अजमेर. राजस्थान कांग्रेस प्रभारी और एआईसीसी के महासचिव अजय माकन ने कहा कि सत्ता और संगठन में आने वाले वक्त में बेहतर तालमेल बनाया जा सके, इसके लिए अजमेर संभाग के जिलों के वरिष्ठ नेताओ से संवाद कर उनसे फीड बैक लिया गया है. माकन ने बताया कि 2 अक्टूबर को सरकार अपनी घोषणा के अनुरूप हुए कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी.
माकन ने बुधवार को अजमेर में अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर और टोंक के कार्यकर्त्ताओं के साथ संवाद किया. अजमेर में कांग्रेस के संभाग स्तरीय कार्यकर्त्ता संवाद कार्यक्रम में संभाग के 4 जिलों के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी बात एआईसीसी के महासचिव एवं राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन के समक्ष रखी. हर जिले को पर्याप्त संवाद के लिए समय दिया गया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखने के साथ अपनी परेशानी भी प्रकट की. राजनैतिक नियुक्तियों एवं नया संगठनात्मक ढांचा तैयार करने को लेकर भी अपने सुझाव दिए.
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अधिकांश कार्यकर्ताओं ने विगत विधानसभा चुनाव में निष्ठा और लगन के साथ काम करने वाले कार्यकर्ताओं को मौका दिए जाने की बात कही. वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं ने माकन से जयपुर में अलग से मिलने का समय भी मांगा है. जाहिर है कि कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी का असर सत्ता के कार्य और संगठन पर भी पड़ रहा है.
ऐसे में कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करने का मतलब स्पष्ट है कि आलाकमान कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने के साथ ही संगठन को प्रभावी बनाने पर ज्यादा जोर दे रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के संवाद कार्यक्रम में एकजुटता दिखाने की कोशिश की गई है, लेकिन जिस होटल में यह एकता दिखाई जा रही थी. उस होटल के बाहर कांग्रेस की गुटबाजी सड़क पर दिखाई दे रही थी.
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माकन ने कहा कि कार्यकर्ताओं से संवाद रखने एवं फीडबैक लेने का काम यहीं तक नहीं रहेगा. जिले के प्रभारी मंत्रियों को महीने में एक बार फीडबैक लेने के लिए जिले में आना ही पड़ेगा और कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक की जानकारी जयपुर में देनी होगी. फीडबैक के मुताबिक कार्यकर्ताओं के काम भी होंगे. माकन ने कहा कि संवाद कार्यक्रम में वरिष्ठ नेताओं ने सफल कार्यकाल देने की बात कही है, ऐसे में गुटबाजी जैसे मुद्दे पर बोलने में कुछ नहीं बचा है.
माकन कांग्रेस में उलझते रिश्तों की गांठ को खोलने का प्रयास कर रहे हैं. उनका प्रयास है कि कार्यकर्ताओं को संतुष्ट कर आगामी निकाय और पंचायत चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर सकें. यही वजह है कि संगठन को प्रभावी बनाने की बातें की जा रही है. साथ ही सरकार की ओर से किए गए कार्यों और जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए संगठन को माध्यम बनाया जा रहा है.