जयपुर. ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के 8 हजार 653 गांवों में 2 हजार 256 करोड़ रुपये की लागत से ठोस और तरल कचरा प्रबंधन किया जायेगा. जिससे ग्राम वासियों को स्वच्छ परिवेश मिलेगा. इस अपशिष्ट प्रबन्धन से उन्नत खेती के लिए प्राकृतिक खाद भी मिलेगी.
रोहित सिंह ने मंगलवार को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति की बैठक में अधिकारियों को संबोधित किया. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में स्वच्छ गांव अभियान में ग्राम संगठनों और स्वयं सहायता समूह की सहभागिता सुनिश्चित की जाए. साथ ही महिलाओं में माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन के लिए सेनेट्री पेड इन्सीनेरेटर के मानक तय किये जाएं. अतिरिक्त मुख्य सचिन ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी शौचालय विहिन न रहे और शौचालय के लिये पात्र व्यक्तियों का नाम सूची में से नहीं हटाया जाए.
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तिरिक्त मुख्य सचिन ने अधिकारियों को जनसाधारण की सुविधा और पूर्ण पारदर्शिता के लिए एक ऐप निर्माण के निर्देश दिये. इस ऐप से शौचालय की स्वीकृति की सूचना लाभार्थी को सीधे उसके मोबाइल पर मिल जायेगी और शौचालय निर्माण पूर्ण करने पर भुगतान प्रक्रिया की सूचना लाभार्थी सीधे निदेशालय, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को दे सकेगा. उन्होंने सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारियों और यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञों के सहयोग से आईईसी रणनीति बनाने के निर्देश दिये. बैठक में जिला परिषद जयपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अथहर आमिर खान ने राज्य में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन पर विराट नगर में प्रस्तावित पायलेट प्रोजेक्ट का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.