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अजमेर : शारदीय नवरात्र पर 93वां दुर्गा पूजा महोत्सव शुरू, बंगाली परंपरा के अनुसार निभाई गई रस्में

अजमेर में शारदीय नवरात्र के छठे दिन दुर्गा प्रतिमा की स्थापना कर विजयदशमी तक दुर्गा पूजा की परंपरा स्थानीय बंगाली समाज 93 सालों से निभाता आ रहा है. बंगाली धर्मशाला में गुरुवार से दुर्गा पूजा महोत्सव शुरू हो गया है. महोत्सव के पहले दिन विधिवत घटस्थापना की गई. कोरोना महामारी के चलते चंद लोग ही घट स्थापना में शामिल हुए.

दुर्गा पूजा महोत्सव , Durga Puja Festival,  Shardiya Navratri in Ajmer
93वां दुर्गा पूजा महोत्सव शुरू
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Published : Oct 22, 2020, 3:03 PM IST

अजमेर: जिले में 93 सालों से नवरात्र के छठे दिन से दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है. मां दुर्गा की मनमोहक प्रतिमा की स्थापना के साथ घटस्थापना भी की गई. बंगाली परंपरा के अनुसार माता की विधिवत पूजा-अर्चना की गई. इस बार कोरोना महामारी के चलते दुर्गा पूजा महोत्सव को सीमित रखा गया है. हर बार की तरह नवरात्र के छठे दिन दुर्गा महोत्सव पर बंगाली समाज के लोग नहीं जुटे. बल्कि इस बार दो स्थानों के बजाय एक ही स्थान पर दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है.

93वां दुर्गा पूजा महोत्सव शुरू

दुर्गा पूजा समिति के सचिव तरुण चटर्जी ने बताया कि बंगाली समाज में नवरात्रा के छठे दिन को नवरात्रा स्थापना मनाई जाती है. छठी की पूजा कर बंगाली समाज की महिलाएं अपनी संतान के लिए दिर्घायु की माता से कामना करती है. श्रद्धालु सविता चटर्जी ने बताया कि अजमेर में शारदीय नवरात्र पर दुर्गा पूजा मनाते हुए बंगाली समाज को 93 वर्ष हो चुके हैं.

यह भी पढे़ं: आज नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

उन्होंने बताया कि छठी की पूजा से पहले पांचवे दिन गोधन की पूजा की जाती है. छठी पर घट स्थापना बंगाली समाज की परंपरा के अनुरूप विधिवत पूजा-अर्चना की गई है. उन्होंने बताया कि नवरात्र में दुर्गा पूजा के दौरान महिलाओं की ओर से मनाई जाने वाली सिंदूर खेला की परंपरा इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए नहीं होगी. जबकि माता की पूजा अर्चना और आराधना विधिवत जारी रहेगी विजयदशमी के दिन माता की प्रतिमा का विसर्जन भी होगा.

अजमेर: जिले में 93 सालों से नवरात्र के छठे दिन से दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है. मां दुर्गा की मनमोहक प्रतिमा की स्थापना के साथ घटस्थापना भी की गई. बंगाली परंपरा के अनुसार माता की विधिवत पूजा-अर्चना की गई. इस बार कोरोना महामारी के चलते दुर्गा पूजा महोत्सव को सीमित रखा गया है. हर बार की तरह नवरात्र के छठे दिन दुर्गा महोत्सव पर बंगाली समाज के लोग नहीं जुटे. बल्कि इस बार दो स्थानों के बजाय एक ही स्थान पर दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है.

93वां दुर्गा पूजा महोत्सव शुरू

दुर्गा पूजा समिति के सचिव तरुण चटर्जी ने बताया कि बंगाली समाज में नवरात्रा के छठे दिन को नवरात्रा स्थापना मनाई जाती है. छठी की पूजा कर बंगाली समाज की महिलाएं अपनी संतान के लिए दिर्घायु की माता से कामना करती है. श्रद्धालु सविता चटर्जी ने बताया कि अजमेर में शारदीय नवरात्र पर दुर्गा पूजा मनाते हुए बंगाली समाज को 93 वर्ष हो चुके हैं.

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उन्होंने बताया कि छठी की पूजा से पहले पांचवे दिन गोधन की पूजा की जाती है. छठी पर घट स्थापना बंगाली समाज की परंपरा के अनुरूप विधिवत पूजा-अर्चना की गई है. उन्होंने बताया कि नवरात्र में दुर्गा पूजा के दौरान महिलाओं की ओर से मनाई जाने वाली सिंदूर खेला की परंपरा इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए नहीं होगी. जबकि माता की पूजा अर्चना और आराधना विधिवत जारी रहेगी विजयदशमी के दिन माता की प्रतिमा का विसर्जन भी होगा.

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