अजमेर. जहां एक ओर पूरा देश कोरोना की जंग में एक-दूसरे के साथ खड़ा है और हर संभव प्रयास कर रहा है. वहीं, राजस्थान के अजमेर जिले का चिकित्सा विभाग इसमें विफल नजर आया है. दरअसल, जिले के चिकित्सा विभाग ने एक भी थर्मल गन नहीं जुटा सका. ऐसे में जिले के रूपनगढ़ पंचायत समिति की खातोली ग्राम पंचायत के सरपंच ने अपने ग्रामवासियों के लिए दो थर्मल गन की व्यवस्था कर कोरोना की इस लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
दरअसल, सर्वे के दौरान सभी लोगों के मुंह में थर्मामीटर डालकर बुखार चेक नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में शरीर का तापमान मापने के लिए थर्मल गन एक कारगर हथियार साबित हो सकता है और यह काफी सुरक्षित भी है. इस बीच खातोली ग्राम पंचायत के सरपंच हरिराम बाना ने अपनी पंचायत के लिए दो थर्मल गन जुटाए है, जिसमें से एक गांव की एनएम और दूसरी वो अपने पास रखते हैं.
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सरपंच हरिराम बाना ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि थर्मल गन कोरोना की इस जंग में कारगर हथियार है. इससे उन लोगों को चिन्हित करने में सहायता मिलेगी जिनको बुखार है. ऐसे चिन्हित लोगों की सूची चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंपने पर समय रहते व्यक्ति की स्क्रीनिंग हो जाएगी. ताकि ऐसे व्यक्तियों को समय रहते होम आइसोलेट किया जा सके. साथ ही बताया कि गांव में 150 से ज्यादा लोग बाहर से आए हुए है. वहीं, गांव की आबादी भी 14 हजार के करीब है. सरपंच बाना का ये कदम देशहित में एक सराहनीय कदम है.