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श्रीगंगानगर में बूचड़खाना बंद करवाने को लेकर चल रहा अनशन समाप्त - slaughterhouse in Sriganganagar

श्रीगंगानगर के पुरानी आबादी क्षेत्र में अवैध रुप से चल रहे बूचड़खाने के खिलाफ किया जा रहा अनशन शुक्रवार को समाप्त करवा दिया गया. बता दें कि अनशन कर रहे नरेश शर्मा ने 26वें दिन अनशन समाप्त किया है.

hunger strike in shriganganagar, श्रीगंगानगर में अनशन
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Published : Oct 4, 2019, 3:30 PM IST

श्रीगंगानगर. पुरानी आबादी में कथित तौर पर अवैध बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन कर रहे नरेश शर्मा ने 26 वें दिन अनशन समाप्त कर दिया. तहसीलदार संजय अग्रवाल ने जिला अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में अनशन तुड़वाया.

बूचड़खाना बंद करवाने को लेकर अनशन समाप्त

नगर परिषद ने बूचड़खाना संचालकों के पशु जप्त करने का आश्वासन देते हुए इसके लिए एक कमेटी बनाई है. जिसमें राजस्व अधिकारी मिलखराज चुग सहित कई अधिकारी कर्मचारी शामिल किए गए हैं. वहीं, जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर नरेश शर्मा को स्वास्थ्य में गिरावट आने पर बीकानेर रेफर किया गया है.

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बता दें कि नरेश शर्मा ने अवैध पुरानी आबादी निवासी बसीर खान पर आरोप लगाते हुए उनके द्वारा चलाये जा रहे बूचड़खाना पर कारवाई की मांग करते हुए अनशन शुरू किया था. वहीं अनशनकारी ने जिला अस्पताल में अनशन के दौरान इलाज लेने से भी इंकार कर दिया था.

वहीं 27 सितंबर को नरेश शर्मा अपने आमरण अनशन को नगर परिषद में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के सामने स्थापित किया. जिसके बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
नरेश शर्मा ने आरोप लगाया था की गंगानगर शहर की घनी आबादी के इलाके में असामाजिक तत्व अवेध बूचड़खाने संचालित कर रहे हैं. जहां चोरी के पशुओं को काटा जाता है.

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वहीं नरेश शर्मा ने जिस व्यक्ति पर अवेध बूचड़खाना चलाने का आरोप लगाया था, उसने अनशनकारी शर्मा पर ही सवाल खड़े कर दिए. आरोप लगाने के बाद संबंधित व्यक्ति ने कहा कि वह किसी प्रकार का बूचड़खाना नहीं चलाता है. घरेलू विवाद में उसे बेवजह घसीटने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले को ही गलत ठहरा दिया है.

श्रीगंगानगर. पुरानी आबादी में कथित तौर पर अवैध बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन कर रहे नरेश शर्मा ने 26 वें दिन अनशन समाप्त कर दिया. तहसीलदार संजय अग्रवाल ने जिला अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में अनशन तुड़वाया.

बूचड़खाना बंद करवाने को लेकर अनशन समाप्त

नगर परिषद ने बूचड़खाना संचालकों के पशु जप्त करने का आश्वासन देते हुए इसके लिए एक कमेटी बनाई है. जिसमें राजस्व अधिकारी मिलखराज चुग सहित कई अधिकारी कर्मचारी शामिल किए गए हैं. वहीं, जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर नरेश शर्मा को स्वास्थ्य में गिरावट आने पर बीकानेर रेफर किया गया है.

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बता दें कि नरेश शर्मा ने अवैध पुरानी आबादी निवासी बसीर खान पर आरोप लगाते हुए उनके द्वारा चलाये जा रहे बूचड़खाना पर कारवाई की मांग करते हुए अनशन शुरू किया था. वहीं अनशनकारी ने जिला अस्पताल में अनशन के दौरान इलाज लेने से भी इंकार कर दिया था.

वहीं 27 सितंबर को नरेश शर्मा अपने आमरण अनशन को नगर परिषद में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के सामने स्थापित किया. जिसके बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
नरेश शर्मा ने आरोप लगाया था की गंगानगर शहर की घनी आबादी के इलाके में असामाजिक तत्व अवेध बूचड़खाने संचालित कर रहे हैं. जहां चोरी के पशुओं को काटा जाता है.

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वहीं नरेश शर्मा ने जिस व्यक्ति पर अवेध बूचड़खाना चलाने का आरोप लगाया था, उसने अनशनकारी शर्मा पर ही सवाल खड़े कर दिए. आरोप लगाने के बाद संबंधित व्यक्ति ने कहा कि वह किसी प्रकार का बूचड़खाना नहीं चलाता है. घरेलू विवाद में उसे बेवजह घसीटने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले को ही गलत ठहरा दिया है.

Intro:श्रीगंगानगर : पुरानी आबादी में कथित तौर पर अवैध बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन कर रहे नरेश शर्मा ने 26 वें दिन अनशन समाप्त कर दिया.अनशन तहसीलदार संजय अग्रवाल ने जिला अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में तुड़वाया.नगर परिषद ने बूचड़खाना संचालकों के पशु जप्त करने का आश्वासन देते हुए इसके लिए एक कमेटी बनाई है जिसमें राजस्व अधिकारी मिलखराज चुग सहित कई अधिकारी कर्मचारी शामिल किए गए हैं। वही जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर नरेश शर्मा को स्वास्थ्य में गिरावट आने पर बीकानेर रेफर किया गया है।




Body:इससे पहले नरेश शर्मा ने अवैध पुरानी आबादी निवासी बसीर खान पर आरोप लगाते हुए उनके द्वारा चलाये जा रहे बूचड़खाना पर कारवाई की मांग करते हुए अनशन शुरू किया था। अनशनकारी ने जिला अस्पताल में अनशन के दौरान इलाज लेने से भी इंकार कर दिया था। बाद में 27 सितंबर को नरेश शर्मा अपने आमरण अनशन को नगर परिषद में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के सामने स्थापित किया। जहां से बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। नरेश शर्मा ने आरोप लगाया था की गंगानगर शहर की घनी आबादी के इलाके में असामाजिक तत्वों द्वारा अवेध बूचड़खाने संचालित किये जा रहे हैं। जहां चोरी के पशुओं को काटा जाता है। वही अनशनकारी नरेश शर्मा द्वारा बसीर खान नामक जिस व्यक्ति पर अवेध बूचड़खाना चलाने का आरोप लगाया उसने अनशनकारी शर्मा पर ही सवाल खड़े करते हुए किसी प्रकार का बूचड़खाना नही चलने व घरेलू विवाद में उन्हें बेवजह घसीटने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले को ही गलत ठहरा दिया।

बाइट : नरेश शर्मा,अनशनकारी
बाइट : बसीर खान





Conclusion:कारवाई के आश्वाशन पर तोड़ा अनशन।
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