अजमेर. जिला मुख्यालय पर पुलिस अधीक्षक जगदीश शर्मा से न्याय की गुहार लगाने पहुंचे यह लोग केबीएसएल कंपनी के वो एजेंट हैं, जिन्होंने अपने अथक मेहनत से लोगों की जेब से कंपनी में निवेश करवाया. अजमेर के सभी खंडों पर करीब 500 से ज्यादा एजेंट कंपनी के लिए काम करते थे. कंपनी के एजेंट रहे केडी सालोदिया ने बताया कि शुरुआत में कंपनी ने निवेशकों के कुछ पैसे लौट आए, लेकिन जब बड़ा अमाउंट निदेशकों को देने की बारी आई तो कंपनी के दफ्तर पर ताले लग गए और प्रतिनिधि गायब हो गए.
हजारों निवेशकों का करोड़ों रुपया कंपनी में फस गया. सालोदिया ने बताया कि कंपनी ने निवेशकों के लिए जो टैरिफ बनाया था, उसके अनुसार निवेशकों को एफडी और आरडी पर साढे 5 साल में रकम दोगनी देने का लालच दिया गया था. कंपनी के एजेंट रहे भगवान सिंह ने बताया कि कंपनी की धोखाधड़ी के बाद निवेशक एजेंटों के पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं. एजेंटों को पैसा लौटाने के लिए निवेशक धमकियां दे रहे हैं. कई एजेंटों के खिलाफ निवेशकों ने थानों में मुकदमा भी दर्ज करवाया है. पुलिस एजेंटों को परेशान कर रही है, लेकिन फ्रॉड कर भागी कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
यह भी पढ़ें: फर्जीवाड़ा! 'चारण' के चरण थमे, 10 हजार कमाने वाले Auto ड्राइवर को 5 करोड़ टैक्स चुकाने का नोटिस
कंपनी के एजेंट रहे केसर सिंह ने बताया कि निवेशक एजेंटों के साथ मारपीट करते हैं, कई एजेंटों की मोटरसाइकिलें भी छीन ली हैं. वहीं निवेशकों की शिकायत पर कई एजेंटों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की, जिस कारण उन्हें 2 महीने तक जेल में रहना पड़ा. उन्होंने बताया कि निवेशकों की तरह वह भी कंपनी की धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं.
कंपनी के एजेंट रहे केडी सालोदिया ने बताया कि अजमेर में करीब हजारों निवेशकों ने कंपनी में निवेश किए थे. लोगों का कंपनी पर 2 अरब रुपए बकाया है. उन्होंने बताया कि कंपनी का जाल अजमेर में ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में बिछा हुआ था. वहीं देश के कई राज्यों में भी केबीसीएल कंपनी का जाल बिछा हुआ था. निवेशकों के गुस्से कम्पनी की धोखाधड़ी से सभी एजेंटों का जीना दुर्भर हो गया है. एजेंटों ने पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा एवं न्याय की गुहार लगाई है.