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अजमेर: संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आए 10 ऑटोमेटिक पलंग - इलेक्ट्रॉनिक ऑटोमेटिक पलंग

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय की आपातकालीन यूनिट में आने वाले मरीजों के लिए खुशखबरी है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने निजी हॉस्पिटल में मरीजों को सुविधा के तौर पर दिए जाने वाले रिमोट कंट्रोल वाले पलंग जेएलएन अस्पताल को भी मुहैया करवाए हैं. यह पलंग पूरी तरह से ऑटोमेटिक सिस्टम पर चलते हैं.

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आए 10 ऑटोमेटिक पलंग
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Published : Jul 24, 2019, 3:03 PM IST

अजमेर. संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय की आपातकालीन यूनिट में आने वाले मरीजों के लिए खुशखबरी है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने निजी हॉस्पिटल में मरीजों को सुविधा के तौर पर दिए जाने वाले रिमोट कंट्रोल वाले पलंग जेएलएन को भी मुहैया करवाए हैं. यह पलंग पूरी तरह से ऑटोमेटिक सिस्टम पर चलते हैं.

अब मरीज इस पलंग को जिस तरह चाहे, अपनी सुविधा के अनुसार ऊपर नीचे आगे पीछे करने के साथ ही तिरछा तक कर सकते है. यह पलंग उन मरीजों के लिए राहत भरा साबित हो रहा है जिन्हें पीठ दर्द या सरवाइकल सहित दूसरी बीमारियां हैं.

जेएलएन की आपातकालीन यूनिट को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पहले चरण में दस पलंग मुहैया करवाए हैं. इन पलंग को गंभीर मरीजों व वृद्धों के लिए रखा गया है. आईसीयू व आपातकालीन यूनिट प्रभारी नर्सिंग राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक ऑटोमेटिक पलंग में 15 सिस्टम दिए हुए हैं.

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आए 10 ऑटोमेटिक पलंग


इसका सिस्टम भी काफी आसान हैं, जिसे हर कोई इस्तेमाल कर सकता है.राठौड़ ने बताया कि ऊपर नीचे करने के लिए तीर का निशान बना हुआ है.जहां पर पलंग को रोकना है,वहां पर स्टॉप का चिह्न बना है.ब्लड प्रेशर या रक्त चढ़ने के दौरान घबराहट की समस्या मरीजों को रहती है,इसके लिए पलंग काफी ऊपर किया जाता है.यह सुविधा भी इस पलंग में उपलब्ध है.कमर दर्द वालों का पलंग के बीच का हिस्सा ऊपर करना है तो वह भी कर सकेंगे.पलंग को तीन टुकड़ों में विभाजित किया गया है.पहले मरीज पलंग को ऊपर नीचे करने के लिए बार बार नर्सिंग स्टाफ से कहते थे,लेकिन अब मरीज खुद इसे हैडंल कर सकेंगे.


एक यूनिट में दस पलंग पर एक ही चाबी होती थी.पहले चाबी तलाशनी पड़ती थी,उसके बाद पलंग को ऊपर नीचे किया जाता था. लेकिन अब मरीजों को परेशानी नहीं होगी.पलंग की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इस पलंग को चार्जेबल बैट्री के साथ ही लाइटिंग सिस्टम के साथ रखा गया है.राठौड़ ने बताया कि लाइट आने तक यह लाइट से कंट्रोल होती है.इसके बाद चाहे तो मरीज या परिजन इसमें लगी बैट्री के मोड को चालू करके उसकी सहायता से पलंग के सिस्टम को चला सकते हैं.

अजमेर. संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय की आपातकालीन यूनिट में आने वाले मरीजों के लिए खुशखबरी है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने निजी हॉस्पिटल में मरीजों को सुविधा के तौर पर दिए जाने वाले रिमोट कंट्रोल वाले पलंग जेएलएन को भी मुहैया करवाए हैं. यह पलंग पूरी तरह से ऑटोमेटिक सिस्टम पर चलते हैं.

अब मरीज इस पलंग को जिस तरह चाहे, अपनी सुविधा के अनुसार ऊपर नीचे आगे पीछे करने के साथ ही तिरछा तक कर सकते है. यह पलंग उन मरीजों के लिए राहत भरा साबित हो रहा है जिन्हें पीठ दर्द या सरवाइकल सहित दूसरी बीमारियां हैं.

जेएलएन की आपातकालीन यूनिट को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पहले चरण में दस पलंग मुहैया करवाए हैं. इन पलंग को गंभीर मरीजों व वृद्धों के लिए रखा गया है. आईसीयू व आपातकालीन यूनिट प्रभारी नर्सिंग राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक ऑटोमेटिक पलंग में 15 सिस्टम दिए हुए हैं.

