पर पुष्कर सरोवर में शाही स्नान कर पूजा-अर्चना की.

अजमेर, pushkar religious fair
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Published : Nov 11, 2019, 12:38 PM IST

पुष्कर (अजमेर). सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण और देश में खुशहाली की मनोकामना को लेकर सैकड़ों साधू-संतों ने सोमवार को ब्रह्म चौदस के पवित्र अवसर पर पुष्कर सरोवर में शाही स्नान कर पूजा-अर्चना की. साधु-संतों ने पवित्र ब्रह्म चतुर्दशी के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में शाही स्नान किया. सेन भक्ति पीठ से सेनाचार्य अंचलानंद चार्य और रामरामिया आश्रम के रामदयाल महाराज की अगुवाई में सभी आश्रमों के सन्त-साधुओं और महंत ने गाजे-बाजे के साथ चौड़ी पेड़ी घाट ओर ब्रह्म घाट पहुंचे.

ब्रह्म चौदस के पवित्र अवसर पर साधू-संतों ने पुष्कर सरोवर में किया शाही स्नान

जहां जनप्रतिनिधियों ने अगुवानी की और सभी साधु-संतों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा-अर्चना कर पवित्र सरोवर में शाही स्नान किया. इस दौरान श्राद्धलुओं ने संत महात्माओं को शॉल माला पहनाकर सम्मान किया. साथ ही सभी ने सरोवर का जल, हाथ में लेकर सेनाचार्य अंचलानंद महाराज के सानिध्य में पुष्कर को स्वच्छ बनाने के लिए पर्यावरण बचाओं का संकल्प लिया. वहीं दूसरी ओर रामसुखदास महाराज में राम मंदिर पर न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए न्यायालय और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद किया.

ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पंचतीर्थ में किए स्नान का फल एक हजार बार गंगा स्नान के समान है और सौ बार माघ स्नान के समान. कहा जाता है कि जो फल कुम्भ के प्रयाग में स्नान करने पर मिलता है, वहीं फल कार्तिक माह में किसी पवित्र नदी के तट पर स्नान करने से मिलता है.

पढ़ें: स्पेशल रिपोर्ट: पुष्कर मेले में विदेशी महिलाएं सिख रही हैं 'राजस्थानी लोक नृत्य'

तीर्थ पुरोहितों के अनुसार कार्तिक माह में हर साल कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिनों तक तैतीस करोड़ देवी-देवता पवित्र सरोवर में वास करते हैं. इन्हीं मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए पूरे कार्तिक माह में देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालु पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाते हैं.

पुष्कर (अजमेर). सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण और देश में खुशहाली की मनोकामना को लेकर सैकड़ों साधू-संतों ने सोमवार को ब्रह्म चौदस के पवित्र अवसर पर पुष्कर सरोवर में शाही स्नान कर पूजा-अर्चना की. साधु-संतों ने पवित्र ब्रह्म चतुर्दशी के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में शाही स्नान किया. सेन भक्ति पीठ से सेनाचार्य अंचलानंद चार्य और रामरामिया आश्रम के रामदयाल महाराज की अगुवाई में सभी आश्रमों के सन्त-साधुओं और महंत ने गाजे-बाजे के साथ चौड़ी पेड़ी घाट ओर ब्रह्म घाट पहुंचे.

ब्रह्म चौदस के पवित्र अवसर पर साधू-संतों ने पुष्कर सरोवर में किया शाही स्नान

जहां जनप्रतिनिधियों ने अगुवानी की और सभी साधु-संतों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा-अर्चना कर पवित्र सरोवर में शाही स्नान किया. इस दौरान श्राद्धलुओं ने संत महात्माओं को शॉल माला पहनाकर सम्मान किया. साथ ही सभी ने सरोवर का जल, हाथ में लेकर सेनाचार्य अंचलानंद महाराज के सानिध्य में पुष्कर को स्वच्छ बनाने के लिए पर्यावरण बचाओं का संकल्प लिया. वहीं दूसरी ओर रामसुखदास महाराज में राम मंदिर पर न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए न्यायालय और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद किया.

ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पंचतीर्थ में किए स्नान का फल एक हजार बार गंगा स्नान के समान है और सौ बार माघ स्नान के समान. कहा जाता है कि जो फल कुम्भ के प्रयाग में स्नान करने पर मिलता है, वहीं फल कार्तिक माह में किसी पवित्र नदी के तट पर स्नान करने से मिलता है.

पढ़ें: स्पेशल रिपोर्ट: पुष्कर मेले में विदेशी महिलाएं सिख रही हैं 'राजस्थानी लोक नृत्य'

तीर्थ पुरोहितों के अनुसार कार्तिक माह में हर साल कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिनों तक तैतीस करोड़ देवी-देवता पवित्र सरोवर में वास करते हैं. इन्हीं मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए पूरे कार्तिक माह में देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालु पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाते हैं.

Intro:पुष्कर(अजमेर)सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण और देश में खुशहाली की मनोकामना लेकर सैकड़ो साधू संतो ने सोमवार को ब्रह्म चौदस के पवित्र अवसर पर पुष्कर सरोवर में शाही स्नान कर पूजा -अर्चना की ।Body:साधु -संतों ने पवित्र ब्रह्म चतुर्दशी के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में शाही स्नान किया। सेन भक्तिपीठ से सेनाचार्य अंचलानंदचार्य व रामरामिया आश्रम के रामदयाल महाराज की अगुवाई में सभी आश्रमों के सन्त-साधुओं और महंत गाजे बाजे के साथ चौड़ी पेड़ी घाट ओर ब्रह्म घाट पहुंचे । जहां जनप्रतिनिधियो ने अगवानी की और सभी साधु संतों ने वैदीक मंत्रोचार के साथ पूजा अर्चना कर पवित्र सरोवर में शाही स्नान किया । इस पश्च्यात श्राद्धलुओ ने संत महात्माओं का शॉल माला पहनाकर सम्मान किया। इस अवसर पर सभी ने सरोवर का जल हाथ में लेकर सेनाचार्य अंचलानंद महाराज के सानिध्य में पुष्कर को स्वच्छ बनाने पर्यावरण बचाओं का संकल्प लिया। वही दूसरी ओर रामसुखदास महाराज में राम मंदिर पर न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए । न्यायालय ओर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

बाइट--रामसुखदास महाराज,संत

बाइट--कैलाश नाथ दाधीच,ज्योतिषाचार्य

बाइट--अरुण पाराशर, सामाजिक कार्यकर्ताConclusion:
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