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बर्ड फ्लू से अजमेर पूरी तरह से सुरक्षित, पोल्ट्री व्यवसाय को भी नहीं है कोई भी खतरा - राजस्थान में पक्षियों की मौत

राजस्थान में बर्ड फ्लू जैसी बीमारी से पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. हालांकि अभी अजमेर इससे पूरी तरह सुरक्षित है. पशु चिकित्सा अधिकारी नवीन परिहार ने बताया कि विभाग पूरी तरह से सतर्क है. 24 घंटे पक्षियों पर नजर रखी जा रही है और पोल्ट्री व्यवसाय पूरी तरह से सुरक्षित है.

bird flu in Ajmer, bird deaths in Rajasthan
बर्ड फ्लू से अजमेर पूरी तरह से सुरक्षित
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Published : Jan 8, 2021, 3:57 PM IST

अजमेर. राजस्थान में बर्ड फ्लू जैसी बीमारी का कहर अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. एक तरफ विशेषज्ञ इसके कारणों की खोज कर रहे हैं. वही लगातार पक्षियों के मरने को बर्ड फ्लू बीमारी से जोड़ कर नहीं देख रहे हैं. आज तक राजस्थान में कुल 2,000 पक्षी अचानक ही मर चुके हैं. करीब 400 पक्षी हर रोज मर रहे हैं. देश के विभिन्न लैबोरेट्रीज में इसके सैम्पल भिजवाए जा रहे हैं, लेकिन जब तक रिपोर्ट आएगी, तब तक कहीं देर ना हो जाए.

बर्ड फ्लू से अजमेर पूरी तरह से सुरक्षित

बर्ड फ्लू एक ऐसी बीमारी है, जिसमें एक वायरस पक्षियों के संपर्क में आने से एक दूसरे में फैलता है और इसमें पक्षी लगातार मरते चले जाते हैं. पिछली बार बर्ड फ्लू बीमारी के आने से पोल्ट्री व्यवसायी में हाहाकार मच गया था. लाखों मुर्गियों को मार कर जमीन में गाड़ने पड़ा था, ताकि यह भी अन्य पक्षियों तक नहीं फैले. लोगों ने अंडे और मुर्गी खाना बिल्कुल बंद कर दिया था. आज के समय जो बीमारी की शुरुआत हुई है, वह बर्डफ्लू से मिलती-जुलती भले ही लगती हो पर इसकी शुरुआत कोओं से देखी गई है.

वहीं डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक यह बीमारी मुर्गियों तक नहीं पहुंची है. इसलिए इसको बर्ड फ्लू कहा जाना सही नहीं होगा. इस पर अभी शोध चल रहा है. जल्दबाजी नहीं की जा सकती. वहीं दूसरी ओर बर्ड फ्लू एक ऐसी बीमारी है, उसका पता तब चलता है, जब यह पूरी तरह से फैल जाती है और एक एक करके पक्षी मरने लगते हैं. ऐसे में जब तक हमें पता चलेगा कि बर्ड फ्लू है, तब तक पक्षियों के मरने के अलावा और कोई समाधान हमारे पास नहीं बचेगा.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में अजमेर के पशु चिकित्सा अधिकारी नवीन परिहार ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर बर्ड फ्लू से पूरी तरह से सुरक्षित है. विभाग पूरी तरह से सतर्क है. 24 घंटे लगातार पक्षियों पर नजर रखी जा रही है, लेकिन अभी तक पोल्ट्री व्यवसाय इससे सुरक्षित है. किसी भी प्रकार के मुर्गी या उसके उत्पाद को खाने में कोई भी हानि नहीं है. यहां पर कौओं में जरूर कुछ लक्षण दिखाई दिए हैं, परंतु वे शायद अत्यधिक ठंड के कारण मरे थे और उनके शव सड़े गले होने के कारण उनका पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका. इसलिए अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा.

पढ़ें- भरतपुर में कौए की मौत से हड़कंप, शव को किया गया डिस्पोज

उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर एच 5 फ्लू के स्ट्रेन जरूर मिले हैं, पर वह स्ट्रेन इतने घातक नहीं हैं. एन 1 स्ट्रेन अभी नहीं मिला है, जो कि ज्यादा घातक होता है. बर्ड फ्लू का असर पक्षियों के साथ-साथ मानव पर भी होता है, जो कि उनके मांस और उत्पाद खाने से मानव के अंदर अपना प्रभाव दिखाता है. बर्ड फ्लू के लक्षण में मुर्गियों के आंखों में से पानी आना और सभी मुर्गियों को एक साथ बुखार होना, डायरिया होना और उसके बाद सभी का मर जाना शामिल है.