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आए 10 ऑटोमेटिक पलंग


इसका सिस्टम भी काफी आसान हैं, जिसे हर कोई इस्तेमाल कर सकता है.राठौड़ ने बताया कि ऊपर नीचे करने के लिए तीर का निशान बना हुआ है.जहां पर पलंग को रोकना है,वहां पर स्टॉप का चिह्न बना है.ब्लड प्रेशर या रक्त चढ़ने के दौरान घबराहट की समस्या मरीजों को रहती है,इसके लिए पलंग काफी ऊपर किया जाता है.यह सुविधा भी इस पलंग में उपलब्ध है.कमर दर्द वालों का पलंग के बीच का हिस्सा ऊपर करना है तो वह भी कर सकेंगे.पलंग को तीन टुकड़ों में विभाजित किया गया है.पहले मरीज पलंग को ऊपर नीचे करने के लिए बार बार नर्सिंग स्टाफ से कहते थे,लेकिन अब मरीज खुद इसे हैडंल कर सकेंगे.


एक यूनिट में दस पलंग पर एक ही चाबी होती थी.पहले चाबी तलाशनी पड़ती थी,उसके बाद पलंग को ऊपर नीचे किया जाता था. लेकिन अब मरीजों को परेशानी नहीं होगी.पलंग की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इस पलंग को चार्जेबल बैट्री के साथ ही लाइटिंग सिस्टम के साथ रखा गया है.राठौड़ ने बताया कि लाइट आने तक यह लाइट से कंट्रोल होती है.इसके बाद चाहे तो मरीज या परिजन इसमें लगी बैट्री के मोड को चालू करके उसकी सहायता से पलंग के सिस्टम को चला सकते हैं.

Intro:अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय की आपातकालीन यूनिट में अाने वाले मरीजों के लिए खुशखबर है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने निजी हॉस्पिटल में मरीजों काे सुविधा के ताैर पर दिए जाने वाले रिमाेट कंट्रोल वाले पलंग जेएलएन काे भी मुहैया करवाए हैं। यह पलंग पूरी तरह से ऑटोमेटिक सिस्टम पर हैं। Body:अब मरीज इस पलंग काे जिस तरह चाहे, अपनी सुविधा के अनुसार ऊपर नीचे आगे पीछे करने के साथ ही तिरछा तक कर सकता है। यह पलंग उन मरीजों के लिए राहत भरा साबित हाे रहा है जिन्हें पीठ दर्द या सरवाइकल सहित दूसरी बीमारियां हैं।



जेएलएन की आपातकालीन यूनिट काे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पहले चरण में दस पलंग मुहैया करवाए हैं। इन पलंग काे गंभीर मरीजों व वृद्धों के लिए रखा गया है। अाईसीयू व आपातकालीन यूनिट प्रभारी नर्सिंग राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक ऑटोमेटिक पलंग में 15 सिस्टम दिए हुए हैं। Conclusion:इस सिस्टम भी काफी आसान हैं, जिसे हर काेई इस्तेमाल कर सकता है। राठौड़ ने बताया कि ऊपर नीचे करने के लिए तीर का निशान बना हुअा है। जहां पर पलंग काे राेकना है, वहां पर स्टाॅप का चिह्न बना है।


ब्लड प्रेशर या रक्त चढ़ने के दौरान घबराहट की समस्या मरीजों काे रहती है, इसके लिए पलंग काफी ऊपर किया जाता है। यह सुविधा भी इस पलंग में उपलब्ध है। कमर दर्द वालाें काे पलंग के बीच का हिस्सा ऊपर करना है ताे वह भी कर सकेंगे। पलंग काे तीन टुकड़ाें में विभाजित है। पहले मरीज पलंग काे ऊपर नीचे करने के लिए बार बार नर्सिंग स्टाफ काे कहते थे।




एक यूनिट में दस पलंग पर एक ही चाबी हाेती थी। पहले चाबी तलाशनी पड़ती थी, उसके बाद पलंग काे ऊपर नीचे किया जाता था। अब परेशानी नहीं होगी। पलंग की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इस पलंग काे चार्जेबल बैट्री के साथ ही लाइटिंग सिस्टम के साथ रखा गया है। राठौड़ ने बताया कि लाइट अाने तक यह लाइट से कंट्रोल हाेती है। इसके बाद चाहे ताे मरीज या परिजन इसमें लगी बैट्री के माेड काे चालू करके उसकी सहायता से पलंग के सिस्टम काे चला सकते हैं।


बाइट -  गजेंद्र सिंह राठौड़, नर्सिंग कर्मी हेड
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