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अजमेर: राजीव गांधी ब्रिगेड की मांग, मोहर्रम की रस्म अदा करने की मिले इजाजत

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Published : Aug 24, 2020, 10:19 PM IST

अजमेर में मोहर्रम के अवसर पर परंपरागत रस्म को अदा करने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय राजीव गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से इजाजत देने की मांग की.

अजमेर समाचार, ajmer news
मोहर्रम की रस्म अदा करने की मांग

अजमेर. जिले में मोहर्रम के अवसर पर परंपरागत रस्म को अदा करने के लिए कई संस्थाएं जिला प्रशासन से मांग कर रही है. इसी क्रम में राष्ट्रीय राजीव गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी सोमवार को गम-ए-हुसैन मनाने की इजाजत देने की मांग की है. इसके लिए मोहर्रम की धार्मिक रस्म अदायगी के लिए कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात कर इजाजत मांगी है.

कार्यकर्ताओं का कहना है कि 5 माह से दरगाह और दरगाह के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से लॉकडाउन है. मोहर्रम मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए गम का समय होता है. इस मौके पर वर्षों से चली आ रही रस्मों को अदा करने की इजाजत दी जाए.

मोहर्रम की रस्म अदा करने की मांग

पढ़ें- अजमेर दरगाह के बाहर इकट्ठा हुए खादिम, ताजिए की सवारी निकालने की कर रहे मांग

राष्ट्रीय राजीव गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सैयद इमरान चिश्ती ने बताया कि गम-ए-हुसैन को मनाने के लिए शक्ति से केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन की पालना की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह कोई जश्न नहीं है. बल्कि इस दिन इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है और दरगाह के बाहर से सवारी निकाली जाती है.

इसके लिए दरगाह आने वाले जायरीन भी बड़ी संख्या में पहले शामिल होते थे. लेकिन लंबे वक्त से दरगाह में जायरीन के लिए प्रतिबंध है. फिलहाल, जायरीन भी क्षेत्र में नहीं है. केवल कुछ ही लोग रस्म को अदा करेंगे. चिश्ती ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन वर्षों से चली आ रही मोहर्रम की रस्म को अदा करने की इजाजत जरूर देगा.

अजमेर. जिले में मोहर्रम के अवसर पर परंपरागत रस्म को अदा करने के लिए कई संस्थाएं जिला प्रशासन से मांग कर रही है. इसी क्रम में राष्ट्रीय राजीव गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी सोमवार को गम-ए-हुसैन मनाने की इजाजत देने की मांग की है. इसके लिए मोहर्रम की धार्मिक रस्म अदायगी के लिए कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात कर इजाजत मांगी है.

कार्यकर्ताओं का कहना है कि 5 माह से दरगाह और दरगाह के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से लॉकडाउन है. मोहर्रम मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए गम का समय होता है. इस मौके पर वर्षों से चली आ रही रस्मों को अदा करने की इजाजत दी जाए.

मोहर्रम की रस्म अदा करने की मांग

पढ़ें- अजमेर दरगाह के बाहर इकट्ठा हुए खादिम, ताजिए की सवारी निकालने की कर रहे मांग

राष्ट्रीय राजीव गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सैयद इमरान चिश्ती ने बताया कि गम-ए-हुसैन को मनाने के लिए शक्ति से केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन की पालना की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह कोई जश्न नहीं है. बल्कि इस दिन इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है और दरगाह के बाहर से सवारी निकाली जाती है.

इसके लिए दरगाह आने वाले जायरीन भी बड़ी संख्या में पहले शामिल होते थे. लेकिन लंबे वक्त से दरगाह में जायरीन के लिए प्रतिबंध है. फिलहाल, जायरीन भी क्षेत्र में नहीं है. केवल कुछ ही लोग रस्म को अदा करेंगे. चिश्ती ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन वर्षों से चली आ रही मोहर्रम की रस्म को अदा करने की इजाजत जरूर देगा.

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