साथ ही कहा कि अजमेर के पोल्ट्री व्यवसाय में इस प्रकार की कोई भी घटना अभी तक नहीं देखी गई है. भोपाल स्थित मुख्य परीक्षण लैब में इसके सैंपल भिजवाए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही इसको प्रमाणित किया जा सकेगा. इससे पहले किसी प्रकार की घबराहट या हिचकिचाहट रखने की जरूरत नहीं है, परंतु सभी जन सावधानी जरूर बढ़ते हम इतना ही कहना चाहते हैं.

अजमेर. राजस्थान में बर्ड फ्लू जैसी बीमारी का कहर अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. एक तरफ विशेषज्ञ इसके कारणों की खोज कर रहे हैं. वही लगातार पक्षियों के मरने को बर्ड फ्लू बीमारी से जोड़ कर नहीं देख रहे हैं. आज तक राजस्थान में कुल 2,000 पक्षी अचानक ही मर चुके हैं. करीब 400 पक्षी हर रोज मर रहे हैं. देश के विभिन्न लैबोरेट्रीज में इसके सैम्पल भिजवाए जा रहे हैं, लेकिन जब तक रिपोर्ट आएगी, तब तक कहीं देर ना हो जाए.

बर्ड फ्लू से अजमेर पूरी तरह से सुरक्षित

बर्ड फ्लू एक ऐसी बीमारी है, जिसमें एक वायरस पक्षियों के संपर्क में आने से एक दूसरे में फैलता है और इसमें पक्षी लगातार मरते चले जाते हैं. पिछली बार बर्ड फ्लू बीमारी के आने से पोल्ट्री व्यवसायी में हाहाकार मच गया था. लाखों मुर्गियों को मार कर जमीन में गाड़ने पड़ा था, ताकि यह भी अन्य पक्षियों तक नहीं फैले. लोगों ने अंडे और मुर्गी खाना बिल्कुल बंद कर दिया था. आज के समय जो बीमारी की शुरुआत हुई है, वह बर्डफ्लू से मिलती-जुलती भले ही लगती हो पर इसकी शुरुआत कोओं से देखी गई है.

वहीं डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक यह बीमारी मुर्गियों तक नहीं पहुंची है. इसलिए इसको बर्ड फ्लू कहा जाना सही नहीं होगा. इस पर अभी शोध चल रहा है. जल्दबाजी नहीं की जा सकती. वहीं दूसरी ओर बर्ड फ्लू एक ऐसी बीमारी है, उसका पता तब चलता है, जब यह पूरी तरह से फैल जाती है और एक एक करके पक्षी मरने लगते हैं. ऐसे में जब तक हमें पता चलेगा कि बर्ड फ्लू है, तब तक पक्षियों के मरने के अलावा और कोई समाधान हमारे पास नहीं बचेगा.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में अजमेर के पशु चिकित्सा अधिकारी नवीन परिहार ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर बर्ड फ्लू से पूरी तरह से सुरक्षित है. विभाग पूरी तरह से सतर्क है. 24 घंटे लगातार पक्षियों पर नजर रखी जा रही है, लेकिन अभी तक पोल्ट्री व्यवसाय इससे सुरक्षित है. किसी भी प्रकार के मुर्गी या उसके उत्पाद को खाने में कोई भी हानि नहीं है. यहां पर कौओं में जरूर कुछ लक्षण दिखाई दिए हैं, परंतु वे शायद अत्यधिक ठंड के कारण मरे थे और उनके शव सड़े गले होने के कारण उनका पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका. इसलिए अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा.

पढ़ें- भरतपुर में कौए की मौत से हड़कंप, शव को किया गया डिस्पोज

उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर एच 5 फ्लू के स्ट्रेन जरूर मिले हैं, पर वह स्ट्रेन इतने घातक नहीं हैं. एन 1 स्ट्रेन अभी नहीं मिला है, जो कि ज्यादा घातक होता है. बर्ड फ्लू का असर पक्षियों के साथ-साथ मानव पर भी होता है, जो कि उनके मांस और उत्पाद खाने से मानव के अंदर अपना प्रभाव दिखाता है. बर्ड फ्लू के लक्षण में मुर्गियों के आंखों में से पानी आना और सभी मुर्गियों को एक साथ बुखार होना, डायरिया होना और उसके बाद सभी का मर जाना शामिल है.

साथ ही कहा कि अजमेर के पोल्ट्री व्यवसाय में इस प्रकार की कोई भी घटना अभी तक नहीं देखी गई है. भोपाल स्थित मुख्य परीक्षण लैब में इसके सैंपल भिजवाए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही इसको प्रमाणित किया जा सकेगा. इससे पहले किसी प्रकार की घबराहट या हिचकिचाहट रखने की जरूरत नहीं है, परंतु सभी जन सावधानी जरूर बढ़ते हम इतना ही कहना चाहते हैं.

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