अजमेर. कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन को लंबा अरसा बीत चुका है. कामकाज ठप होने से कई लोगों के सामने 2 जून की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा था, ऐसे लोगों की आबादी के आगे सरकार की राहत भी कम पड़ रही थी. तब कई सामाजिक संगठनों और भामाशाहों ने ऐसे जरूरतमंद परिवारों के पेट भरने का जिम्मा उठाया.
बता दें, कि अजमेर की सेंद्रिय ग्राम पंचायत के निकट 16 गांवों में हर दिन 50 जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री का किट दिया जा रहा है. खास बात यह है, कि वितरित किये जाने वाले किट में एक परिवार के लिए हर रोज खाने में उपयोग ली जाने वाली हर सामग्री 15 दिन के अनुपात में दी जा रही है. साथ ही ईद के मद्देनजर 50 गरीब परिवारों को संस्था की ओर से ईद के गिफ्ट भी दिए जा रहे हैं.
लंबे समय से लगे लॉकडाउन में लोगों ने रोजगार खो दिया. हालात यह है, कि जिन हाथों में काम था वह अब दूसरों की मदद के लिए मोहताज बन गए. ऐसे जरूरतमन्दों के लिए सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है, लेकिन ऐसे अनेक लोग हैं जो खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े हुए नहीं हैं. लोगों के लिए भामाशाह और सामाजिक संस्थाओं की ओर से दी जाने वाली मदद ऐसे मुश्किल समय में वरदान बन गई है. लॉकडाउन के दौरान ही रमजान माह भी चल रहे है.
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लोगों के लिए सेहरी और इफ्तार करना भी मुश्किल हो रहा था. तब अजमेर में अल-फलहा चैरिटी ट्रस्ट संस्था ने 50 गरीब परिवारों को प्रतिदिन 15 दिन की खाद्य सामग्री लॉकडाउन के तीसरे दिन से देना शुरू किया. नेक नियति के साथ शुरू हुआ यह राहत कार्य आज भी जारी है. अल फलाह चैरिटी ट्रस्ट के कार्यकर्ता उस्मान ने बताया, कि ट्रस्ट के माध्यम से आसपास के 16 गांवों में प्रतिदिन जरूरतमंद परिवारों में खाद्य सामग्री का वितरण किया जाता है.