अजमेर: जिले में 93 सालों से नवरात्र के छठे दिन से दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है. मां दुर्गा की मनमोहक प्रतिमा की स्थापना के साथ घटस्थापना भी की गई. बंगाली परंपरा के अनुसार माता की विधिवत पूजा-अर्चना की गई. इस बार कोरोना महामारी के चलते दुर्गा पूजा महोत्सव को सीमित रखा गया है. हर बार की तरह नवरात्र के छठे दिन दुर्गा महोत्सव पर बंगाली समाज के लोग नहीं जुटे. बल्कि इस बार दो स्थानों के बजाय एक ही स्थान पर दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है.
दुर्गा पूजा समिति के सचिव तरुण चटर्जी ने बताया कि बंगाली समाज में नवरात्रा के छठे दिन को नवरात्रा स्थापना मनाई जाती है. छठी की पूजा कर बंगाली समाज की महिलाएं अपनी संतान के लिए दिर्घायु की माता से कामना करती है. श्रद्धालु सविता चटर्जी ने बताया कि अजमेर में शारदीय नवरात्र पर दुर्गा पूजा मनाते हुए बंगाली समाज को 93 वर्ष हो चुके हैं.
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उन्होंने बताया कि छठी की पूजा से पहले पांचवे दिन गोधन की पूजा की जाती है. छठी पर घट स्थापना बंगाली समाज की परंपरा के अनुरूप विधिवत पूजा-अर्चना की गई है. उन्होंने बताया कि नवरात्र में दुर्गा पूजा के दौरान महिलाओं की ओर से मनाई जाने वाली सिंदूर खेला की परंपरा इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए नहीं होगी. जबकि माता की पूजा अर्चना और आराधना विधिवत जारी रहेगी विजयदशमी के दिन माता की प्रतिमा का विसर्जन भी होगा.