जालोर. नर्मदा नहर परियोजना से राजस्थान के जालोर और बाड़मेर दो जिलों को मीठा पानी नशीब होता है, लेकिन गुजरात से राजस्थान में प्रवेश होते पानी की स्पीड को कम करने के लिए गुजरात में ठोकर का निर्माण किया गया था, जिससे राजस्थान को अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में लंबे वक्त से प्रदेश की सरकार नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण इंदौर से ठोकर (संकरी नहर) को हटा कर नहर को चौड़ा करने की मांग की जा रही थी. इसके बाद अब जाकर यह कार्य शुरू हो पाया है.
जानकारी के अनुसार नर्मदा नहर परियोजना के राजस्थान-गुजरात सीमा पर मुख्य कैनाल में ठोकर बनाई हुई थी, जिससे राजस्थान को बहुत कम और धीमी रफ्तार से पानी मिलता था. ऐसे में उसको हटाने के लिए राजस्थान सरकार लम्बे समय से प्रयासरत थी, लेकिन गुजरात द्वारा हटाया नहीं जा रहा था. पिछली रबी की सीजन में गुजरात सरकार की मनमानी और राजनीतिक साजिश की वजह से पानी की कमी पर राजस्थान सरकार के दवाब के चलते नर्मदा नहर परियोजना से जुड़े सभी महकमों की जो उच्चस्तरीय बैठकें हुईं, उनमें यह ठोकर (rider) हटाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था.
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इसके अलावा विभिन्न कमियों को दूर करने की मांग की गई थी, जिसके बाद नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण इंदौर, सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड गांधीनगर (गुजरात) और जयपुर नर्मदा नहर डिजाइनिंग विभाग के संयुक्त निरीक्षण में पाई गई कमियों को दूर करने के लिए नर्मदा नहर परियोजना के राजस्थान सीमा पर मुख्य कैनाल में बनी ठोकर हटाने का टेंडर 1 अप्रैल को जारी किया गया था. अब ठोकर को हटाने का कार्य शुरू हो चुका है.
वन मंत्री करेंगे निरीक्षण
सूबे के वन मंत्री सुखराम बिश्नोई कल नर्मदा नहर परियोजना के जीरो हेड पर ठोकर हटाने के कार्य का निरीक्षण करेंगे. वन मंत्री के निजी सहायक विरमा राम जाणी ने बताया कि सांचोर विधानसभा क्षेत्र में नर्मदा नहर परियोजना से ज्यादातर हिस्सा सिंचित होता है. ऐसे में इस प्रमुख कार्य को लेकर मंत्री बिश्नोई काफी गंभीर है. उनके द्वारा रविवार को निर्माण कार्य का जायजा लिया जाएगा.