चित्तौड़गढ़. निम्बाहेड़ा उपखण्ड के बिनोता क्षेत्र की खदानों में एक युवक ने फंदे पर लटक कर आत्महत्या (suicide) कर ली. आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है. पुलिस (police) आत्महत्या के कारणों की जांच ने जुट गई है. वहीं बिनोता में सीएचसी का नया भवन और चिकित्सक होने के बावजूद मोर्चरी नहीं होने के कारण परिजनों को भटकना पड़ रहा है. करीब 20 किलोमीटर दूर निम्बाहेड़ा उप जिला चिकित्सालय ले जाकर शव का पोस्टमार्टम (post mortem) करवाया गया है.
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निंबाहेड़ा सदर थाना क्षेत्र की बिनोता चौकी के प्रभारी एएसआई देवेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह युवक की आत्महत्या की जानकारी मिली थी. बिनोता-नारेला खदानों के पास स्थित एक क्रेशर पर कार्य कर रहे मजदूरों ने पुलिस को सूचना दी कि एक युवक ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है. इस पर मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली गई. युवक की पहचान नरसाखेड़ी निवासी विपुल पुत्र देवी सिंह आजना के रूप में हुई. यहां शव को नीचे उतरवा कर बिनोता सीएचसी लाए, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद युवक को मृत घोषित कर दिया.
बिनोता चिकित्सालय में मोर्चरी नहीं होने के कारण यहां शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया. इस पर शव को निंबाहेड़ा उपजिला चिकित्सालय ले गए, जहां पीएम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया. पुलिस जांच में सामने आया है कि यह युवक देवी सिंह आंजना का यह इकलौता पुत्र था, जो पिछले दो-चार दिन से गुमसुम रह रहा था.
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बिनोता सीएचसी प्रभारी डॉ. दिनेश मेघवाल ने बताया कि बिनोता में मोर्चरी नहीं है, जिसकी जानकारी वे आला अधिकारियों को पहले ही दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बात की गई है कि बिनोता में मोर्चरी स्थापित की जाए. उन्होंने बताया कि चिकित्सालय का भवन नया है, लेकिन अभी तक मोर्चरी नहीं है. इस कारण किसी भी घटना में शव के पोस्टमार्टम के लिए निंबाहेड़ा चिकित्सालय ही शव ले जाना पड़ता है.