अजमेर. मांगलियावास थाना क्षेत्र में जेठना गांव से अपहृत हुए युवक को पुलिस ने 8 घंटे की मशक्कत के बाद बिलाड़ा से अपहर्ताओं (Ajmer kidnapping Case) के चुंगल से छुड़ा लिया है. पुलिस ने 4 अपहर्ताओं को बिलाड़ा से गिरफ्तार (ajmer police rescued youth from kidnappers) किया है.
मामले में मुख्य सजिशकर्त्ता अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. अजमेर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने बताया कि 20 मार्च को जेठना गांव में चाय की थड़ी लगाने वाले गोविंद ने थाने में उसके भतीजे राम प्रसाद के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था. उसने बताया कि तीन चार लोगों ने बोलेरो गाड़ी में भतीजे राम प्रसाद का अपहरण कर उसे कही ले गए.
मामले की तफ्तीश शुरू की गई तो पता चला कि गोविंद का राजवीर नाम के व्यक्ति से 10 लाख रुपए का लेन देन का विवाद था. उन्होंने बताया कि राजवीर गांव में ही ठेकेदारी का काम करता था. अपहरण की साजिश का मुख्य सूत्रधार राजवीर है जो अभी फरार है, उसकी तलाश के लिए पुलिस की टीम लगी हुई है.
तीन चाय मंगाई और कर लिया अपहरण : अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण वैभव शर्मा ने बताया कि हरिप्रसाद गोविंद की चाय की थड़ी पर काम करता था. उसके पास चाय के लिए फोन आया. जब वो चाय देने के लिए बताए गए स्थान पर पहुंचा तो आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से उसे पकड़ लिया और बोलेरो में बैठा कर बिलाड़ा ले गए. पुलिस ने 8 घंटे की मशक्कत के बाद बिलाड़ा से अपहर्ताओं के चुंगल से युवक को छुड़ा लिया है.
चिट फंड के पैसे का था विवाद : जानकारी के मुताबिक गोविंद और राजवीर में चिटफंड (बीसी) को लेकर विवाद था. राजवीर ने कई बार गोविंद से पैसे की डिमांड की थी. पैसा नही मिलने पर राजवीर ने गोविंद के भतीजे का अपने साथियों की मदद से अपहरण करवा दिया. अपहरण करने के बाद राजवीर ने 10 लाख रुपए की फिरौती भी मांगी थी.