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अजमेर: JLN अस्पताल में BSBY और अंबू बैग खरीद में भ्रष्टाचार का मामला, वकील ने दिया सांकेतिक धरना

अजमेर में वरिष्ठ वकील राजेश टंडन ने बुधवार को जेएलएन अस्पताल के मुख्य द्वार पर सांकेतिक धरना दिया. टंडन के द्वारा पूर्व में जेएलएन अस्पताल में भामाशाह स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना और अंबू बैग खरीद में घोटाले के आरोप लगाए थे.

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सांकेतिक धरना करते हुए वकील
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Published : Oct 28, 2020, 10:41 PM IST

अजमेर. जेएलएन अस्पताल में भामाशाह स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना और अंबू बैग खरीद में घोटाले को लेकर वकील राजेश टंडन ने सांकेतिक धरना दिया. बुधवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अस्पताल के बाहर बैठकर धरना दिए. टंडन ने कहा कि मैंने यह घोटाला उजागर किया है कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में जेएलएन अस्पताल प्रशासन ने मिलीभगत कर करीब चार करोड़ रुपए का घोटाला कर बीमा कंपनी को अदायगी से बचाया है.

वकील टंडन ने कहा कि इस मामले में राजकोष का भी नुकसान हुआ है. यह सिर्फ आरोप नहीं, बल्कि सरकारी स्तर पर हुई अंकेक्षण रिपोर्ट में भी इसे सत्य पाया गया है. इसी प्रकार अंबू बैग खरीदने में भी 900 रुपए का बैग 9,000 रुपए में खरीद कर करीब 13 लाख रुपए का घोटाला किया है. अब अस्पताल प्रशासन कहता है कि हमने रीजनेबल बैग खरीदे हैं तो कौन विश्वास करेगा कि कोरोना काल में जब एक दूसरे व्यक्ति से दो गज दूर रहना है. तब प्राण रक्षा के लिए एक बार मरीज पर लग चुका बैग दोबारा किसी मरीज को कैसे लगाया जा सकेगा. अस्पताल प्रशासन कोरोना प्रोटोकॉल से परिचित होने के बाबजूद ऐसी भूल कैसे कर सकता है. यह केवल भ्रष्टाचार को दबाने की चेष्टा है.

यह भी पढ़ें: अजमेर: मौसमी बीमारियों की दस्तक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सतर्क

टंडन ने कहा कि मेरी मांग यह है कि अस्पताल में गबन और घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मुकदमा दर्जकर उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए. राज्य सरकार अंकेक्षण रिपोर्ट के अनुसार जनता के टैक्स की धनराशि को भ्रष्ट अधिकारियों से वसूल करे. जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन का नारा दे रहे हैं तो अस्पताल के इस खुल्लम-खुल्ला भ्रष्टाचार पर क्यों पर्दा डाला जा रहा है. इसी को लेकर सांकेतिक धरना है. इसके बाद भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं.

अजमेर. जेएलएन अस्पताल में भामाशाह स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना और अंबू बैग खरीद में घोटाले को लेकर वकील राजेश टंडन ने सांकेतिक धरना दिया. बुधवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अस्पताल के बाहर बैठकर धरना दिए. टंडन ने कहा कि मैंने यह घोटाला उजागर किया है कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में जेएलएन अस्पताल प्रशासन ने मिलीभगत कर करीब चार करोड़ रुपए का घोटाला कर बीमा कंपनी को अदायगी से बचाया है.

वकील टंडन ने कहा कि इस मामले में राजकोष का भी नुकसान हुआ है. यह सिर्फ आरोप नहीं, बल्कि सरकारी स्तर पर हुई अंकेक्षण रिपोर्ट में भी इसे सत्य पाया गया है. इसी प्रकार अंबू बैग खरीदने में भी 900 रुपए का बैग 9,000 रुपए में खरीद कर करीब 13 लाख रुपए का घोटाला किया है. अब अस्पताल प्रशासन कहता है कि हमने रीजनेबल बैग खरीदे हैं तो कौन विश्वास करेगा कि कोरोना काल में जब एक दूसरे व्यक्ति से दो गज दूर रहना है. तब प्राण रक्षा के लिए एक बार मरीज पर लग चुका बैग दोबारा किसी मरीज को कैसे लगाया जा सकेगा. अस्पताल प्रशासन कोरोना प्रोटोकॉल से परिचित होने के बाबजूद ऐसी भूल कैसे कर सकता है. यह केवल भ्रष्टाचार को दबाने की चेष्टा है.

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टंडन ने कहा कि मेरी मांग यह है कि अस्पताल में गबन और घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मुकदमा दर्जकर उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए. राज्य सरकार अंकेक्षण रिपोर्ट के अनुसार जनता के टैक्स की धनराशि को भ्रष्ट अधिकारियों से वसूल करे. जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन का नारा दे रहे हैं तो अस्पताल के इस खुल्लम-खुल्ला भ्रष्टाचार पर क्यों पर्दा डाला जा रहा है. इसी को लेकर सांकेतिक धरना है. इसके बाद भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं.

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